डॉक्टर मीना श्रीवास्तव

☆ ♻️ “विश्व पर्यावरण दिन-५ जून २०२३…” 🌻 ☆ डॉक्टर मीना श्रीवास्तव ☆

नमस्कार पाठकों,

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के नेतृत्व में १९७३ से हर साल ५ जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस २०२३ की थीम है ‘Beat Plastic Pollution’ अर्थात, ‘प्लास्टिक पॉल्यूशन पर काबू पाओ’, क्योंकि बढ़ता प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरण प्रदूषण का एक प्रमुख कारण पाया गया है। हर साल ४०० मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें से आधे को केवल एक बार उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है (एकल उपयोग प्लास्टिक अर्थात सिंगल यूज प्लास्टिक)| आज की तारीख में अत्यावश्यक होने के कारण २०२३ की थीम के अंतर्गत प्लास्टिक प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के साथ-साथ नागरिकों की भागीदारी के साथ वैश्विक पहल लागू की जाएगी।

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण

प्लास्टिक का उत्पादन जीवाश्म ईंधन का उपयोग करता है, जो ग्रीनहाउस गैस (कार्बन डाइऑक्साइड) को बाहर फेंकता है और वैश्विक तापमान में वृद्धि करता है। एकल उपयोग प्लास्टिक, मुख्य रूप से प्लास्टिक बैग, स्ट्रॉ और पानी की बोतलों का अत्यधिक उपयोग, बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। प्लास्टिक का गलत प्रबंधन (मुख्य रूप से कचरे का गैर-पृथक्करण) और प्लास्टिक कचरा कूड़ेदान या अन्य जगहों पर फेंकने से जलमार्गों और महासागरों में प्रवेश करते हुए समुद्री जीवन और पर्यावरण को नुकसान पहुँचा सकता है। इस प्लास्टिक के विघटित होने में १००० वर्ष से अधिक समय लगता है और ये विघटित प्लास्टिक जहरीले रसायनों के रूप में पर्यावरण को प्रदूषित करते रहते हैं। प्लास्टिक प्रदूषण से समुद्री जीवन प्रभावित होता है। महासागरों में कछुओं, मछलियों और अन्य जलीय जीवों की मृत्यु होती है। जलमार्ग भी प्रभावित होते हैं। नदियाँ और नाले प्लास्टिक कचरे से भर सकते हैं, जिससे बाढ़ और प्रदूषण हो सकता है। यह हमारे पीने के पानी को भी प्रदूषित करता है। इसके कारण जैव विविधता (biodiversity) कम हो रही है। प्लास्टिक में मौजूद जहरीले रसायन मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने के तरीके

प्लास्टिक प्रदूषण पर काबू पाने के लिए रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल ये तीन आवश्यक R अर्थात उपाय हैं। एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग कम करें और टिकाऊ विकल्प यानि, प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करें। इस लड़ाई में जन जागरूकता जरूरी है। सामाजिक जागरूकता अभियान के साथ-साथ समाज प्रबोधन के लिए सोशल मीडिया बहुत प्रभावी है। एकल उपयोग प्लास्टिक के उत्पादन और उपयोग को सीमित करने वाली सरकारी नीतियों और नियमों का सख्त पालन आवश्यक है। हम प्लास्टिक प्रदूषण को दूर करने के लिए समुद्र तटों, बगीचों, अन्य सार्वजनिक स्थानों और परिसरों में स्वच्छता अभियान चलाकर प्लास्टिक कचरे का नियोजन कर सकते हैं।

‘स्वच्छ रुणवाल’ अभियान

हम न केवल प्लास्टिक का उपयोग करते हैं, बल्कि उसे अपने घरों के बाहर, परिसर में, सड़कों पर और यहां तक कि कूड़ेदान होते हुए भी उसके बाहर फेंकते हैं। यह कचरे का योग्य नियोजित नहीं है। इस संबंध में, रुणवाल गार्डन सिटी, ठाणे पश्चिम के हमारे परिसर में जनवरी २०१७ से ‘स्वच्छ रुणवाल’ नामक उपक्रम चल रहा है। स्वच्छ रुणवाल परियोजना बिसलेरी-बॉटल फॉर चेंज, एंटी प्लास्टिक ब्रिगेड चैरिटेबल ट्रस्ट, परिसर भगिनी विकास संघ, ऊर्जा फाउंडेशन और ठाणे महानगर निगम के सहयोग से कार्यान्वित की जा रही है। आज तक हम २७००० किलो से अधिक प्लास्टिक को पुनर्चक्रण के लिए दान कर चुके हैं, इसपर अभियान में शामिल निवासी और स्वयंसेवक (मैं भी एक स्वयंसेवक हूं) बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं। इसी उपक्रम द्वारा इलेक्ट्रॉनिक कचरे और थर्मोकोल को भी रिसाइकिल करते हैं। वृक्षारोपण अभियान के माध्यम से हरियाली और स्वच्छता को बढ़ावा दिया जाता है। हमारे कुछ स्वयंसेवकों ने ठाणे के पास समुद्र तट सफाई के सरकारी अभियान में योगदान दिया है।

