डॉ भावना शुक्ल

(डॉ भावना शुक्ल जी  (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान  किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं  होली पर्व पर विशेष  “भावना के दोहे । ) 

☆ साप्ताहिक स्तम्भ  # 125 – साहित्य निकुंज ☆

☆ भावना के दोहे  ☆

नयन प्रतीक्षा कर रहे, मिले चैन आराम।

नयनों को ठंडक मिले, पीकर प्रेमिल जाम।।

 

दुर्गा को हम पूजते, पूज्य चैत का मास।

राम-राम सब जप रहे, नवमीं के दिन खास।।

 

मैंने प्रियतम के लिए, रखा आज उपवास।

विनती है केवल यही, रहो हृदय के पास।।

 

अब तो निर्णय कर लिया, मैंने दिल से आज।

जीना है तेरे लिए, तुम मेरे सरताज।।

 

राधे तुझमें देखता, तुझमें पावन प्रीत।

तुझको अर्पण कर दिया, मन अपना मनमीत।।

© डॉ.भावना शुक्ल

सहसंपादक…प्राची

प्रतीक लॉरेल , C 904, नोएडा सेक्टर – 120,  नोएडा (यू.पी )- 201307

मोब  9278720311 ईमेल : [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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