सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

साहित्य की दुनिया से अब कोई क्षेत्र अछूता नहीं रहा । साहित्य हमारे समाज का ऐसा आइना है जो सीसीटीवी की तरह सब कुछ सामने रख देता है । हमें अपने वरिष्ठ साहित्यकारों को सदैव स्मरण करते रहना चाहिए । जिन पीढ़ियों ने अपने साहित्यकारों को स्मरण किया वे सराहनीय हैं । अनिता राकेश ने मोहन राकेश को सदैव याद करवाया तो गगन गिल भी निर्मल वर्मा को स्मरण करते कोई न कोई कार्यक्रम रखती हैं । राजेंद्र यादव को उनकी बेटी रचना यादव हर वर्ष साहित्यिक आयोजन कर याद करती हैं । इसी क्रम में पिछले दिनों दो कार्यक्रम हुए जिनका उल्लेख बहुत जरूरी है ।

धर्मवीर भारती : धर्मयुग के झरोखे से : धर्मयुग पत्रिका के यशस्वी संपादक और खुद श्रेष्ठ लेखक धर्मवीर भारती को मुम्बई में व्यंग्य यात्रा के संपादक डाॅ प्रेम जनमेजयधर्मवीर भारती की धर्मपत्नी डाॅ पुष्पा भारती ने स्मरण किया एक पुस्तक का विमोचन कर व दो रचनाकारों को सम्मानित कर । दोनों रचनाकार तो उनके साथ काम ही करते थे –आबिद सुरती जिनका धर्मयुग में बिल्कुल अंत में ढब्बू जी बहुत लोकप्रिय कार्टून कोना था । दूसरे धर्मयुग में ही सहायक संपादक और आजकल नवनीत के संपादक विश्वनाथ सचदेव हैं । पुस्तक का विमोचन किया गया –धर्मवीर भारती, धर्मयुग के झरोखे से, जिसमें धर्मयुग के स्वर्णकाल की स्वर्णिम यादों को अनेक लेखकों ने संस्मरणों के रूप में लिखा है जिसका संपादन डां प्रेम जनमेजय ने किया है और मुम्बई के ही प्रलेक प्रकाशन ने इसे प्रकाशित किया है । यह बहुत ही उचित और सही तरीका है ऐसे यशस्वी संपादक को याद करने का ! वैसे डाॅ प्रेम जनमेजय अपने गुरु डाॅ नरेंद्र कोहली को भी ऐसे ही याद करते हैं ।

सिरसा में पूरन मुद्गल को याद किया : हरियाणा के सिरसा में भी पच्चीस दिसम्बर को ऐसे ही चर्चित रचनाकार पूरन मुद्गल को उनके परिवार की ओर से साहित्यिक आयोजन कर स्मरण किया गया । पूरन मुद्गल हरियाणा के ऐसे रचनाकार रहे जो न केवल लघुकथा बल्कि संस्मरणों की पुस्तक -शब्द के आठ कदम के लिए चर्चित रहे । उनकी बड़ी बेटी डाॅ शमीम शर्मा उनकी ही प्रेरणा से लेखिका बनीं और लघुकथा के हस्ताक्षर जैसा संकलन दिया और हास्य-व्यंग्य भी लिखती हैं । सिरसा के युवक साहित्य सदन में भगत सिंह के विचारों की सान पर आज का भारत व्याख्यान का आयोजन किया गया क्योंकि पूरन मुद्गल भगत सिंह के विचारों से बहुत प्रभावित थे । एम एम जुनेजा को आमंत्रित किया गया था । अध्यक्षता स्वर्ण सिंह विर्क ने की और हरभगवान चावला का कविता पाठ । वीरेंद्र भाटिया ने पूरन मुद्गल मेरी नजर में के माध्यम से परिचय दिया तो बेटी डाॅ शमीम शर्माविशाल वत्स रहे इस आयोजन के पीछे ! यह आयोजन हर वर्ष होता है । यह आयोजन होता रहे ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत 🌹

(विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

“मुद्रित पुस्तकों का महत्व सदैव रहेगा” – संतोष चौबे

☆ लघुकथा शोध केंद्र, भोपाल द्वारा आयोजित पुस्तक पखचवाड़े का शुभंकर जारी ☆

भोपाल, “मुद्रित पुस्तकों का महत्व सदा से रहा है और आगे भी रहेगा। विज्ञान व तकनीक के इस वर्तमान सूचना एवं प्रौद्योगिकी के युग में भले ई-पुस्तकों का प्रचलन बढ़ा हो और समय के अनुसार उसकी आवश्यकता भी हो परन्तु इससे मुद्रित पुस्तकों का महत्व कम नहीं हो जाता।” यह उद्गार हैं वरिष्ठ कथाकार उपन्याकार श्री संतोष चौबे के जो वनमाली सृजन केंद्र एवं विश्वरंग के सहयोग से लघुकथा शोध केंद्र, भोपाल द्वारा 1 जनवरी से 15 जनवरी 2023 तक आयोजित किये जाने वाले पुस्तक पखवाड़े का शुभंकर जारी करते हुए व्यक्त कर रहे थे। आईसेक्ट यूनिवर्सिटी के सभागार में आयोजित एक सादे समारोह में इस अवसर पर लघुकथा शोध केंद्र की निदेशक, श्रीमती कांता रॉय, घनश्याम मैथिल, गोकुल सोनी, मुज़फ्फ़र इकबाल सिद्दीकी, मधुलिका सक्सेना, डॉ. रंजना शर्मा, वीरेंद्र शर्मा, मुदुल त्यागी, संजय आरजू, मनोरमा पंत, सतीश चंद्र श्रीवास्तव सहित लघुकथा शोध केंद्र के अन्य लघुकथाकार साथी एवम पदाधिकारी उपस्थित थे। निदेशक श्रीमती रॉय ने बताया कि पुस्तक पखवाड़े के इस ऑनलाइन आयोजन में देश-भर के रचनाकारों की चुनी हुई विविध विधाओं की कृतियों पर वरिष्ठ साहित्यकार की अध्यक्षता में समीक्षक आलोचक अपने विचार रखेंगे और अनेक वरिष्ठ साहित्यकार अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी देंगे।

☆ दुष्यन्त  कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय का रजत  स्थापना वर्ष संपन्न

दुष्यन्त कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय के रजत  स्थापना वर्ष के समारोह का आयोजन 21 दिसम्बर  को हुआ जिसके मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल मंगू भाई पटेल थे। सारस्वत अतिथि के रूप में टैगोर विश्व विद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे थे। विदित हो कि 1-12-22 से 30 /12 / 22 के बीच निरन्तर संग्रहालय में साहित्यिक कार्यक्रम होते रहे।

साभार – सुश्री मनोरमा पंत, भोपाल (मध्यप्रदेश) 

 संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

बद्रीनारायण को साहित्य अकादमी सम्मान : चर्चित लेखक बद्रीनारायण को साहित्य अकादमी के सम्मान हेतु चुना गये है । साहित्य अकादमी पुरस्कार हर वर्ष विवादों में भी रहते हैं । बद्रीनारायण को दिये जा रहे सम्मान को लेकर भी आलोचना हो रही है लेकिन सम्मान तो सम्मान है । बद्रीनारायण को बधाई ।

राजकुमार राकेश को आधार पुरस्कार : शिमला ( हिमाचल) के चर्चित लेखक राजकुमार राकेश को पंजाब कला भवन , चंडीगढ़ में आधार प्रकाशन की ओर से सम्मानीय किया गया । बधाई ।

हरियाणा लेखक मंच : हरियाणा के युवा रचनाकारों अजय सिंह राणा , ब्रह्म दत्त शर्मा , पंकज शर्मा और राधेश्याम भारतीय ने अपनी कोशिशों से हरियाणा लेखक मंच का गठन किया बेशक अध्यक्ष कमलेश भारतीय और उपाध्यक्ष डाॅ अशोक भाटिया हैं लेकिन इसके पीछे सारी मेहनत इन युवाओं की है । करनाल में इसका प्रथम सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें पूरे एक सौ लेखक पहुंचे । इसमें दो सत्र रखे गये । कथा सत्र में प्रसिद्ध कथाकार ज्ञानप्रकाश विवेक ने कथा की बारीकियों और हरियाणा के कथाकारों के योगदान पर बहुत गंभीर चर्चा की । डाॅ कमलेश मलिक विशिष्ट अतिथि रहीं तो डाॅ लाल चंद मंगल गुप्त ने भी कथा पर अपने अनुभव साझा किये । दूसरे सत्र में हरियाणा की कविता पर चर्चित कवि हरभगवान चावला ने अपने अनुभव बताये । डाॅ स्मिता मिश्र और डाॅ कंवल नयन कपूर ने भी कविता की बारीकियों पर बात रखी । इसके आकर्षण रहे पुस्तक विमोचन और पुस्तक प्रदर्शनी । हरियाणा के रचनाकारों के नये प्रकाशनों का विमोचन किया गया ।

पंजाब से नयी पत्रिका : पंजाब बेशक अहिंदी यानी गैर हिंदी राज्य है लेकिन यहां हिंदी का प्रचार प्रसार भी खूब होता है और जालंधर को तो सांस्कृतिक केंद्र माना जाता है । पंजाब के छोटे से शहर फगवाड़ा से डाॅ अनिल पांडेय ने रचनावली नाम से पत्रिका शुरू की है और बिम्ब प्रतिबिम्ब प्रकाशन भी शुरू किये है जिसका नवीनतम प्रकाशन अजय सिंह राणा का कथा संग्रह मक्कड़जाल है । इसी प्रकार पंजाब से सशक्त हिंदी कवि मनोज शर्मा का नया काव्य संग्रह आवाज की खनक आया है । सभी को शुभकामनाएं ।

बूमरैंग की स्क्रीनिंग : पगड़ी-द ऑनर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हरियाणवी फिल्म के निर्देशक राजीव भाटिया ने प्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेमचंद की कहानी कफन पर हरियाणवी शाॅर्ट फिल्म बूमरैंग बनाई है जिसे कांस के फिल्म फेस्टिवल में भी सम्मान मिल चुका है । इसकी स्क्रीनिंग की गयी हिसार में । इसमें राजीव भाटिया व इनकी रंगकर्मी पत्नी वंदना भाटिया के प्रयासों की सराहना की गयी । राजीव भाटिया ने पगड़ी-द ऑनर व बूमरैंग दोनों फिल्मों में हिसार के ही कलाकारों को अवसर प्रदान किया । इसकी कलाकारों ने सराहना की । गुरुग्राम की आबकारी व कराधान अधिकारी डाॅ पूनम परिणीता व हिसार से डाॅ सत्या सावंत मुख्यातिथि रहीं । अनेक कला प्रेमी मौजूद रहे ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ गायत्री स्मृति सम्मान समारोह – पाथेय साहित्य कला अकादमी, जबलपुर ☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 गायत्री स्मृति सम्मान समारोह –  पाथेय साहित्य कला अकादमी, जबलपुर🌹

पाथेय साहित्य कला अकादमी जबलपुर द्वारा अपनी संस्थापक कथाकार एवं कवयित्री स्मृतिशेष डॉ. गायत्री तिवारी के छटवे जन्म स्मृति समारोह की आयोजना आज मंगलवार, 27 दिसम्बर 2022 को अपरान्ह 3.00 से रानी दुर्गावती संग्रहालय सभागार में पूर्व महापौर नगर निगम जबलपुर श्री प्रभात साहू के मुख्य आतिथ्य, पाथेय समूह के संस्थापक डॉ. सुमित्र की अध्यक्षता तथा महाकवि आचार्य भगवत दुबे के विशिष्ट आतिथ्य में की जा रही है ।

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(डॉ. इंदिरा दांगी)

समारोह में, गायत्री कथा सम्मान से समादरित होंगी, साहित्य अकादमी द्वारा सन् २०१५ के युवा पुरस्कार से सम्मानित कथा लेखिका डॉ. इंदिरा दांगी, भोपाल

गायत्री सृजन सम्मान से सम्मानित होंगे श्री वी.के. पाठक, डॉ. शोभा नेलसन, श्री देवराज गोंटिया, श्री गिरीष बिल्लोरे (मुकुल), अस्मिता शैली, श्री सुनील साहू, संपादक

साभार – डॉ. भावना शुक्ल (अध्यक्ष), राजेश पाठक प्रवीण (महासचिव), डॉ. हर्ष कुमार तिवारी (सचिव)

