श्री जय प्रकाश पाण्डेय

(श्री जयप्रकाश पाण्डेय जी की पहचान भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी के अतिरिक्त एक वरिष्ठ साहित्यकार की है। वे साहित्य की विभिन्न विधाओं के सशक्त हस्ताक्षर हैं। उनके  व्यंग्य रचनाओं पर स्व. हरीशंकर परसाईं जी के साहित्य का असर देखने को मिलता है। परसाईं जी का सानिध्य उनके जीवन के अविस्मरणीय अनमोल क्षणों में से हैं, जिन्हें उन्होने अपने हृदय एवं साहित्य में  सँजो रखा है। आज प्रस्तुत है आपका एक व्यंग्यात्मक लघुकथा – टाइम पास)

☆ व्यंग्यात्मक लघुकथा – ‘टाइम पास’ ☆ श्री जय प्रकाश पाण्डेय

पंडित जी कथा कराने टाइम से आ गये थे, देर घर वाले कर रहे थे। भीषण गर्मी थी, देर होते देख जजमान ने कहा – पंडित जी बेडरूम में एसी लगा है, जब तक थोड़ा देर आराम कर लीजिए। पंडित जी राजी हो गए और बेडरूम के सोफा में पसरकर टीवी देखने लगे।

पंडित जी के हाथ में रिमोट था,जब देखा कि कोई आसपास नहीं है तो फैशन टीवी चैनल चालू कर ‘देखने का सुख’ लेने लगे। थोड़ी देर बाद अचानक जब जजमान कथा के लिए बुलाने आए तो पंडित जी फैशन शो देखने में मग्न थे। पंडित जी अचानक जजमान को कमरे में घुसते देखकर सकपका गये और पट्ट से टीवी बंद कर बोले – ‘जजमान जी, आपको गलतफहमी न हो और श्रद्धा में कमी न हो, इसलिए बताना जरूरी है कि मैं इन्हें बहुत घृणा की दृष्टि से देख रहा था।’

© जय प्रकाश पाण्डेय

416 – एच, जय नगर, आई बी एम आफिस के पास जबलपुर – 482002  मोबाइल 9977318765

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

image_print
5 1 vote
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments