डॉ. ऋचा शर्मा

(डॉ. ऋचा शर्मा जी को लघुकथा रचना की विधा विरासत में  अवश्य मिली है  किन्तु ,उन्होंने इस विधा को पल्लवित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी । उनकी लघुकथाएं और उनके पात्र हमारे आस पास से ही लिए गए होते हैं , जिन्हें वे वास्तविकता के धरातल पर उतार देने की क्षमता रखती हैं। आप ई-अभिव्यक्ति में  प्रत्येक गुरुवार को उनकी उत्कृष्ट रचनाएँ पढ़ सकेंगे। आज प्रस्तुत है  शिक्षा के क्षेत्र में राजनीतिक विमर्श पर आधारित एक विचारणीय लघुकथा ‘वोट के बदले नोट’। डॉ ऋचा शर्मा जी की लेखनी को सादर नमन।)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – संवाद  # 109 ☆

☆ लघुकथा – वोट के बदले नोट ☆ डॉ. ऋचा शर्मा ☆

हैलो रमेश ! क्या भाई,  चुनाव प्रचार कैसा चल रहा है ?

बस चल रहा है । कहने को तो शिक्षा क्षेत्र का  चुनाव है लेकिन कथनी और करनी का अंतर यहाँ भी दिखाई दे ही जाता है । कुछ तो अपने बोल का मोल होना चाहिए यार ? मुँह देखी बातें करते हैं सब, पीठ पीछे कौन क्या खिचड़ी पका  रहा है, पता ही नहीं  चलता ?

अरे छोड़ , चुनाव में तो यह सब चलता ही रहता है। जहाँ चुनाव है वहाँ राजनीति और जहाँ राजनीति आ गई वहाँ तो —–

पर यह तो विद्यापीठ का चुनाव है, शिक्षा क्षेत्र का! इसमें उम्मीदवारों का चयन उनकी अकादमिक योग्यता के आधार पर ही होना चाहिए ना !

रमेश किस दुनिया में रहता है तू ? अपनी आदर्शवादी सोच से बाहर निकल। अकादमिक योग्यता, कर्मनिष्ठा ये बड़ी – बड़ी बातें सुनने में ही अच्छी लगती हैं । तुझे पता है क्या कि अभय ने कई मतदाताओं के वोट पक्के कर लिए हैं ?

कैसे ? मुझे तो कुछ भी नहीं पता इस बारे में ।

इसलिए तो कहता हूँ अपने घेरे से बाहर निकल, आँख – कान खुले रख । खुलेआम वोट के बदले नोट का सौदा चल रहा है । बोल तो तेरी भी बात पक्की करवा दूं ? ठाठ से रहना फिर, हर कमेटी में तेरा नाम और जिसे तू चाहे उसका नाम डालना। चुनाव में खर्च किए पैसे तो यूँ वापस आ जाएंगे और सब तेरे आगे – पीछे भी रहेंगे ।

नहीं – नहीं यार,  शिक्षक हूँ मैं, वोट के बदले नोट के बल पर मैं जीत भी गया तो अपने विद्यार्थियों को क्या मुँह दिखाऊंगा। अपनी अंतरात्मा को क्या जवाब दूंगा ?

 

©डॉ. ऋचा शर्मा

अध्यक्ष – हिंदी विभाग, अहमदनगर कॉलेज, अहमदनगर. – 414001

संपर्क – 122/1 अ, सुखकर्ता कॉलोनी, (रेलवे ब्रिज के पास) कायनेटिक चौक, अहमदनगर (महा.) – 414005

e-mail – [email protected]  मोबाईल – 09370288414.

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

 

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