सूचनाएँ/Information ☆ व्यंग्यम रचना पाठ गोष्ठी – अविराम यात्रा ☆ प्रस्तुति – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री जय प्रकाश पाण्डेय

🌹व्यंग्यम रचना पाठ गोष्ठी – अविराम यात्रा🌹

ख्यातिलब्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई जी की जन्मशती पर जबलपुर की ‘व्यंग्यम’ संस्था ने तय किया है कि इस बार साल भर चलने वालीं व्यंग्यम की मासिक रचना पाठ गोष्ठियां परसाई जी को समर्पित होंगी। परसाई जी की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से 42 साल पहले जबलपुर से व्यंग्यम पत्रिका निकलती थी, उस समय देश की एकमात्र पत्रिका, जो पूर्णतः व्यंग्य को समर्पित थी, व्यंग्यम की याद में व्यंग्य को केंद्र में रखकर 68 माह से लगातार व्यंग्यम गोष्ठियों का प्रति माह आयोजन होता है।

जय नगर स्थित जय प्रकाश पाण्डेय के निवास पर आयोजित अप्रैल (2023) माह की गोष्ठी में हरिशंकर परसाई के जन्मशती पर होने वाले आयोजन कर चर्चा हुई और सुझाव मांगे गए। प्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ कुंदन सिंह परिहार की अध्यक्षता में गोष्ठी प्रारंभ हुई, जिसमें नौ व्यंग्यकारों ने अपनी अपनी नवीनतम रचनाओं का पाठ किया। श्री विजय तिवारी किसलय जी ने “ईमानदारी और शराफत के ठहाके”, यशोवर्धन पाठक जी ने “होम करते हाथ जले”, ओपी सैनी जी ने “नेतागिरी” , जय प्रकाश पांडेय जी ने “निवास की महारानी की लंदन में अंग्रेजों से बातचीत”, अभिमन्यु जैन जीचलो दिलदार चलो” , राकेश सोहम जी ” महाशय !यह गीले आटे का आशय”,  दिनेश अवस्थी जी ने “कोढ़”, रमेश सैनी जी ने “रामलाल की चिंता” और डॉ कुंदन सिंह परिहार जी ने “कथा एक पुल के उद्घाटन की

गोष्ठी का संचालन रमेश सैनी और आभार प्रदर्शन जयप्रकाश पांडेय ने किया। इस अवसर पर व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के जन्म शताब्दी अवसर पर एक आयोजन करने की योजना पर चर्चा की । गोष्ठी के अंत में दिल्ली के डाॅ राजेश कुमार एवं डॉ लालित्य ललित के सम्पादन में ज्ञानमुद्रा प्रकाशन से प्रकाशित “हमारे समय के धनुर्धरी व्यंग्यकार” पुस्तक वितरित की गई जिसमें रमेश सैनी, जय प्रकाश पाण्डेय,और राकेश सोहम की रचनाएं छपी है। ये प्रतियां भोपाल के ज्ञानमुद्रा प्रकाशन द्वारा डाक से भेजीं गईं थीं।

साभार –  श्री जय प्रकाश पाण्डेय

416 – एच, जय नगर, आई बी एम आफिस के पास जबलपुर – 482002  मोबाइल 9977318765  

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है। देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल / पुस्तक मेले / साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

☆ राजकीय पत्रिकाओं का योगदान कितना ?

