(प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के साप्ताहिक स्तम्भ – “विवेक साहित्य ”  में हम श्री विवेक जी की चुनिन्दा रचनाएँ आप तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र जी, मुख्यअभियंता सिविल  (म प्र पूर्व क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी , जबलपुर ) से सेवानिवृत्त हैं। तकनीकी पृष्ठभूमि के साथ ही उन्हें साहित्यिक अभिरुचि विरासत में मिली है। आपको वैचारिक व सामाजिक लेखन हेतु अनेक पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है।आज प्रस्तुत है एक आलेखनिष्पक्ष परीक्षा के लिए ए आई)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – विवेक सहित्य # 224 ☆

? आलेख – निष्पक्ष परीक्षा के लिए ए आई?

जीवन हर पल एक परीक्षा ही होती है। गुणवत्ता बनाए रखने के लिए शिक्षा से लेकर नौकरी के लिए भी पारदर्शी तरीके से तटस्थ भाव से परीक्षा संपन्न करवाना भी एक बड़ा कार्य है। कभी पेपर आउट, कभी नकल, तो कभी कभी जांच कार्य में पक्षपात के आरोप लगते हैं। परीक्षाओं को सुसंपन्न करना एक चुनौती है।

इसके लिए कम्प्यूटर और अब ए आई का सदुपयोग किया जाना चाहिए।

इंस्टिट्यूशन आफ इंजीनियर्स इंडिया देश की 100 वर्षो से पुरानी संस्था है। इंस्टिट्यूशन सदैव से नवाचारी रही है। AMIE हेतु परीक्षा में नवाचार अपनाते हुए, हमने प्रश्नपत्र जियो लोकेशन, फेस रिक्गनीशन, ओ टी पी के तेहरे सुरक्षा कवच के साथ ठीक परीक्षा के समय पर आन लाइन भेजने की अद्भुत व्यवस्था की। सात दिनों, सुबह शाम की दो पारियों में लगभग 50 से ज्यादा पेपर्स, होते है।

 मैने भोपाल स्टेट सेंटर से नवाचारी साफ्टवेयर से परीक्षा में केंद्र अध्यक्ष की भूमिकाओं का सफलता से संचालन किया।

इंस्टिट्यूशन के चुनाव तथा परीक्षा के ये दोनो साफ्टवेयर अन्य संस्थाओं के अपनाने योग्य हैं, इससे समय और धन की स्पष्ट बचत होती है। पेपर डाक से भेजने नही होते, रियल टाइम पर पेपर कम्प्यूटर पर डाउन लोड किए जाते हैं। नकल रोकने कैमरे हैं। रिकार्डिंग रखी जाती है।

इस तरह पारदर्शी तरीके से अन्य शैक्षिक तथा नौकरी में भर्ती आदि परीक्षा संपन्न कराने में टेकनालजी के प्रयोग को और बढ़ाने की जरूरत है।

© विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ 

ए 233, ओल्ड मिनाल रेजीडेंसी भोपाल 462023

मोब 7000375798

ईमेल [email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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