 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

पंचकूला में पुस्तक मेला : यह बहुत हर्ष का विषय है कि पंचकूला में इस सप्ताह पुस्तक मेला आयोजित किया गया । मजेदार बात यह कि किसी साहित्य अकादमी ने नहीं बल्कि हरियाणा सरकार के किसी विभाग द्वारा यह पुस्तक मेला आयोजित किया गया ! इस ठंड में भी साहित्य की धूप खिली और बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमियों ने इसमें भागीदारी निभाई और अपनी पसंद की पुस्तकें भी खरीदीं । आधार प्रकाशन ने साहित्य के क्षेत्र में सम्मान समारोह भी आयोजित किया । यह मेला आगे भी आयोजित किया जाता रहे तो बहुत बढ़िया रहे !

हिसार में कथा संग्रह का विमोचन : हरियाणा के हिसार के आकाशवाणी केंद्र में युवा कथाकार सुनील आदित्य के प्रथम कथा संग्रह -अंतर्मन : यात्रा अनंत का विमोचन हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा लेखक मंच के अध्यक्ष कमलेश भारतीय ने किया । इस अवसर पर आकाशवाणी केंद्र के प्रभारी पवन कुमार सहित अनेक साहित्यकार मंच पर मौजूद रहे । सुनील आदित्य एक बैक कर्मी हैं और यह उनका प्रथम प्रयास है यानी साहित्य में पहली दस्तक है ।

जालंधर में पंकस अवाॅर्ड समारोह : वरिष्ठ साहित्यकार सिमर सदोष की साहित्यिक संस्था पंजाब कला साहित्य अकादमी की ओर से प्रेस क्लब में वार्षिक समारोह आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष कमलेश भारतीय सहित राजेंद्र राणा (हिमाचल ) आदि ने की । इसमें वीरेंद्र वीर शर्मा (चंडीगढ), जवाहर आजाद( फगवाड़ा) , फकीरचंद शुक्ला (लुधियाना) , वीणा गौतम (दिल्ली) आदि को साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये  सम्मानित किया गया । यह इस अकादमी का 26 वां वार्षिक समारोह था । यह अकादमी हर वर्ष स्मारिका भी प्रकाशित करती है ।

दिल्ली में देवशीला मैमोरियल का वार्षिक समारोह : देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय संस्था देवशील मेमोरियल का तृतीय वार्षिक समारोह आयोजित किया गया । इसकी संस्थापिका अध्यक्ष रश्मि अभय के अनुसार समारोह में संस्था का काव्य संग्रह ‘ स्पर्शिका’ ‘प्रेम में कोई अनुबंध नहीं’ के साथ साथ ‘देवशील स्मारिका’ का भी विमोचन किया गया जिसमें राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय अनेक रचनाकारों की रचनायें शामिल हैं । 

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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मराठी साहित्य ☆ स्व उषा ढगे – श्रद्धांजलि ☆ राधिका भांडारकर – अरुणा मुल्हेरकर ☆

🙏🏻 स्व उषा ढगे 🙏🏻

🙏🏻 श्रद्धांजलि 🙏🏻

रंग घेऊन गेलीस

काव्य हरवून गेले

उषेविण आभाळ आमचे

अश्रुंत नाहून गेले…

आमच्या अमर्याद दु:खात आपण सहभागी होऊन जो अनामिक, अनमोल आधार दिलात त्यासाठी आम्ही खूप ऋणी आहोत.

🙏 राधिका-अरुणा 🙏

🙏 राधिका भांडारकर – अरुणा मुल्हेरकर

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ व्यंग्यम् की व्यंग्य रचना पाठ गोष्ठी संपन्न ☆ प्रस्तुति – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 व्यंग्यम् की व्यंग्य रचना पाठ गोष्ठी संपन्न 🌹

व्यंग्यम् जबलपुर की मासिक रचना पाठ गोष्टी की 63वीं (तिरेसठवीं) कड़ी सोमवार दिनांक 12 दिसम्बर 2022 को पर्ल सुकून होटल यादव कालोनी में आयोजित हुई.

व्यंग्यम गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि श्री अशोक व्यास जी, (भोपाल) और अध्यक्षता डाँ.कुंदन सिंह परिहार जी ने की. व्यंग्यम् मासिक व्यंग्य रचना पाठ गोष्ठी में सर्वश्री यशोवर्धन पाठक जी ने “जाके पैर न पड़े बिवाई’, दिनेश अवस्थी जी ने ‘अमर बाबू उठ खड़े हुए’, डाँ.विजय तिवारी किसलय ने “नुकसान’, ओ पी सैनी जी  ने ‘रियलिटी शो’, जयप्रकाश पाण्डेय जी ने “खंभों पर सवार लोकतंत्र”, प्रतुल श्रीवास्तव जी  ने “धक्का-मुक्की”, रमाकांत ताम्रकार जी ने “महामहिम और हरिशंकर परसाई”, अभिमन्यु जैन जी ने ” सिंगल प्वाइंट कनेक्शन”, सुरेश मिश्र ‘विचित्र’ जी ने “मैं कुछ सोच रहा हूंँ”, रमेश सैनी जी ने “फेसबुक नामुरीद”, अशोक व्यास जी,  (भोपाल ) ने “प्रमाण पत्र बांटने वाला” तथा डाँ. कुंदन सिंह परिहार जी ने “स्वर्ग में कुपात्र” रचनाओं का पाठ किया.

व्यंग्यम् गोष्ठी का संचालन रमेश सैनी जी ,आभार प्रदर्शन यशोवर्धन पाठक जी और जयप्रकाश पाण्डेय जी ने सराहनीय सहयोग प्रदान किया.

साभार – श्री जय प्रकाश पाण्डेय

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ संपादकीय निवेदन ☆ स्व उषा ढगे – श्रद्धांजलि ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

🙏🏻 स्व उषा ढगे 🙏🏻

🙏🏻 निवेदन 🙏🏻

कळविण्यास दुःख होते की ई-अभिव्यक्ती मराठी या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका व कवयित्री श्रीमती उषा ढगे यांचे 12 डिसेम्बर सकाळी दुःखद निधन झाले.

आपल्या समुहासाठी त्यांनी काव्य,चित्रकाव्य लेखन केले होते. ईश्वर मृतात्म्यास सद्गति देवो ही प्रार्थना.

ढगे कुटुंबियांच्या दुःखात अभिव्यक्ती परिवार सहभागी आहे.

🙏भावपूर्ण श्रद्धांजली🙏

संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ तुलसी साहित्य अकादमी – डॉक्टर शिव मंगल सिंह ‘मंगल’ को प्रथम उस्ताद शंकर लाल पटवा स्मृति सम्मान – अभिनंदन ☆ प्रस्तुति – श्री सुरेश पटवा ☆

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🌹 तुलसी साहित्य अकादमी – डॉक्टर शिव मंगल सिंह ‘मंगल’ को प्रथम उस्ताद शंकर लाल पटवा स्मृति सम्मान – अभिनंदन🌹

तुलसी साहित्य अकादमी के तत्वावधान में साहित्य जगत की विभूति डॉक्टर देवेंद्र दीपक के कर कमलों द्वारा उस्ताद शंकर लाल पटवा स्मृति प्रथम सम्मान लखनऊ के डॉक्टर शिव मंगल सिंह ‘मंगल’ को प्रदान किया गया।

डॉक्टर आनंद मोहन ‘आनंद’ द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर संचालित तुलसी साहित्य अकादमी का सम्मान समारोह विगत दिवस गांधी भवन में आयोजित किया गया। जिसमें डॉक्टर आनंद की सहमति से स्थापित प्रथम उस्ताद शंकर लाल पटवा सम्मान लखनऊ के डॉक्टर शिव मंगल सिंह ‘मंगल’ कोप्रदान किया गया।

साहित्य सम्मान स्थापना पूर्वजों की स्मृति को अक्षुण्य बनाने और साहित्य सेवा में योगदान का एक पुनीत कर्तव्य है। इस अवसर पर मुझे भी साहित्यकारों को सम्बोधित करने का अवसर मिला। किसी भी राष्ट्र हेतु साहित्य सेवा सर्वोपरि धर्म है। साहित्य की ताक़त साहित्य और सत्ता के शाश्वत संघर्ष बात से पता चलती है। जिसमें साहित्य कालजयी रूप से विजयी होता है। उदाहरण के लिए तुलसी दास जी को लिया जा सकता है। उनका जन्म 1511 को हुआ था और उन्होंने 111 वर्ष की आयु प्राप्त कर 1623 को देह त्यागी थी। उस काल अवधि में अकबर 1526 से 1605 और जहांगीर 1605 से 1627 तक भारत के सर्व शक्तिमान बादशाह रहे।

आधुनिक युग में गीता प्रेस गोरखपुर रामचरितमानस की एक करोड़ से अधिक प्रतियाँ एक वर्ष में विश्व व भर के श्रद्धालुओं को विक्रय करता है। भारत के प्रायः प्रत्येक हिंदू घर में रामचरितमानस उपलब्ध है। उसी अवधि में लिखित किताबों आइने अकबरी या जहांगीर नामा पुस्तकों का लोगों ने नाम तो सुना होगा परंतु बहुत ही कम लोगों ने किताबें देखी होंगी। रामचरितमानस के साहित्यिक मूल्य भारतीय जीवन के आधार स्तम्भ हैं। आइने अकबरी या जहांगीर नामा के राजनीतिक सिद्धांत इतिहास के विषय तो हैं परंतु उनकी आज के जीवन में कोई उपयोगिता नहीं रह गई है। यह साहित्य के कालजयी सामर्थ की उपलब्धि है।

हम यदि साहित्य सम्मान स्थापित करते हैं तो देश के साहित्य यज्ञ में हवि देते हैं। इसी धारणा से उस्ताद शंकर लाल सम्मान तुलसी साहित्य अकादमी के तत्वावधान में पिताजी की स्मृति में स्थापित किया गया है। डॉक्टर मोहन तिवारी ‘आनंद’ जी को साधुवाद।

साभार – श्री सुरेश पटवा

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी को मिला प्रतिष्ठित कादंबरी – स्वर्गीय माणकलाल शिवहरे सम्मान – 2022 – अभिनंदन ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी को मिला प्रतिष्ठित कादंबरी – स्वर्गीय माणकलाल शिवहरे सम्मान – 2022 – अभिनंदन🌹

🌹 पुस्तक- “चाबी वाला भूत” पुरस्कृत 🌹

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रतनगढ (निप्र)। किसी रचनाकार की पुस्तक ही उस रचनाकार की असली पहचान होती है। उसकी इसी असली पहचान को पुरस्कृत किया जाना चाहिए। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर देश की प्रतिष्ठित संस्था कादम्बरी द्वारा प्रतिवर्ष देश के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकारों को उनकी प्रकाशित कृतियों के मूल्यांकन के आधार पर सम्मानित किया जाता है। 

इस वर्ष 2022 में कादम्बरी संस्था ने गत रविवार को अखिल भारतीय स्तर पर-अखिल भारतीय साहित्यकार-पत्रकार सम्मान समारोह, शहीद स्मारक सभागार जबलपुर में भव्यता के साथ आयोजित किया गया। जिसमें देश के प्रतिष्ठित सृजनधर्मियों को शाल, श्रीफल, नगद राशि, मानपत्र के सम्मान से अलंकृत किया गया।

इसी कड़ी में नीमच के साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को उनकी प्रकाशित कृति- चाबी वाला भूत, को स्वर्गीय माणकलाल शिवहरे सम्मान के लिए चुना गया। जिन्हें आपकी अनुपस्थिति में प्रसिद्ध बाल साहित्यकार मित्र के हाथ यह सम्मान देकर सम्मानित किया गया। 

यह सम्मान कादम्बरी संस्था के अध्यक्ष आचार्य भगवत दुबे, प्रज्ञापीठाधीश्वर साध्वी विभानंद गिरिजी, डॉ राजकुमार तिवारी सुमित्र, महासचिव राजेश पाठक प्रवीण सहित मंचस्थ अतिथियों के बीच कादंबरी संस्था के सौजन्य द्वारा प्राप्त हुआ है। किसी रचनाकार का इस संस्था द्वारा सम्मानित होना बड़े गौरव की बात है। कारण स्पष्ट है कि इस संस्था द्वारा रचनाकार को नहीं, उसकी कृति के लिए रचनाकार को सम्मानित किया जाता है।

आज के अंक में पुरस्कृत पुस्तक चाबी वाला भूत की शीर्ष कथा प्रकाशित की गई है। 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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