देश भर में राजकीय साहित्यिक पत्रिकाओं का प्रकाशन लम्बे समय से हो रहा है। हरियाणा साहित्य अकादमी की हरिगंधा, हिमाचल से हिमप्रस्थ और गिरिराज साप्ताहिक, जम्मू कश्मीर से शिराजा, उत्तर प्रदेश सरकार की उत्तरप्रदेश, राजस्थान साहित्य अकादमी की मधुमति, दिल्ली से इंद्रप्रस्थ भारती, साहित्य अकादमी की समकालीन भारतीय साहित्य, पंजाब के भाषा विभाग से पंजाब सौरभ आदि पत्रिकायें मेरे ध्यान में हैं। इनके अतिरिक्त भी हो सकती हैं। इन पत्रिकाओं में हिमप्रस्थ और शीराजा ने तो विशेषांक भी दिये हैं और हरिगंधा भी महिला विशेषांक नियमित हर वर्ष मार्च माह में प्रकाशित करता है। समकालीन भारतीय साहित्य का तो हर अंक ही विशेषांक के समान होता है। इसी प्रकार केंद्र सरकार की ओर से आजकल भी एक चर्चित पत्रिका है। इसके बावजूद अनेक राजकीय पत्रिकायें लेखकों को दिये जाने वाले पारिश्रमिक से ही वार्षिक शुल्क काटने की पेशकश करती हैं और इस तरह इनकी सर्कुलेशन चलती रहती है जिसे अधिकांश लेखक पसंद तो नहीं करते लेकिन कुछ कह भी नहीं सकते ! क्या इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं ? इन पत्रिकाओं के प्रचार-प्रसार पर अलग से योजना बनाई जानी चाहिए। यह मेरा विचार है। यह मेरा अनुभव भी है जिन दिनों हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेवारी मिली और कथा समय मासिक पत्रिका प्रकाशित की। तब इस परंपरा से कुछेक लेखकों ने जब इस तरह शुल्क काटने पर विरोध किया एक लेखक होने के नाते तब मुझे इसकी गंभीरता पता चली। दूसरे इन पत्रिकाओं का निरंतर चर्चा होना चाहिए। बुक स्टाॅल्ज पर रखी जानी चाहिएं। कुछ पत्रिकायें उपलब्ध हैं और बिक्री भी होती है। फिर भी और प्रयास किये जाने चाहिएं।

हिसार में चुपके चुपके महकी गजल :  पाठक मंच की ओर से गीत गजल का कार्यक्रम करवाया गया जिसमें गजल महकी और वह भी चुपके चुपके ! प्रसिद्ध गजल गायक व हिसार के ही मूल निवासी सुशील चावला, राजेश राजपालईशा खन्ना ने अपनी अपनी प्रस्तुतियां  देकर समां बांध दिया जबकि ये रिश्ता क्या कहलाता है, दिल दियां गल्लां, सास बिना ससुराल जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों की लेखिका मुनीष राजपाल ने अपनी लेखन कला व रंगमंच के सफर की शानदार जानकारी दी। सुशील चावला और मुनीषराजेश राजपाल संयोगवश शहर में थे और उन्हें पाठक मंच ने आमंत्रित कर लिया। कार्यक्रम की मुख्यातिथि प्रसिद्ध समाज सेविका पंकज संधीर थीं और उन्होंने कहा कि इस छोटे से कार्यक्रम ने मुझे बहुत ताजगी प्रदान की है और उन्हें यह भी खुशी है कि हिसार के कलाकार मुम्बई में अपनी पहचान ही नहीं बना रहे बल्कि मजबूती से कदम जमा रहे हैं। यह भी खुशी की बात है कि सीनियर माॅडल स्कूल के दो छात्र सुशील चावला और राजेश राजपाल ने कला क्षेत्र में कितना सफर तय कर लिया है। इनके प्रोजेक्ट में भी सहयोग देने का विश्वास दिलाया।

सुशील चावला ने चुपके चुपके रात दिन, मांयें नी मेरिये, चम्बा कितनी कू दूर, मैंनू तेरा शबाब लै बैठा, चमकते चांद को टूटा हुआ तारा बना डाला आदि विभिन्न रंग के गीत व गजल आदि सुनाये और वाह-वाह लूटी। इसी प्रकार डाॅ ईशा खन्ना ने उमराव जान की लोकप्रिय गजल -इन आखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं और आज जाने की जिद्द न करो जैसे बहुत कर्णप्रिय गीत/गजल प्रस्तुत किये। इसी प्रकार राजेश राजपाल ने आने वाला पल जाने वाला है गाकर सबको आनंदित कर दिया। राजेश राजपाल मुम्बई में फिल्म महोत्सव सीरियल निर्देशक हैं। इस अवसर पर अमरनाथ प्रसाद, पूनम चावला, राकेश मलिक, रश्मि, नीलम सुंडा, गीतकार सतीश कौशिक, नीलम भारती आदि मौजूद थे।

शुभतारिका के दो विशेषांक : हरियाणा के अम्बाला छावनी से पिछले पचास वर्ष से प्रकाशित हो रही मासिक पत्रिका शुभतारिका ने दो विशेषांकों की घोषणा की है – व्यंग्य विशेषांक और लघुकथा विशेषांक। सबसे दिलचस्प बात यह है कि संभवतः अकेली शुभतारिका ऐसी पत्रिका है जिसकी ओर से छठवाँ लघुकथा विशेषांक प्रकाशित किये जाने की घोषणा की गयी है। यह बहुत ही सराहनीय है।

विजय को सम्मान : दिल्ली के रंगकर्मी विजय को पुणे की संस्था ने रंगकर्म के क्षेत्र में किये गये योगदान के लिये सम्मानित किया है। बधाई

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ. नीला देवल – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सौ. नीला देवल

💐अ भि नं द न 💐

आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका सौ. नीला देवल यांची ‘अग्निशिखा’ ही ऐतिहासिक कादंबरी  नुकतीच प्रकाशित झाली आहे.

💐 सौ.नीला देवल यांचे या अभ्यासपूर्ण कादंबरीबद्द्ल ई-अभिव्यक्ती समुहातर्फे हार्दिक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा.💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – हेमन्त बावनकर – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

हेमन्त बावनकर

💐अ भि नं द न 💐

ई-अभिव्यक्ती समुहाचे मुख्य संपादक श्री. हेमंतजी बावनकर यांना हिंदी आंदोलन परिवार या संस्थेतर्फे हिंदी साहित्याच्या प्रसाराबद्द्ल ‘हिंदीश्री’ हा सन्मान जाहीर झाला आहे. आपणा सर्वांसाठी ही आनंदाची व अभिमानाची घटना आहे.

💐 अभिव्यक्ती परिवार तर्फे श्री बावनकर यांचे हार्दिक अभिनंदन ! 💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ.ज्योत्स्ना तानवडे – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सौ.ज्योत्स्ना तानवडे

💐अ भि नं द न 💐

आपल्या समूहातील लेखिका व कवयित्री सुश्री ज्योत्स्ना तानवडे यांना सार्वजनिक वाचनालय कल्याण तर्फे जागतिक महिला दिनानिमित्त आयोजित निबंध स्पर्धेत प्रथम क्रमांक प्राप्त झाला आहे. त्याबद्दल संपादक मंडळातर्फे त्यांचे हार्दिक अभिनंदन, व पुढील साहित्यिक वाटचालीसाठी हार्दिक शुभेच्छा. 

निबंधाचा विषयमाझे प्रेरणास्थान “स्फूर्ती देवता” — 

आजच्या व उद्याच्या अंकात वाचूया हा पुरस्कारप्राप्त निबंध. 

💐 सौ.तानवडे यांचे ई अभिव्यक्ती मराठी समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा 💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ अमृतकाल में भारत के स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका विषय पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ करेंगे अमृत-मंथन ☆ प्रस्तुति – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹अमृतकाल में भारत के स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका विषय पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ करेंगे अमृत-मंथन🌹

स्वास्थ्य संसद के सभापति होंगे प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश, उपसभाति बनें पूर्व डीजीपी एस.के.राउत

• भोपाल में लगेगा स्वास्थ्य संसद

• अमृतकाल में भारत के स्वास्थ्य एवं मीडिया की भूमिका विषय पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ करेंगे अमृत-मंथन

नयी दिल्ली/ स्वास्थ्य संसद के सभापति माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्याय के कुलपति एवं वरिष्ठ संचारकर्मी प्रो.के.जी. सुरेश को बनाया गया है जबकि उपसभापति का दायित्व मध्यप्रदेश के पूर्व डीजीपी एस.के.राउत को मिला है।

श्री सुरेश जहां स्वास्थ्य संचार में एक स्थापित नाम है, वहीं 1974 बैच के आइ.पी.एस. अधिकारी एस.के.राउत 2008-12 तक मध्यप्रदेश के डीजीपी रह चुके हैं। इस बावत मीडिया से बात करते हुए आयोजकों ने बताया कि दोनों वरिष्ठों के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में तीन दिवसीय स्वास्थ्य संसद का आयोजन होगा।

‘अमृतकाल में भारत का स्वास्थ्य और मीडिया की भूमिका’ विषय पर तीन दिनों तक अमृत मंथन चलेगा। अमृत-मंथन से निकले सार को देश के स्वास्थ्य संबंधित नीति-निर्धारकों के साथ साझा किया जाएगा। उक्त जानकारी स्वास्थ्य संसद के संयोजक व स्वस्थ भारत (न्यास) के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने दी।

साभार –  श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव 

भोपाल, मध्यप्रदेश   

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ.ज्योत्स्ना तानवडे – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सौ.ज्योत्स्ना तानवडे

💐अ भि नं द न 💐

आपल्या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका व कवयित्री सौ. ज्योत्स्ना तानवडे यांना साकव्य विकास मंच आयोजित अभंग लेखन स्पर्धेत  सर्वोउत्कृष्ट क्रमांक प्राप्त झाला आहे.

💐 सौ.तानवडे यांचे ई अभिव्यक्ती मराठी समुहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील लेखनासाठी शुभेच्छा 💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है। देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल / पुस्तक मेले / साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

☆ राजगढ़ में लघुकथा सम्मेलन

राजस्थान के कस्बे राजगढ़ में राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के सहयोग से साहित्य समिति ने दो दिवसीय लघुकथा सम्मेलन आयोजित किया । इसका उद्घाटन सादुलपुर की विधायक व प्रसिद्ध खिलाड़ी कृष्णा पूनिया व अकादमी के अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने किया । इसमें देश भर से कम से कम चालीस लघुकथाकार शामिल हुए और दोनों दिन लघुकथा पाठ के सत्र बहुत ही प्रभावशाली रहे । उद्घाटन सत्र में कुछ पत्रिकाओं व लघुकथा संग्रहों का विमोचन भी किया गया । इस सफल आयोजन के लिये डाॅ रामकुमार घोटड़ बधाई के पात्र हैं जो हर समय अतिथियों की सेवा सत्कार में जुटे रहे । इनकी धर्मपत्नी लाजवंती व बेटी डाॅ प्रेरणा भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ रहीं । ऐसा आयोजन मुश्किल से हो पाता है पर यह बहुत स्मरणीय रहा । इससे पहले पंजाब की मिन्नी संस्था ने पिछले वर्ष अक्तूबर माह में लघुकथा सम्मेलन किया था ।

कथा संवाद के सम्मान : प्रसिद्ध कथाकार से रा यात्री के बेटे आलोक यात्री, संभाष चंदरशिवराज मिलकर गाजियाबाद में चला रहे हैं -कथा संवाद ! इसमें प्रतिमाह कथा गोष्ठी का आयोजन करते हैं । अगले माह मई मे वे देने जा रहे हैं कथा सम्मान ! इसमें अनेक नामों के बीच कथाकर सिनीवाली का नाम उल्लेखनीय है । वे गाजियाबाद में ही रहती हैं । उनके नये कथा संग्रह का नाम है -गुलाबी नदी की मछलियां ! इसमें नौ कहानियां संकलित हैं और बहुत ही प्रभावशाली हैं । आने वाले समय की महत्त्वपूर्ण कथाकार को सम्मानित किये जाने की घोषणा पर बधाई ।

मुम्बई में बैठकी : जहां जहां लेखक जाते हैं, वहीं वहीं रचनाकार उनके स्वागत् करें, गोष्ठियां करें तो कितना अच्छा हो । ऐसे ही खुशकिस्मत लेखक हैं व्यंग्य यात्रा के संपादक व प्रसिद्ध व्यंग्यकार डाॅ प्रेम जनमेजय जिनको मुम्बई पहुंचने पर भी पूरा प्यार, सम्मान व स्नेह मिलता है। इसी स्नेह के चलते वे जब पुष्पा भारती से मिले तब एक नयी पुस्तक ने जन्म लिया जो प्रसिद्ध रचनाकार व धर्मयुग के यशस्वी संपादक धर्मवीर भारती पर आधारित रही बल्कि एक सम्मान भी तय हुआ धर्मवीर भारती की स्मृति में । मुम्बई में उनका बेटा रहता है, जब वे वहां जाते हैं तो मुम्बईकर हो जाते हैं। आजकल मुम्बईकर हैं डाॅ प्रेम जनमेजय! वे कहते हैं कि मुम्बई में मेरा आत्मीय साहित्यिक परिवार है। इस परिवार के एक महत्वपूर्ण हिस्से–हरीश पाठक, संजीव निगम और सुभाष काबरा संग बैठकी का मुक्तानन्द प्राप्त किया। इनके ताज़ा व्यंग्य संकलन ‘सींग वाले गधे’ और व्यंग्य यात्रा के ताजा अंक ने, सही हाथों में पहुंचकर इस आनंद को दो दूनी चार कर दिया ।

भिवानी में नाट्य कार्यशाला : मीरा कल्चरल सोसायटी के संचालक व रंगकर्मी सोनू रोझिया ने आजकल भिवानी में नाट्य कार्यशाला चला रखी है । इसे अनोखी कार्यशाला भी कह सकते हैं क्योंकि इसमें साठ वर्ष से ऊपर की महिलायें भी आ रही हैं और सारी महिलायें ही हैं । बधाई ।

हिसार में ईना , मीना, डीका : इसी बीच हिसार की नृत्यम् संस्था की ओर से ईना , मीना , डीका बाल नाटक का मंचन किया गया जिसमें छब्बीस कलाकारों ने अपना कमाल दिखाया । यह बाल नाटक गीत, संगीत व सीख का मिश्रण है । तीन लड़कियाँ अनाथाश्रम से भागती हैं और इसी भागमभाग में वे दहेज के लोभी दूल्हे , बच्ची की खरीद फरोख्त कर रहे लोभी व्यक्ति और वृद्धा मां को रेलवे स्टेशन पर छोड़कर गये बेटे से टकराती हैं और उन्हें सबक सिखाती हैं । इसी बीच अनाथाश्रम का मैनेजर दो गुंडों के साथ इन्हें पकड़ना चाहता है जबकि वे इन्हें भी धराशायी कर देती हैं । इस तरह बहुत ही प्रभावशाली मंचन संजय सेठी और ज्योति चुघ के निर्देशन में ! बहुत बहुत बधाई ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा डॉ मुक्ता के गहरे पानी पैठ आलेख-संग्रह का हुआ लोकार्पण ☆ साभार – डॉ निशा अग्रवाल

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा डॉ मुक्ता के गहरे पानी पैठ आलेख-संग्रह का हुआ लोकार्पण 🌹

कल दिनांक 8 अप्रैल 2023 को अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय संस्था, बंगलौर द्वारा हिंदी भवन,नई दिल्ली में डॉ मुक्ता,माननीय राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत,हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा श्रेष्ठ महिला रचनाकार के सम्मान से सम्मानित,सदस्य केंद्रीय साहित्य अकादमी,पूर्वनिदेशक हरियाणा साहित्य अकादमी, तदोपरांत पूर्वनिदेशक,हरियाणा ग्रंथ अकादमी को साहित्यिक-सांस्कृतिक उत्कृष्ट योगदान के निमित्त अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय सम्मान 2022 से अलंकृत किया गया।

गहरे पानी पैठ अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में रचित डॉ• मुक्ता का दसवाँ आलेख-संग्रह का जिसमें पचहत्तर आलेख संग्रहीत हैं।प्रथम भाग में समसामयिक ज्वलंत मुद्दों से संबंधित 37 चिंतनपरक आलेख हैं और द्वित्तीय भाग में सकारात्मक सोच से संबंधित 38 सुचिंतनपरक आलेख हैं,जिनमें जीवन-दर्शन निहित है और वे मानव को जीने की सहज व सुगम राह दर्शाते हैं।जीवन के रंग अजब-गज़ब हैं और प्रकृति पल-पल रंग बदलती है।समय निरंतर बहता रहता है।साहित्यकार अपने आसपास जो देखता व अनुभव करता है,उनमें से कुछ घटनाएं,हादसे व पात्र उसके ज़हन में इस क़दर घर बना लेते हैं,जिनके प्रभाव से वह चाहकर भी मुक्त नहीं हो पाता।उन असामान्य परिस्थितियों में उसकी लेखनी हृदय के उद्वेलन को शब्दबद्ध करने को विवश कर देती है।सो!यह है समसामयिक चिंतन के आलेखों की रूपरेखा,जो इस संग्रह के प्रथम भाग का हिस्सा बने हैं।उक्त ज्वलंत मुद्दे हमारे जीवन को प्रभावित नहीं करते, तहलक़ा तक मचा देते हैं। वास्तव में वे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।इसलिए लेखक उनका सांगोपांग विश्लेषण करने को बाध्य होता है।