हमने जनवरी २०१७ में प्लास्टिक संग्रह शुरू किया। एकत्रित प्लास्टिक कचरे को स्वयंसेवक अपने वाहनों में पुनर्चक्रण के लिए ऊर्जा फाउंडेशन केंद्रों तक पहुँचाते थे| कॉम्प्लेक्स का योगदान बढते गया, इसलिए हमने ‘बॉटल फॉर चेंज’ और ‘एंटी प्लास्टिक ब्रिगेड चैरिटेबल ट्रस्ट’ के साथ करार किया। अगस्त २०१९ से इसमें तेजी आई है। अब रुनवाल गार्डन सिटी के निवासी हर हफ्ते के आड़े शनिवार को इमारतों के कुछ स्थानों पर प्लास्टिक कचरे को जमा करके प्लास्टिक रीसाइक्लिंग अभियान जारी रखते हैं।हमारा परिसर ‘बॉटल्स फॉर चेंज’ परियोजना के तहत पंजीकृत है। यह संस्था आपकी सोसायटी से प्लास्टिक कलेक्ट करने के लिए आपके घर तक अपनी गाड़ी भेजती है और उनके एप के जरिए ऐसा करना बेहद आसान है| यह एप हमारे परिसर द्वारा एकत्र किए गए प्लास्टिक कचरे का सही वजन बताता है।

प्लॉगिंग

प्रिय पाठकों, हमारे परिसर में ‘प्लॉगिंग’ (यानि जॉगिंग या अन्य व्यायाम करते करते प्लास्टिक का कचरा इकठ्ठा करना तथा उसका योग्य नियोजन करना) भी किया जाता है| हर रविवार को हमारे इस अभियान के सदस्य तथा बच्चे इस बिखरे प्लास्टिक को चुनकर, तो कभी खोद निकालकर सफाई कर्मचारियों के भांति वह जमा करते रहते हैं| इसके अलावा कुछ खास दिनों में (उदा. होली के रंगोत्सव का दूसरा दिन-८ मार्च २०२३ और विश्व वसुंधरा दिवस-२२ अप्रैल २०२३) इनका काम जोर शोर से किया जाता है|

जनजागरण

ये स्वयंसेवक जन जागरूकता पैदा करने का कोई अवसर नहीं छोड़ते हैं। इस परिसर के हर सार्वजनिक कार्यक्रम में इनकी अपील होती है! कभी सोशल मीडिया संदेश, वीडियो (मुख्यतः व्हाट्सएप और फेसबुक), कभी भाषण, कभी सुंदर नुक्कड़ नाटक, कभी पोस्टर, पेंटिंग प्रतियोगिताएं! इन सबके बीच यह काम निरन्तर जारी है। सबसे आशाजनक और आनन्ददायक बात यह है, कि इस गतिविधि में छोटे और बड़े बच्चे बहुत उत्साह और चाव के साथ सहभागी होते हैं।

पुरस्कार

इस अभियान को कई पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्राप्त हुए हैं। वर्ष २०२३ के बारे में कहूं तो ८ मार्च को आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ के अवसर पर संजय भोईर फाउंडेशन द्वारा ‘उषा सखी सम्मान’ इस कार्यक्रम में माननीय श्री संजय भोईर एवं श्रीमती उषा भोईर द्वारा प्रमाण पत्र देकर रुणवाल के इस प्रोजेक्ट में कार्यरत महिलाओं को सम्मानित किया गया| ११ अप्रैल २०२३ को रुणवाल गार्डन सिटी, ठाणे को गोदरेज और बॉयस के सहयोग से ‘द बेटर इंडिया’ द्वारा प्रस्तुत ‘बेस्ट हाउसिंग इंस्टीट्यूशन अवार्ड’ (स्वच्छ पहल श्रेणी में विजेता) प्राप्त हुआ। यह शहरों को रहने योग्य बेहतर स्थान बनाने और समाज के सभी वर्गों के बीच इसके कार्यान्वित करने और जागरूकता निर्माण में एकत्रित कार्य करने के लिए प्राप्त किया हुआ राष्ट्रीय पुरस्कार है।

मित्रों, कोई भी सामाजिक उद्यम, चाहे सरकारी हो या निजी, नागरिकों की भागीदारी के बिना सफल नहीं हो सकता। कोई भी गतिविधि स्वयं से ही शुरू होती है। हम सब को एकल उपयोग प्लास्टिक बैग, पानी की बोतल, प्लेटें, डिब्बे, बर्तन, चम्मच, स्ट्रॉ, कप आदि का उपयोग बंद करना चाहिए। वैकल्पिक सामग्री (जैसे कि, कपडे के थैले, स्टील की पानी की बोतलें, केले के छिलके से बनी प्लेटें, कटोरे आदि) से बनी चीजों का उपयोग करके कई टन प्लास्टिक के उपयोग को रोका जा सकता है। शासन स्तर पर हर परिसर में कूड़ा निस्तारण व अलग से प्लास्टिक के संग्रह की योजना शुरू हो चुकी है, इसे सफल बनाना निवासियों का सामाजिक कर्तव्य है। मेरा मानना है कि, ‘मेरा प्लास्टिक कचरा, मेरी जिम्मेदारी’ इस मंत्र को ध्यान में रखते हुए हम जितना हो सके योगदान दें उतना अच्छा! मित्रों, याद रहे, आप जो भी प्लास्टिक रीसायकल करने के लिए देते हैं, वह हरीभरी वसुंधरा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है!

धन्यवाद! 🌹

डॉक्टर मीना श्रीवास्तव

फोन नंबर: ९९२०१६७२११

टिप्पणी –

ऊपर बताए उपक्रम से सम्बन्धित विडिओ की लिंक लेख के अन्त में दी है। इस लेख के लिए इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी का उपयोग किया है।

कृपया यह प्रतिक्रिया अग्रेषित करनी हो तो, साथ में मेरा नाम तथा फोन नंबर उसमें रहने दें!

https://m. facebook. com/story. php?story_fbid=6801541356538935&id=100000494153962&mibextid=Nif5oz

https://photos. app. goo. gl/Gtgj1jNfVn139nTJ6

https://fb. watch/kM4CvBc5Jo/?mibextid=RUbZ1f

Instagram: https://www. instagram. com/reel/Cq7Uvs1rT98/?igshid=YmMyMTA2M2Y=

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments