सूचनाएँ/Information ☆ ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को मिलेगा राष्ट्रीय प्रज्ञा सम्मान – अभिनंदन ☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

ओमप्रकाश क्षत्रिय प्रकाशको मिलेगा राष्ट्रीय प्रज्ञा सम्मान – अभिनंदन ☆

फिरोजाबाद, षष्ठ राष्ट्रीय प्रज्ञा सम्मान समारोह-2024 में हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए साहित्यकार श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को “रतन लाल बंसल आलेखश्री अलंकरण-2024” से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान हिंदी गद्य के क्षेत्र में निबंधात्मक आलेख, शोधपरक आलेख, निबंध संग्रह आदि की श्रेष्ठ चयनित कृति के लिए दिया जाता है। श्री प्रकाश को यह सम्मान उनके आलेख संग्रह “सफलता की बातें” के लिए प्रदान किया जाता है।

यह सम्मान 22-23 फरवरी, 2025 को फिरोजाबाद के सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सैकेंडरी स्कूल में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर हिंदी साहित्य के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले कई अन्य साहित्यकारों को भी गरिमामयी राष्ट्रीय सम्मान समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को यह सम्मान मिलने की घोषणा पर साहित्य जगत में हर्ष का वातावरण व्याप्त है। उनके इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई देते हुए कई साहित्यकारों, लेखकों और उनके शुभचिंतकों ने उन्हें ढेर सारी बधाई दी है।

श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ के बारे में —–

श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ हिंदी साहित्य के एक प्रतिष्ठित लेखक एवम् बाल साहित्यकार हैं। उन्होंने हिंदी साहित्य के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके लेखन में सामाजिक मुद्दों पर गहराई से चिंतन और विश्लेषण किया जाता है। उन्हें पूर्व में मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी का प्रतिष्ठित पुरस्कार श्रीहरिकृष्ण देवसरे, स्वतंत्रता सेनानी ओंकारलाल शास्त्री पुरस्कार, चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट का उपन्यास के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। हाल ही में आपको विश्व रंग के अंतर्गत रबिंद्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी द्वारा हिंदी पखवाड़े पर आयोजित प्रतियोगिता में 98 प्रतिशत अंक के साथ प्रमाण पत्र भी प्राप्त हुआ है।

“सफलता की बातें” के बारे में ——

“सफलता की बातें” श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ का एक प्रेरणात्मक आलेख संग्रह है। इस संग्रह में उन्होंने जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने उत्सवर्धक विचारों को प्रकट किया हैं। इस संग्रह में सफलता, असफलता, जीवन के संघर्षों, प्रेरणा और कई अन्य विषयों पर गहराई से लिखा गया है।

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ व्यंग्यम की मासिक व्यंग्य पाठ गोष्ठी संपन्न ☆ प्रस्तुति – श्री जय प्रकाश पाण्डेय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री जय प्रकाश पाण्डेय

🌹व्यंग्यम की मासिक व्यंग्य पाठ गोष्ठी संपन्न🌹

जबलपुर। व्यंग्य विधा के उन्नयन के लिए समर्पित ‘व्यंग्यम‘ द्वारा 96 वीं मासिक गोष्ठी का  आयोजन जय नगर स्थित पाण्डेय निवास में किया गया |  गोष्ठी में सर्वप्रथम बुंदेली व्यंग्यकार श्री गुप्तेश्वर द्वारका गुप्त जी ने सभी व्यंंग्यकारों का स्वागत किया।  गोष्ठी के प्रारम्भ में व्यंग्यकार श्री विजय तिवारी ‘किसलय’ जी  ने  ‘पोलिटिकल लीडरिटिस सिंड्रोम’,  श्री ओ. पी.  सैनी जी ने ‘तीज-त्योहार’,  श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी ने  ‘कौआ महासंघ बैठक के मिनिट्स’,  रमाकांत ताम्रकार जी ने ‘जात-कुजात’, श्री राकेश सोहम जी ने ‘गणपति के पंडाल में सर्वव्यापी’, श्री सुरेश विचित्र जी ने  ‘शुद्धता की गारंटी’, श्री प्रतुल श्रीवास्तव जी ने ‘काश हम सोई कवि होते’,  श्री अभिमन्यु जैन जी ने ‘प्रसादम’, श्री के. पी.  पांडे जी ने ‘मैं  लाठी नहीं लूँगा’ तथा डॉ कुंदन सिंह परिहार जी ने ‘भाग्यवादी होने के फायदे’ शीर्षक  वाले व्यंग्य लेखों का पाठ किया।

कार्यक्रम का संचालन यशस्वी व्यंग्यकार श्री सुरेश मिश्र विचित्र जी ने किया.  कार्यक्रम की अध्यक्षता देश के प्रसिद्ध कथाकार एवं व्यंग्यकार डॉ कुंदन सिंह परिहार जी ने की तथा आभार प्रदर्शन डॉक्टर विजय तिवारी किसलय जी ने किया। व्यंग्यकार यशोवर्धन पाठक जी का सहयोग रहा।कार्यक्रम के अंत में लघुकथाकार व्यंग्यकार डॉ कुंवर प्रेमिल जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

साभार –  श्री जय प्रकाश पाण्डेय

416 – एच, जय नगर, आई बी एम आफिस के पास जबलपुर – 482002  मोबाइल 9977318765  

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ श्री कमलेश भारतीय जी को साहित्य रत्न सम्मान – अभिनंदन☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री कमलेश भारतीय

🌹 श्री कमलेश भारतीय जी को साहित्य रत्न सम्मान – अभिनंदन 🌹

साहित्यकार व हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष श्री कमलेश भारतीय को नोएडा में आयोजित मरवाहा लिटरेरी फेस्टिवल में साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए साहित्य रत्न सम्मान प्रदान किया गया । श्री कमलेश भारतीय को यह सम्मान मरवाहा स्टुडियो व फिल्ममेकर्स व पत्रकारिता संस्थान के संचालक श्री संदीप मरवाहा ने प्रदान किया ।

श्री कमलेश भारतीय मूलत : पंजाब के नवांशहर के रहने वाले हैं पर पिछले सत्ताइस वर्षों से हिसार मे रह रहे हैं । श्री कमलेश भारतीय जी  को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के हाथों श्रेष्ठ कृति सम्मान, हरियाणा साहित्य अकादमी से श्रेष्ठ पत्रकारिता सम्मान और पंजाब के भाषा विभाग से वर्ष की सर्वोत्तम कथा कृति सम्मान सहित अनेक सम्मान मिल चुके हैं।

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री कमलेश भारतीय जी को इस विशिष्ट सम्मान के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ Capt. Pravin Raghuwanshi ji has been awarded the prestigious Sharada Shatabdi Samman Award – 2024 ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ Capt. Pravin Raghuvanshi, NM ☆

💐 Capt. Pravin Raghuwanshi ji has been awarded the prestigious Sharada Shatabdi Samman Award – 2024 💐

It’s a great pleasure to share that with the blessings of the Lord Almighty and good wishes of all Shrimadjagadguru Sharda Sarvagya Peetham Nyaas has awarded Capt. Pravin Raghuwanshi ji, the prestigious Sharada Shatabdi Samman Award – 2024 from the hands of Reverend Jagadguru Shankaracharya Swami Amritanand Dev Ji Maharaj, Hon’ble Justice Koteswar Singh, Supreme Court and Padmbhushan Prof Tripathi.

His following four books were also launched by His Holiness Swami Jagadguru Shankaracharya Ji

        • Enigmatic Dreams – An Anthology of Soulful Poems
        • Eternal Wait – The Bliss of English Shayari – An Anthology of Soulful Poetic Couplets
        • Pantheon of Memories – An Anthology of Soulful Poetic Verses
        • Blizzard of Poetic Euphoria – An anthology of Surreally Soulful Poetry

Captain Pravin Raghuvanshi —an ex Naval Officer, possesses a multifaceted personality. He served as a Senior Advisor in prestigious Supercomputer organisation C-DAC, Pune. He was involved in various Artificial Intelligence and High-Performance Computing projects of national and international repute. He has got a long experience in the field of ‘Natural Language Processing’, especially, in the domain of Machine Translation. He has taken the mantle of translating the timeless beauties of Indian literature upon himself so that it reaches across the globe. He has also undertaken translation work for Shri Narendra Modi, the Hon’ble Prime Minister of India, which was highly appreciated by him. He is also a member of ‘Bombay Film Writer Association’.

Captain Raghuvanshi is also a littérateur par excellence. He is a prolific writer, poet and ‘Shayar’ himself and participates in literature fests and ‘Mushayaras’. He keeps participating in various language & literature fests, symposiums and workshops etc. Recently, he played an active role in the ‘International Hindi Conference’ at New Delhi.  He presided over the “Session Focused on Language and Translation” and also presented a research paper.  The conference was organized by Delhi University in collaboration with New York University and Columbia University.

Capt. Raghuvanshi ji is the Editor (English) of this popular e-magazine, www.e-abhivyakti.com.

💐 The e-abhivyakti family congratulates Capt. Pravin Raghuvanshi ji for this great achievement. 💐

≈ Editor – Shri Hemant Bawankar/Editor (English) – Captain Pravin Raghuvanshi, NM ≈

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सूचना/Information ☆ संपादकीय निवेदन ☆ श्री दीपक तांबोळी – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? श्री दीपक तांबोळी  – अभिनंदन ?

💐 संपादकीय निवेदन 💐

आपल्या समूहातील ज्येष्ठ लेखक श्री. दीपक तांबोळी यांच्या वाटणी” या कथासंग्रहाला १० वा राज्यस्तरीय साहित्य पुरस्कार जाहीर झाला आहे.

दत्तात्रेय सांडू प्रतिष्ठान, चेंबूर, मुंबई यांच्यातर्फे दरवर्षी उत्कृष्ट कथासंग्रह, कादंबरी, कवितासंग्रह इत्यादी साहित्य प्रकारातील पुस्तकांना राज्यस्तरीय साहित्य पुरस्कार दिले जातात.. या वर्षीचे साहित्य पुरस्कार प्रतिष्ठानचे श्री आनंद सांडू यांनी जाहीर केले असून, उत्कृष्ट कथासंग्रहाचा पुरस्कार लेखक श्री. दीपक तांबोळी यांच्या ” वाटणी ” या कथासंग्रहाला जाहीर झाला आहे.

वाटणी ” या कथासंग्रहाला मिळणारा हा १० वा राज्यस्तरीय साहित्य पुरस्कार असून त्यांच्या एकंदरीत पुस्तकांना मिळणारा ३० वा राज्यस्तरीय साहित्य पुरस्कार आहे हे विशेष गौरवास्पद आहे. आपल्या सर्वांतर्फे श्री. तांबोळी यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि त्यांच्या यापुढील अशाच यशस्वी साहित्यिक वाटचालीसाठी हार्दिक शुभेच्छा.

आजच्या अंकात वाचूया या पुरस्कारप्राप्त कथासंग्रहातील एक कथा ‘तृप्ती’.

– संपादक मंडळ

ई – अभिव्यक्ती, मराठी विभाग

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ संपादकीय निवेदन ☆ श्री विश्वास देशपांडे – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? श्री विश्वास देशपांडे – अभिनंदन ?

💐 संपादकीय निवेदन 💐

आपल्या ग्रुपमधील ज्येष्ठ लेखक श्री. विश्वास देशपांडे यांच्या “अष्टदीपया पुस्तकाला नुकताच ‘तितिक्षा इंटरनॅशनल’चा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त झाला आहे. त्याबद्दल आपल्या सर्वांतर्फे त्यांचे अगदी मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील अशाच यशस्वी साहित्यिक वाटचालीसाठी हार्दिक शुभेच्छा.💐

आज त्यांच्या या पुरस्कारप्राप्त पुस्तकाचा परिचय करून घेऊया – “ पुस्तकावर बोलू काही “ या सदरामध्ये.

संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ संपादकीय निवेदन ☆ डॉ. शैलजा करोडे – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

? डॉ. शैलजा करोडे – अभिनंदन ?

💐 संपादकीय निवेदन 💐

आपल्या समूहातील ज्येष्ठ लेखिका व कवयित्री डॉ. शैलजा करोडे यांना नुकताच ‘World Constitution and Parliament Association‘ या संस्थेतर्फे देण्यात येणारा “World Parliament International Award“ हा जागतिक प्रतिष्ठेचा पुरस्कार प्रदान करण्यात आला आहे.

हा पुरस्कार दिला जातो …. ” For Significant Contribution to Global Human Society “.

डॉ. शैलजा करोडे यांना सामाजिक क्षेत्रातील आणि साहित्य क्षेत्रातील त्यांच्या योगदानाबद्दल अनेकदा राज्य शासनातर्फे पुरस्कार दिले गेले आहेत. आणि त्यांचे या क्षेत्रातले आत्तापर्यंतचे भरीव कार्य आणि त्यांना मिळालेले असे अनेक पुरस्कार लक्षात घेऊन त्यांची या मानाच्या पुरस्कारासाठी निवड करण्यात आली आहे ही खूपच गौरवास्पद गोष्ट आहे.

आपल्या सर्वांतर्फे डॉ. शैलजाताईंचे अतिशय मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील अशाच यशस्वी वाटचालीसाठी हार्दिक शुभेच्छा !!!! 

संपादक मंडळ, ई-अभिव्यक्ती (मराठी)

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनाएँ/Information ☆ वरिष्ठ लघुकथाकार डॉ. कुँवर प्रेमिल जी अनंत में विलीन – विनम्र श्रद्धांजलि ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🙏 💐 वरिष्ठ कथाकार डॉ. कुँवर प्रेमिल जी अनंत में विलीन – विनम्र श्रद्धांजलि 💐🙏

जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर के वरिष्ठतम साहित्यकार डॉ कुंवर प्रेमिल जी, विगत 50 वर्षों से अधिक समय से लघुकथा, कहानी, व्यंग्य में लेखन। क्षितिज लघुकथा रत्न सम्मान 2023 से सम्मानित। 500 से अधिक लघुकथाएं रचित एवं बारह पुस्तकें प्रकाशित। 2009 से प्रतिनिधि लघुकथाएं (वार्षिक) का सम्पादन एवं ककुभ पत्रिका प्रकाशित और संपादित । लघु कथा को लेकर कई  प्रयोग किये।  आपकी लघुकथा ‘पूर्वाभ्यास’ को उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय, जलगांव के द्वितीय वर्ष स्नातक पाठ्यक्रम सत्र 2019-20 में सम्मिलित। वरिष्ठतम  साहित्यकारों  की पीढ़ी ने  उम्र के इस पड़ाव पर आने तक जीवन की कई  सामाजिक समस्याओं से स्वयं की पीढ़ी  एवं आने वाली पीढ़ियों को बचाकर वर्तमान तक का लम्बा सफर तय किया है, जो कदाचित उनकी रचनाओं में झलकता है। हम लोग इस पीढ़ी का आशीर्वाद पाकर कृतज्ञ हैं। उनसे मेरी अंतिम आत्मीय भेंट उनके घर पर आदरणीय श्री जय प्रकाश पाण्डेय जी के साथ हुई थी। उनकी स्मृति और अक्सर फोन पर आत्मीय बातचीत भूल पाना असंभव है।  

प्रतिष्ठित कथाकार/लघुकथाकार डॉ. कुँवर प्रेमिलजी का दिनांक 05  सितंबर 2024 को रात्रि 9.30 बजे निधन हो गया।

(डॉ कुँवर प्रेमिल जी द्वारा अंतिम प्रेषित उनकी स्वर्गीय धर्मपत्नी जी को समर्पित दो लघुकथाएं  ((1) पानी कठौता भर लेई आवा (2) पत्नी के गुजर जाने के बाद .)जिन्हें वे उनकी धर्मपत्नि जी की तेरहवीं पर प्रकाशित करना चाहते थे, उन्हें ई-अभिव्यक्ति में 27 अगस्त 2024 को सादर प्रकाशित की गईं। आज हम उनकी उपरोक्त लघुकथाएं आपके लिए पुनः प्रकाशित कर रहे हैं। 🙏)

  – हेमन्त बावनकर, पुणे  

जबलपुर के श्री अशोक श्रीवास्तव जी के शब्दों में

जबलपुर के एकमात्र लघुकथा को लिखने पढ़ने ओढ़ने बिछाने वाले, लघुकथा अभिव्यक्ति के आधार स्तम्भ, प्रतिनिधि लघुकथाओं के सर्जक, सम्पादक, ककुभ लघुकथा के संपादक, आज पंच तत्वों में विलीन हो गए।

जिंदगी कितनी भी लंबी क्यों न हो, लेकिन मौत एक पल में उसे लघुकथा बना देती है, हैं को थे में बदलकर।

कुंवर प्रेमिल जी एक व्यक्तित्व ही नही लघुकथा की एक संस्था ही थे। लघुकथा के लिए उनका योगदान, समर्पण किसी पूजा से कम नहीं था।

उनका पत्नी के विछोह के दुख में 20 दिनों के भीतर ही चले जाना उनके गहरे प्रेम और संवेदना का उदाहरण बन गया है।

भगवान से यही प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को अपनी शरण में ले और बेटे बेटी और नाती पोतों को लगातार दादी दादा, नानी नाना आशा जी और कुँवर प्रेमिल जी (कुंवरपाल सिंह भाटी जी) के विछोह के आघात को सहने की क्षमता प्रदान करें।

मेरे पास सांत्वना देने के लिए कोई शब्द नहीं मिल पा रहे हैं, शब्द मौन हो चुके हैं प्रेमिल जी। 

🙏 ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से डॉ कुँवर प्रेमिल जी को विनम्र श्रद्धांजलि 🙏

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ हिंदी विभाग, मॉडर्न महाविद्यालय, पुणे को पी.एच.डी. अनुसंधान केंद्र के लिए मान्यता ☆ प्रस्तुति – डॉ प्रेरणा उबाळे ☆

सूचना/Information

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌸  हिंदी विभाग, मॉडर्न महाविद्यालय, पुणे को पी.एच.डी. अनुसंधान केंद्र के लिए मान्यता 🌸

मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर, पुणे के हिंदी विभाग में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय की ओर से पीएच.डी. अनुसंधान केंद्र के लिए मान्यता प्राप्त हुई है । अतः शैक्षिक वर्ष 2024 -25  से हिंदी विभाग में छात्र पीएच.डी. हेतु प्रवेश ले सकते हैं।

मॉडर्न महाविद्यालय में हिंदी विभाग की स्थापना सन 1970 में हुई तथा 2005 से हिंदी विषय विशेष रूप में पढ़ाया जाता है l एम ए. हिंदी साहित्य के साथ ही यहाँ विदेशी छात्रों  के लिए हिंदी भाषा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम मौजूद है l हिंदी विभाग अपने विभिन्न शैक्षिक उपक्रमों तथा  पाठ्यक्रमों में आधुनिक काल के अनुसार प्रासंगिक और नए बदलावों के कारण हमेशा चर्चित रहा है l मॉडर्न  महाविद्यालय के मुख्य ग्रंथालय में  9000 से अधिक हिंदी  की पुस्तकों का संचय होने के साथ-साथ  हिंदी विभाग का 5000 हजार से अधिक हिंदी संदर्भ पुस्तकों का स्वतंत्र ग्रंथालय है और आधुनिक हिंदी भाषा प्रयोगशाला भी मौजूद है जिसमें चार लाख से अधिक डिजिटल पुस्तकें, संगणक, रेकॉर्डर, अन्य सामग्री भी उपलब्ध करायी गई हैं, जो पीएच.डी. के छात्रों के लिए अत्यंत उपयुक्त सिद्ध होंगी l नई शिक्षा नीति के अंतर्गत जो परिवर्तन भाषाओं के विकास हेतु सुझाए गए हैं वे स्वायत्तता के अंतर्गत हिंदी विभाग, मॉडर्न महाविद्यालय पिछले छह वर्षों से ही कर रहा है l अतः इंटर्नशिप, फील्ड वर्क, प्रॅक्टिकल परीक्षाओं की विज्ञान शाखा के समान पद्धति हिंदी विभाग ने महाविद्यालय के स्वायत्त होने पर 2017 से ही अपनाई है l डॉ. प्रेरणा उबाळे के निर्देशन में हिंदी विभाग के छात्रों के द्वारा सहयोगात्मक शिक्षा के अंतर्गत निर्मित परियोजना कार्य की प्रस्तुति 2019 में तैवान में सहयोगात्मक शिक्षा विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में हुई थी l

हिंदी विभागप्रमुख डॉ. प्रेरणा उबाळे ने पीएच.डी. अनुसंधान केंद्र  की मान्यता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “हिंदी विभाग छात्रों के लिए हिंदी भाषा और साहित्य  के  संदर्भ में विशेष सुविधाएँ देने में निरंतर प्रयत्नशील रहा है l इस दृष्टि से अब हिंदी के लिए पीएच.डी. अनुसंधान केंद्र की मान्यता प्राप्त होने के कारण हिंदी विभाग के माध्यम से ग्यारहवीं कक्षा से लेकर पीएच.डी. तक हिंदी विषय का अध्ययन छात्रों के लिए सहज रूप में एक ही स्थान पर  मॉडर्न महाविद्यालय, छत्रपति शिवाजीनगर, पुणे में उपलब्ध होगा l इसका श्रेय उन्होंने  प्रोग्रेसिव एज्युकेशन सोसायटी के  अध्यक्ष आदरणीय  प्रो. डॉ. गजानन एकबोटे, सहकार्यवाह आदरणीय डॉ. ज्योत्स्ना एकबोटे, सचिव आदरणीय प्रा. शामकांत देशमुख और प्राचार्य डॉ. राजेंद्र झुंजारराव तथा मॉडर्न महाविद्यालय के  प्रशासन को प्रदान किया l उनकी अध्ययन- अध्यापन और शिक्षा क्षेत्र के प्रति दूरदृष्टि के कारण हिंदी विभाग अपनी उन्नति के पथ पर अग्रसर हो रहा है l 

साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे

अध्यक्ष, हिंदी विभाग

संपर्क – मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर,  पुणे ०५ मो – 7028525378 /

ईमेल – [email protected];  [email protected]

 ≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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सूचना/Information ☆ ई-अभिव्यक्ति – 🪔 दीपावली विशेषांक -2024 🪔 रचनाएँ आमंत्रित ☆ सम्पादक मंडल ई-अभिव्यक्ति ☆

🕯 सूचना/Information 🕯

🪔 ई-अभिव्यक्ति – दीपावली विशेषांक -2024 रचनाएँ आमंत्रित 🪔

(आपके आत्मीय स्नेहनुसार अंतिम तिथि 30 सितंबर 2024 को शाम 7 बजे तक)

भारत में दीपावली नए पंचांग, घर बाहर साफ सफाई, भांति-भांति के व्यंजन, रंगोली, उत्सव के लिए जानी जाती है। परिवारजन इस अवसर पर देश-विदेश से घर आते हैं।

साहित्य में पत्र-पत्रिकाएं दीपावली विशेषांक प्रकाशित करते हैं।

ई-अभिव्यक्ति मे हम पिछली दो दीपावली पर विशेषांक प्रकाशित कर चुके हैं, जिनकी चर्चा वैश्विक स्तर पर हुई।

आपके अवलोकनार्थ प्रस्तुत है  ई-अभिव्यक्ति – दीपावली अंक 2023 

प्रत्येक साहित्यकार का स्वप्न होता है कि उनका सर्वश्रेष्ठ साहित्य, दीपावली विशेषांक में प्रकाशित हो और प्रबुद्ध पाठक भी दिवाली के अंक का बेसब्री से इंतजार करते हैं।

सुधि पाठक दीपावली अंक संदर्भ के लिए संजो कर रखते हैं। हमें प्रसन्नता है कि ई-अभिव्यक्ति ने इस वर्ष भी ऐसे ही स्तरीय दीपावली विशेषांक के प्रकाशन का निर्णय लिया है।

साहित्यकारों से अनुरोध है कि वे अपनी सर्वश्रेष्ठ अप्रकाशित रचनाएं इस विशेषांक हेतु प्रेषित कर इस साहित्यिक कार्य को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करें:

साहित्यिक सामग्री भेजते समय कृपया निम्नलिखित नियमों को ध्यान में रखें:

  1. दिवाली अंक ई-बुक फॉर्मेट में प्रकाशित किया जाएगा।
  2. किसी एक साहित्यिक विधा की केवल एक रचना भेजी जाये ताकि अधिक से अधिक साहित्यकारों को अवसर दिया जा सके।
  3. साहित्यिक विधाओं में कथा-कहानी, कविता, व्यंग्य, लघुकथा, ललित लेख, साहित्यिक समीक्षा स्वीकार की जावेगी।
  4. कविता में अधिकतम 20 पंक्तियां होनी चाहिए। अन्य सभी साहित्यिक विधाओं में साहित्य अधिकतम 1500 शब्दों तक होना चाहिए। सभी सामग्री वर्ड फॉर्मेट में या श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी के व्हाट्स एप्प 7000375798 पर अथवा ईमेल [email protected] पर प्रेषित कीजिये। सब्जेक्ट लाइन में दीपावली विशेषांक लिखा जाना चाहिए।
  5. साहित्य मौलिक और अप्रकाशित होना चाहिए. यह भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए कि सामग्री को दिवाली के अंक के लिए भेजा जा रहा है।
  6. संपादक मण्डल का निर्णय अंतिम होगा।
  7. तकनीकी कारणों से दिवाली के अंक में शामिल नहीं किए गए स्तरीय साहित्य को ई-अभिव्यक्ति के दैनिक अंक में लिया जाएगा।
  8. 30 सितंबर 2024 को शाम 7 बजे तक अपनी सामग्री हमें भेजें। कृपया ध्यान दें कि उसके बाद प्राप्त साहित्य को दिवाली के अंक में लेना संभव नहीं होगा।
  9. यह सेवा नि:शुल्क है. साहित्यकार को कोई मानदेय नहीं दिया जा सकेगा।
  10. अनुरोध है कि प्रकाशनार्थ साहित्य धार्मिक, राजनीतिक या किसी अन्य विवादास्पद विषय से संबन्धित नहीं होना चाहिए तथा सामाजिक समरसता भंग न हो, इसका ध्यान रखा जाए।

आप इस निवेदन की जानकारी अन्य साहित्यकारों और समूहों को भेज सकते हैं।

आइए सभी के सहयोग से सामाजिक समरसता और स्तरीय साहित्य को साझा कर दीपावली की खुशियों को दुगुना कर दें।

ई-अभिव्यक्ति – संपादक मंडल

संपादकश्री हेमन्त बावनकर

संपादक हिन्दी श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव, श्री जय प्रकाश पाण्डेय,  संपादक अंग्रेजीकैप्टन प्रवीण रघुवंशी 

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर / संपादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव, भोपाल / श्री जय प्रकाश पाण्डेय, जबलपुर / संपादक (अंग्रेजी) कैप्टन प्रवीण रघुवंशी

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