द्वितीय खंड के आलेख भोर की सिंदूरी आभा की स्वर्णिम रश्मियाँ हैं,जो संपूर्ण विश्व को ही नहीं;जनमानस को भी आलोकित व ऊर्जस्वित करती हैं।वे संशय व दुविधाग्रस्त भ्रमित मानव का पथ-प्रशस्त कर विषम विसंगतियों से आहत व त्रस्त हृदय को आत्मविश्वास से आप्लावित करती हैं;उजास से भरती हैं तथा जीवन से निराश मानव को आशान्वित करती हैं।ये आलेख मरूभूमि में भटकते अतृप्त मानव मन की तृषा को शांत करने में समर्थ है;दु:खों के सागर में डूबते-उतराते मानव को साहिल तक पहुंचाने की क्षमता रखते हैं तथा जीवन में समन्वय व सामंजस्यता को अपनाने की सीख देते हैं। वास्तव में साहित्य संवेदनाओं, एहसासों व जज़्बातों का लेखा-जोखा है,जिनका सृजन- अनुभव सागर के गहरे जल में पैठकर किया जा सकता है। जनवरी माह में विश्व पुस्तक मेले में इंद्रप्रस्थ लिट्रेचर फेस्टिवल के समृद्ध मंच पर डॉ• मुक्ता के क्षितिज चिंतन के आलेख-संग्रह का लोकार्पण हुआ और उन्हें विशिष्ट साहित्य सेवा अवॉर्ड 2022 से विभूषित किया गया।

 – डॉ मुक्ता 

🌹 अभ्युदय अन्तरराष्ट्रीय द्वारा हिन्दी भवन दिल्ली में पुस्तक लोकार्पण व आस्ट्रेलिया से पधारी विश्व प्रसिद्ध विदुषी डॉ मृदुल कीर्ति व जयपुर से पधारी वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला बिहारी जी के विशेष स्वागत व सम्मान में भव्य आयोजन 🌹

अभ्युदय अन्तर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। तत्पश्चात नरेंद्र शर्मा खामोश द्वारा सरस्वती वंदना व चंदा प्रह्लादका, इन्दु झुनझुनवाला, रचना शर्मा तथा मञ्जरी पाण्डेय द्वारा गाए गए संस्था के ध्येयगीत के साथ आयोजन का प्रारम्भ हुआ। प्रारम्भ में शाॅल, मुक्तकमाला, मनीप्लांट के पौध प्रदान कर अतिथियों का भव्य स्वागत हुआ।

इस भव्य आयोजन में वर्ष 2022 का धोषित अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय संस्था का 21,000 /- (इक्कीस हजार) राशि के साथ अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय शलाका सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार मृदुला बिहारी, अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय आदि शंकराचार्य सम्मान 2021 डॉ. मृदुल कीर्ति व अभ्युदय अंतर्राष्ट्रीय चित्रा मुद्गल सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार डॉ शशी मंगल को प्रदान किया गया । इसके साथ ही दिल्ली की कुछ ख्यातिलब्ध विभूतियों को भी सम्मानित किया गया ।

संस्था की संस्थापक अध्यक्ष डाॅ इन्दु झुनझुनवाला ने स्वागत के साथ संस्था की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की ।

इस अवसर पर लोकार्पित दस पुस्तकें थीं –

कबीर एक शाश्वत यात्रा, प्रेमचंद कथन और संदर्भ, वो जो गुमनाम हुए – ये तीन पुस्तकें अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय द्वारा सम्पादित व प्रकाशित की गई।

