सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

पंचकूला में पुस्तक मेला : यह बहुत हर्ष का विषय है कि पंचकूला में इस सप्ताह पुस्तक मेला आयोजित किया गया । मजेदार बात यह कि किसी साहित्य अकादमी ने नहीं बल्कि हरियाणा सरकार के किसी विभाग द्वारा यह पुस्तक मेला आयोजित किया गया ! इस ठंड में भी साहित्य की धूप खिली और बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमियों ने इसमें भागीदारी निभाई और अपनी पसंद की पुस्तकें भी खरीदीं । आधार प्रकाशन ने साहित्य के क्षेत्र में सम्मान समारोह भी आयोजित किया । यह मेला आगे भी आयोजित किया जाता रहे तो बहुत बढ़िया रहे !

हिसार में कथा संग्रह का विमोचन : हरियाणा के हिसार के आकाशवाणी केंद्र में युवा कथाकार सुनील आदित्य के प्रथम कथा संग्रह -अंतर्मन : यात्रा अनंत का विमोचन हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा लेखक मंच के अध्यक्ष कमलेश भारतीय ने किया । इस अवसर पर आकाशवाणी केंद्र के प्रभारी पवन कुमार सहित अनेक साहित्यकार मंच पर मौजूद रहे । सुनील आदित्य एक बैक कर्मी हैं और यह उनका प्रथम प्रयास है यानी साहित्य में पहली दस्तक है ।

जालंधर में पंकस अवाॅर्ड समारोह : वरिष्ठ साहित्यकार सिमर सदोष की साहित्यिक संस्था पंजाब कला साहित्य अकादमी की ओर से प्रेस क्लब में वार्षिक समारोह आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष कमलेश भारतीय सहित राजेंद्र राणा (हिमाचल ) आदि ने की । इसमें वीरेंद्र वीर शर्मा (चंडीगढ), जवाहर आजाद( फगवाड़ा) , फकीरचंद शुक्ला (लुधियाना) , वीणा गौतम (दिल्ली) आदि को साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये  सम्मानित किया गया । यह इस अकादमी का 26 वां वार्षिक समारोह था । यह अकादमी हर वर्ष स्मारिका भी प्रकाशित करती है ।

दिल्ली में देवशीला मैमोरियल का वार्षिक समारोह : देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय संस्था देवशील मेमोरियल का तृतीय वार्षिक समारोह आयोजित किया गया । इसकी संस्थापिका अध्यक्ष रश्मि अभय के अनुसार समारोह में संस्था का काव्य संग्रह ‘ स्पर्शिका’ ‘प्रेम में कोई अनुबंध नहीं’ के साथ साथ ‘देवशील स्मारिका’ का भी विमोचन किया गया जिसमें राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय अनेक रचनाकारों की रचनायें शामिल हैं । 

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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मराठी साहित्य ☆ स्व उषा ढगे – श्रद्धांजलि ☆ राधिका भांडारकर – अरुणा मुल्हेरकर ☆

🙏🏻 स्व उषा ढगे 🙏🏻

🙏🏻 श्रद्धांजलि 🙏🏻

रंग घेऊन गेलीस

काव्य हरवून गेले

उषेविण आभाळ आमचे

अश्रुंत नाहून गेले…

आमच्या अमर्याद दु:खात आपण सहभागी होऊन जो अनामिक, अनमोल आधार दिलात त्यासाठी आम्ही खूप ऋणी आहोत.

🙏 राधिका-अरुणा 🙏

🙏 राधिका भांडारकर – अरुणा मुल्हेरकर

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ व्यंग्यम् की व्यंग्य रचना पाठ गोष्ठी संपन्न ☆ प्रस्तुति – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 व्यंग्यम् की व्यंग्य रचना पाठ गोष्ठी संपन्न 🌹

व्यंग्यम् जबलपुर की मासिक रचना पाठ गोष्टी की 63वीं (तिरेसठवीं) कड़ी सोमवार दिनांक 12 दिसम्बर 2022 को पर्ल सुकून होटल यादव कालोनी में आयोजित हुई.

व्यंग्यम गोष्ठी के विशिष्ट अतिथि श्री अशोक व्यास जी, (भोपाल) और अध्यक्षता डाँ.कुंदन सिंह परिहार जी ने की. व्यंग्यम् मासिक व्यंग्य रचना पाठ गोष्ठी में सर्वश्री यशोवर्धन पाठक जी ने “जाके पैर न पड़े बिवाई’, दिनेश अवस्थी जी ने ‘अमर बाबू उठ खड़े हुए’, डाँ.विजय तिवारी किसलय ने “नुकसान’, ओ पी सैनी जी  ने ‘रियलिटी शो’, जयप्रकाश पाण्डेय जी ने “खंभों पर सवार लोकतंत्र”, प्रतुल श्रीवास्तव जी  ने “धक्का-मुक्की”, रमाकांत ताम्रकार जी ने “महामहिम और हरिशंकर परसाई”, अभिमन्यु जैन जी ने ” सिंगल प्वाइंट कनेक्शन”, सुरेश मिश्र ‘विचित्र’ जी ने “मैं कुछ सोच रहा हूंँ”, रमेश सैनी जी ने “फेसबुक नामुरीद”, अशोक व्यास जी,  (भोपाल ) ने “प्रमाण पत्र बांटने वाला” तथा डाँ. कुंदन सिंह परिहार जी ने “स्वर्ग में कुपात्र” रचनाओं का पाठ किया.

व्यंग्यम् गोष्ठी का संचालन रमेश सैनी जी ,आभार प्रदर्शन यशोवर्धन पाठक जी और जयप्रकाश पाण्डेय जी ने सराहनीय सहयोग प्रदान किया.

साभार – श्री जय प्रकाश पाण्डेय

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ संपादकीय निवेदन ☆ स्व उषा ढगे – श्रद्धांजलि ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

🙏🏻 स्व उषा ढगे 🙏🏻

🙏🏻 निवेदन 🙏🏻

कळविण्यास दुःख होते की ई-अभिव्यक्ती मराठी या समुहातील ज्येष्ठ लेखिका व कवयित्री श्रीमती उषा ढगे यांचे 12 डिसेम्बर सकाळी दुःखद निधन झाले.

आपल्या समुहासाठी त्यांनी काव्य,चित्रकाव्य लेखन केले होते. ईश्वर मृतात्म्यास सद्गति देवो ही प्रार्थना.

ढगे कुटुंबियांच्या दुःखात अभिव्यक्ती परिवार सहभागी आहे.

🙏भावपूर्ण श्रद्धांजली🙏

संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ तुलसी साहित्य अकादमी – डॉक्टर शिव मंगल सिंह ‘मंगल’ को प्रथम उस्ताद शंकर लाल पटवा स्मृति सम्मान – अभिनंदन ☆ प्रस्तुति – श्री सुरेश पटवा ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 तुलसी साहित्य अकादमी – डॉक्टर शिव मंगल सिंह ‘मंगल’ को प्रथम उस्ताद शंकर लाल पटवा स्मृति सम्मान – अभिनंदन🌹

तुलसी साहित्य अकादमी के तत्वावधान में साहित्य जगत की विभूति डॉक्टर देवेंद्र दीपक के कर कमलों द्वारा उस्ताद शंकर लाल पटवा स्मृति प्रथम सम्मान लखनऊ के डॉक्टर शिव मंगल सिंह ‘मंगल’ को प्रदान किया गया।

डॉक्टर आनंद मोहन ‘आनंद’ द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर संचालित तुलसी साहित्य अकादमी का सम्मान समारोह विगत दिवस गांधी भवन में आयोजित किया गया। जिसमें डॉक्टर आनंद की सहमति से स्थापित प्रथम उस्ताद शंकर लाल पटवा सम्मान लखनऊ के डॉक्टर शिव मंगल सिंह ‘मंगल’ कोप्रदान किया गया।

साहित्य सम्मान स्थापना पूर्वजों की स्मृति को अक्षुण्य बनाने और साहित्य सेवा में योगदान का एक पुनीत कर्तव्य है। इस अवसर पर मुझे भी साहित्यकारों को सम्बोधित करने का अवसर मिला। किसी भी राष्ट्र हेतु साहित्य सेवा सर्वोपरि धर्म है। साहित्य की ताक़त साहित्य और सत्ता के शाश्वत संघर्ष बात से पता चलती है। जिसमें साहित्य कालजयी रूप से विजयी होता है। उदाहरण के लिए तुलसी दास जी को लिया जा सकता है। उनका जन्म 1511 को हुआ था और उन्होंने 111 वर्ष की आयु प्राप्त कर 1623 को देह त्यागी थी। उस काल अवधि में अकबर 1526 से 1605 और जहांगीर 1605 से 1627 तक भारत के सर्व शक्तिमान बादशाह रहे।

आधुनिक युग में गीता प्रेस गोरखपुर रामचरितमानस की एक करोड़ से अधिक प्रतियाँ एक वर्ष में विश्व व भर के श्रद्धालुओं को विक्रय करता है। भारत के प्रायः प्रत्येक हिंदू घर में रामचरितमानस उपलब्ध है। उसी अवधि में लिखित किताबों आइने अकबरी या जहांगीर नामा पुस्तकों का लोगों ने नाम तो सुना होगा परंतु बहुत ही कम लोगों ने किताबें देखी होंगी। रामचरितमानस के साहित्यिक मूल्य भारतीय जीवन के आधार स्तम्भ हैं। आइने अकबरी या जहांगीर नामा के राजनीतिक सिद्धांत इतिहास के विषय तो हैं परंतु उनकी आज के जीवन में कोई उपयोगिता नहीं रह गई है। यह साहित्य के कालजयी सामर्थ की उपलब्धि है।

हम यदि साहित्य सम्मान स्थापित करते हैं तो देश के साहित्य यज्ञ में हवि देते हैं। इसी धारणा से उस्ताद शंकर लाल सम्मान तुलसी साहित्य अकादमी के तत्वावधान में पिताजी की स्मृति में स्थापित किया गया है। डॉक्टर मोहन तिवारी ‘आनंद’ जी को साधुवाद।

साभार – श्री सुरेश पटवा

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी को मिला प्रतिष्ठित कादंबरी – स्वर्गीय माणकलाल शिवहरे सम्मान – 2022 – अभिनंदन ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” जी को मिला प्रतिष्ठित कादंबरी – स्वर्गीय माणकलाल शिवहरे सम्मान – 2022 – अभिनंदन🌹

🌹 पुस्तक- “चाबी वाला भूत” पुरस्कृत 🌹

Image result for चाबी वाला भूत ओमप्रकाश क्षत्रिय

रतनगढ (निप्र)। किसी रचनाकार की पुस्तक ही उस रचनाकार की असली पहचान होती है। उसकी इसी असली पहचान को पुरस्कृत किया जाना चाहिए। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर देश की प्रतिष्ठित संस्था कादम्बरी द्वारा प्रतिवर्ष देश के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकारों को उनकी प्रकाशित कृतियों के मूल्यांकन के आधार पर सम्मानित किया जाता है। 

इस वर्ष 2022 में कादम्बरी संस्था ने गत रविवार को अखिल भारतीय स्तर पर-अखिल भारतीय साहित्यकार-पत्रकार सम्मान समारोह, शहीद स्मारक सभागार जबलपुर में भव्यता के साथ आयोजित किया गया। जिसमें देश के प्रतिष्ठित सृजनधर्मियों को शाल, श्रीफल, नगद राशि, मानपत्र के सम्मान से अलंकृत किया गया।

इसी कड़ी में नीमच के साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को उनकी प्रकाशित कृति- चाबी वाला भूत, को स्वर्गीय माणकलाल शिवहरे सम्मान के लिए चुना गया। जिन्हें आपकी अनुपस्थिति में प्रसिद्ध बाल साहित्यकार मित्र के हाथ यह सम्मान देकर सम्मानित किया गया। 

यह सम्मान कादम्बरी संस्था के अध्यक्ष आचार्य भगवत दुबे, प्रज्ञापीठाधीश्वर साध्वी विभानंद गिरिजी, डॉ राजकुमार तिवारी सुमित्र, महासचिव राजेश पाठक प्रवीण सहित मंचस्थ अतिथियों के बीच कादंबरी संस्था के सौजन्य द्वारा प्राप्त हुआ है। किसी रचनाकार का इस संस्था द्वारा सम्मानित होना बड़े गौरव की बात है। कारण स्पष्ट है कि इस संस्था द्वारा रचनाकार को नहीं, उसकी कृति के लिए रचनाकार को सम्मानित किया जाता है।

आज के अंक में पुरस्कृत पुस्तक चाबी वाला भूत की शीर्ष कथा प्रकाशित की गई है। 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ संपादकीय निवेदन ☆ श्री सुहास रघुनाथ पंडित – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? श्री सुहास रघुनाथ पंडित – अभिनंदन ?

💐 संपादकीय निवेदन 💐

आपल्या ई-अभिव्यक्ती साहित्य मंचाचे ज्येष्ठ संपादक श्री सुहास रघुनाथ पंडित यांना, त्यांच्या “शिक्षा“ या कथेसाठी, ज्येष्ठ साहित्यिक श्री अरुण सावळेकर प्रस्तुत, ‘आरती‘ मासिक आयोजित कथा-लेखन स्पर्धेत (सन २०२२ ) प्रथम क्रमांकाचा पुरस्कार प्रदान करण्यात आला आहे.

श्री. पंडित यांचे आपल्या संपूर्ण ई-अभिव्यक्ती परिवारातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि अशा दर्जेदार विपुल लेखनासाठी हार्दिक शुभेच्छा ?

आजच्या अंकात वाचूया त्यांची “ शिक्षा “ ही पुरस्कृत कथा. 

संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ परसाई जन्म शताब्दी (2023-2024) अवसर पर “परसाई व्यंग्य पीठ” की स्थापना हो ☆ निवेदक – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🙏🏻 निवेदन – परसाई जन्म शताब्दी (2023-2024) अवसर पर “परसाई व्यंग्य पीठ” की स्थापना हो – श्री जय प्रकाश पाण्डेय🙏🏻

परसाई जन्म शताब्दी (2023-2024) अवसर पर संस्कारधानी जबलपुर में “परसाई व्यंग्य पीठ” की स्थापना की जानी चाहिए।

परसाई जी जीवन के अंतिम समय तक पीड़ा ही झेलते रहे, यह व्यक्तिगत पीड़ा भी थी, पारिवारिक पीड़ा भी थी, समाज और राष्ट्र की पीड़ा भी थी। इसी पीड़ा ने व्यंग्यकार को जन्म दिया। 

उनका व्यंग्य कोई हंसने-हंसाने, हंसी-ठिठोली वाला व्यंग्य नहीं, वह आम जनमानस में गहरे पैठ कर मर्मांतक चोट करता है।  वह उत्पीड़ित समाज में नई चेतना का संचार करता है, उन्हें कुरीतियों, अज्ञान के खिलाफ जेहाद छेड़ने बाध्य करता है।  वह सरकारी अमले को दिशा निर्देश देता प्रतीत होता है। यह साहस हर कोई नहीं जुटा सकता। समाज से, सरकार से, मान्य परंपराओं के विरोध करने में जो चुनौती का सामना करना होता है उससे सभी कतराते हैं, पर यह पीड़ा परसाई जी ने उठाई थी ।

श्री जय प्रकाश पाण्डेय

व्यंग्य को लोकोपकारी स्वरूप प्रदान करने में उनके भागीरथी प्रयत्न की लम्बी गाथा है। जब उनके व्यंग्य की परिधि आम आदमी से घूमते घूमते राष्ट्रीय सीमा लांघ अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर स्थापित हो चुकी है, तो क्यों न संस्कारधानी जबलपुर में परसाई जी के नाम पर “परसाई व्यंग्य पीठ” के स्थापना की पहल जनप्रतिनिधियों को करना चाहिए। हम सभी व्यंग्यकार-साहित्यकार एवं साहित्यिक संस्थाओं द्वारा इस भागीरथी प्रयास में सहभागिता की अपेक्षा करते हैं। 

इस अभूतपूर्व पहल के लिए श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी के आह्वान का ई-अभिव्यक्ति परिवार द्वारा स्वागत एवं सहभागिता हेतु तत्पर 💐🙏🏻

 

निवेदक – जय प्रकाश पाण्डेय

416 – एच, जय नगर, आई बी एम आफिस के पास जबलपुर – 482002  मोबाइल 9977318765

संपर्क – # 103-सी, अशोक नगर, नज़दीक शिव मंदिर, अम्बाला छावनी- 133001 (हरियाणा), ई मेल- [email protected] मोबाइल : 9813130512

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ हरियाणा लेखक मंच’ का प्रथम वार्षिक सम्मेलन 27 नवम्बर को करनाल में ☆ श्री विजय कुमार ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 हरियाणा लेखक मंच’ का प्रथम वार्षिक सम्मेलन 27 नवम्बर को करनाल में🌹

हरियाणा लेखक मंच’ का प्रथम वार्षिक सम्मेलन 27 नवम्बर को करनाल में

हरियाणा लेखक मंच‘ का प्रथम वार्षिक सम्मेलन दिनांक 27 नवंबर, 2022, दिन रविवार को गुरु नानक खालसा कॉलेज, रेलवे रोड, करनाल (हरियाणा) में सुबह 10:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक आयोजित किया जा रहा है।

दो सत्रों में होने वाले इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध लेखक एवं ग़ज़लकार श्री ज्ञानप्रकाश विवेक ‘समकालीन परिदृश्य एवं कहानी’ और सुप्रसिद्ध लेखक एवं कवि श्री हरभगवान चावला ‘समकालीन परिदृश्य एवं कविता’ पर अपनी बात रखेंगे।

पुस्तक विमोचन एवं पुस्तक प्रदर्शनी का कार्यक्रम भी रखा गया है।

वरिष्ठ साहित्यकार श्री कमलेश भारतीय, हिसार एवं श्री अशोक भाटिया, करनाल के नेतृत्व में और इस मंच के फाउंडर मेंबर्स डॉ राधेश्याम भारतीय, करनाल, श्री अजय सिंह राणा, चंडीगढ़, श्री ब्रह्म दत्त शर्मा, यमुनानगर और श्री पंकज शर्मा, अम्बाला के सहयोग से यह आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हरियाणा एवं अन्य प्रदेशों के अनेक वरिष्ठ एवं युवा साहित्यकार भाग लेंगे।

साभार  – श्री विजय कुमार, सह-संपादक ‘शुभ तारिका’ (मासिक पत्रिका)

संपर्क – # 103-सी, अशोक नगर, नज़दीक शिव मंदिर, अम्बाला छावनी- 133001 (हरियाणा), ई मेल- [email protected] मोबाइल : 9813130512

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ अंबाला के श्री विजय कुमार एवं सुश्री अंजलि सिफर ‘लघुकथा सेवी सम्मान’ से सम्मानित – अभिनंदन ☆

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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 अंबाला के श्री विजय कुमार एवं अंजलि सिफर ‘लघुकथा सेवी सम्मान’ से सम्मानित – अभिनंदन 🌹

अंबाला : 30 अक्टूबर को सिरसा में हरियाणा प्रादेशिक लघुकथा मंच सिरसा के तत्वावधान में हरियाणा हिंदी साहित्य सम्मेलन का आयोजन संयोजक डॉ. शील कौशिक एवं संरक्षक प्रोफेसर रूप देवगुण के द्वारा किया गया। चार सत्रों में संपन्न हुए इस कार्यक्रम में अंबाला से विजय कुमार, रितु विजय, अंजलि सिफर और पंकज शर्मा ने भाग लिया।

इस अवसर पर अंबाला से पिछले 50 वर्षों से नियमित प्रकाशित होने वाली पत्रिका ‘शुभ तारिका’ तथा अंजलि सिफर की पुस्तक ‘हेलो जिंदगी’ का लोकार्पण किया गया। सम्मेलन में लघुकथा जगत के जाने-माने साहित्यकारों की उपस्थिति में विजय कुमार एवं अंजलि सिफर को ‘लघुकथा सेवी सम्मान’ से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विजय कुमार एवं अंजलि सिफर ने अपनी-अपनी लघुकथाओं का पाठ भी किया। लघुकथा पाठ के बाद इनकी लघुकथाओं पर पटियाला से आए हुए साहित्यकार श्री योगराज प्रभाकर द्वारा समीक्षात्मक टिप्पणी भी की गई। कार्यक्रम में देश के अनेक राज्यों से आए हुए साहित्यकारों ने भाग लिया।

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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