बूंद बूंद जीवन व आज की अहिल्या – डॉ इन्दु झुनझुनवाला

यशोधरा, वृथा नही है रागिनी – चन्दा प्रह्लादका

भाव प्रवाह- छत्र छाजेड

शिक्षा के बदलते स्वरूप – डॉ निशा अग्रवाल

गहरे पानी पैठ – डॉ मुक्ता

परिचर्चा में वरिष्ठ साहित्यकारों ने अपने विचार रखे ।

जिनमें मुख्य रूप से कबीर पुस्तक पर बोलते हुए दिल्ली दूरदर्शन के भूतपूर्व निदेशक डाॅ अमरनाथ “अमर” जी ने कबीर की शाश्वत यात्रा से अभ्युदय की यात्रा का अद्भुत साम्य बताते हुए शोधार्थियों के लिये एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया। मुख्य अतिथि, जाने माने साहित्यकार, शिक्षाविद प्रो ( डाॅ) नवीनचन्द्र लोहनी ने प्रेमचंद पर सारगर्भित वक्तव्य देते हुए हर युग मे प्रासंगिक प्रेमचंद से लिखने की ताकत ग्रहण करने की बात कही। काशी से पधारी प्रो ( डाॅ) रचना शर्मा ने गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित संस्मरणों पर आधारित डाॅ इन्दु झुनझुनवाला द्वारा संपादित पुस्तक पर भावपूर्ण वक्तव्य देते हुए स्वतंत्रता के लिये गुमनाम कुर्बानियों के संस्मरण का उल्लेख किया।

डाॅ इन्दु द्वारा लिखित आज की अहिल्या पर अपने विचार व्यक्त करती हुई कलकत्ता से पधारी चंदा प्रह्लादका ने पुस्तक के अंश पर आधारित नारी सशक्तिकरण का उल्लेख करते हुए आज के संदर्भ में संदर्भित अहल्या के स्वरूप का वर्णन किया। डाॅ इन्दु की दूसरी पुस्तक ” बूँद बूँद जीवन” पर काशी से आई डाॅ मञ्जरी ने पुस्तक पर विचार व्यक्त करते हुए बताया – कि नट नटी संवाद की तरह कथोपकथन शैली पर आधारित संस्कृत के चम्पू काव्य विधा मे लिखा है । इसकी कहानी पूर्णतया नारी संघर्ष पर और आज के लिये प्रेरक है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार विजयकिशोर मानव ने अभ्युदय के भगीरथ प्रयास की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए सभी साहित्यकारों को एकजुट होकर सार्थक सृजन का समर्थन करने पर बल दिया । इसके लिये कार्यशालाओं के आयोजन की भी अपील की ।

वरिष्ठ कवि व साहित्यकार लक्ष्मीशंकर बाजपेयी ने भी महत्वपूर्ण आयोजन और साहित्य की वर्तमान दशा पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए सारगर्भित वक्तव्य दिया । विशिष्ट अतिथि जयपुर से आयीं मृदुला बिहारी अभिभूत थी । अस्वस्थता के बावजूद भव्य आयोजन का हिस्सा बनीं और साहित्य संबंधी महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला । ऑस्ट्रेलिया से विशेष रूप से आई परम विदुषी मृदुलकीर्ति जी ने उपनिषद, गीता पर अपने काव्यानुवाद को सुना कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया । आपने ओजस्वी भाषण से सबको झंकृत किया ।

दिल्ली आकाशवाणी के पूर्व सहायक निदेशक संस्था के उपाध्यक्ष भीमप्रकाश शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया । सफल संचालन चार सत्रों में सुषमा सिंह, डाॅ प्रियंका कटारिया, सुमन द्विवेदी, सुनीता बंसल, डॉ निशा अग्रवाल ने किया ।

इस आयोजन में सहभागिता निभाने के लिए राजस्थान से पश्चिम जोन की अध्यक्ष डॉ निशा अग्रवाल, विशेष सचिव राजपूताना इतिहास के अध्येता शिवराज पाल, संतोष बंसल, सुरेश बिंदल, रामवतार बैरवा , आचार्य विजय आर्य, सुषमा आर्य, छत्र छाजेड , चन्मद्हारशेखर आश्री, कर्नल प्रताप सिंह, मदन साहनी, शाखा की अध्यक्ष लता नौवाल, हरियाणा शाखा सचिव मंजु तंवर, डाॅ महालक्ष्मी केशरी के साथ दिल्ली व हरियाणा के संस्था के पदाधिकारियों व सदस्यों के साथ दिल्ली शहर के तमाम प्रतिष्ठित वरिष्ठ गणमान्य साहित्यकारों व कलाप्रेमियों विद्वतजनों जैसे रमा सिंह, डाॅ मुक्ता, अमरजीत कौर आदि की गरिमामय उपस्थिति ने कार्यक्रम को अद्भुत स्वरूप प्रदान किया । कला साहित्य संस्कृति को समर्पित संस्था “कस्तूरी” और उसके कलाकारों व अभ्युदय अंतरराष्ट्रीय के उपस्थित सदस्यों को माला, प्रमाणपत्र आदि से अभिनन्दन किया गया।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन आकाशवाणी के भूतपूर्व निदेशक संस्था के उपाध्यक्ष भीमप्रकाश शर्मा जी ने किया ।

– डाॅ इन्दु झुनझुनवाला, संस्थापक अध्यक्ष, अभ्युदय अन्तर्राष्ट्रीय संस्था

साभार –  डॉ निशा अग्रवाल, जयपुर ,राजस्थान

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचना/Information ☆ ।। स्मृतिशेष पिता स्व.विलास ज्ञानोबा उबाळे की स्मृति में सुपुत्री डॉ. प्रेरणा विलास उबाळे की ओर से पुस्तकें और छात्रवृत्ति प्रदत्त।। ☆ डॉ प्रेरणा उबाळे ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🍁।। स्मृतिशेष पिता स्व.विलास ज्ञानोबा उबाळे की स्मृति में सुपुत्री डॉ. प्रेरणा विलास उबाळे की ओर से पुस्तकें और छात्रवृत्ति प्रदत्त ।। 🍁

दिनांक 13 अप्रैल 2023 को डॉ. प्रेरणा उबाळे (हिंदी विभागाध्यक्ष, मॉडर्न कॉलेज, शिवाजीनगर) ने 27,000 रुपयों की हिंदी भाषा, व्याकरण, यूपीएससी प्रतियोगी परीक्षाओं की सभी पाठ्यपुस्तकें, सामान्य ज्ञान, हिंदी -मराठी-अग्रेजी शब्दकोश, सेट-नेट-बी एड सीईटी से संबंधित 160 से अधिक पुस्तकें स्व. विलास ज्ञानोबा उबाळे (बी. ए. अँग्रेजी ऑनर्स, दयानंद कॉलेज तथा पूर्व आबकारी निरीक्षक, पिंपरी-चिंचवड नगर निगम) जी की स्मृति में हिंदी विभागीय ग्रंथालय के लिए भेंट रूप में प्रदान की । 

साथ ही वॉलीबॉल छात्र खिलाड़ी विनीत शिंदे (द्वितीय वर्ष, वाणिज्य, बी. बी. ए. – बी. सी. ए. विंग, मॉडर्न महाविद्यालय, शिवाजीनगर) को पिताजी की स्मृति में दो हजार रुपयों की छात्रवृत्ति प्रदान की l

स्व. विलास उबाळे जी ने शिक्षा के महत्व को समझा और कई जरूरतमंद व्यक्तियों को आर्थिक और शैक्षिक सहायता प्रदान की। साथ ही अपने कॉलेज जीवन में वे विश्वविद्यालय, जोनल स्तर पर वॉलीबॉल और बास्केटबॉल चैंपियन रह चुके थे। उन्होंने हिन्दी राष्ट्रभाषा की कुछ परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थीं। इसलिए उनकी सुपुत्री डॉ. प्रेरणा उबाले ने हिंदी विभागीय ग्रंथालय को किताबें और छात्र खिलाड़ी को छात्रवृत्ति देकर औचित्यपूर्ण भेट प्रदान की l

स्व. विलास उबाळे जी का 66 वर्ष की आयु में 30 अगस्त 2021 को एक अल्प बीमारी के कारण दुखद निधन हो गया था l

प्रस्तुत कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव , वाणिज्य शाखा की संयोजक डॉ. फिलोमीना फर्नांडिस, हिंदी विभाग के प्राध्यापक असीर मुलाणी, प्रा. संतोष तांबे, एम. ए. हिंदी साहित्य के छात्रों ने उपस्थिति दर्शायी l

साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे

सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर,  पुणे ०५

संपर्क – 7028525378 / [email protected]

 ≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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