श्रीमती  सिद्धेश्वरी सराफ ‘शीलू’

(संस्कारधानी जबलपुर की श्रीमति सिद्धेश्वरी सराफ ‘शीलू’ जी की लघुकथाओं, कविता /गीत का अपना संसार है। साप्ताहिक स्तम्भ – श्रीमति सिद्धेश्वरी जी का साहित्य शृंखला में आज प्रस्तुत है आपकी सामाजिक समस्या बाल विवाह पर आधारित एक प्रेरक लघुकथा “ग्रहण से मोक्ष”।) 

☆ श्रीमति सिद्धेश्वरी जी  का साहित्य # 142 ☆

🌺लघु कथा 🌗ग्रहण से ोक्ष 🌕

नलिनी के जीवन में उस समय ग्रहण लग गया, जब 5 वर्ष की उम्र में धूमधाम से उसका बाल विवाह हुआ।

12 साल का उसका पति अभय नलिनी से ज्यादा समझदार दूल्हे होने की अकड़ और उम्र का बड़ा फासला, परंतु नलिनी इन सब बातों से अनजान खेलकूद, मौज – मस्ती, अपने मित्रों के साथ धमा-चौकड़ी, मोबाइल में गेम खेलना और समय पर पढ़ाई करना। यही उसकी दिनचर्या थी।

पढ़ाई लिखाई में कमजोर अभय हमेशा उस पर अधिकार जमाता रहता। मोहल्ला पड़ोस आस-पास होने की वजह से हर चीज की खबर रखता था। जो नलिनी को बिल्कुल भी पसंद नहीं आता था।

आज घर परिवार में ग्रहण की बात हो रही थी। इसकी राशि में शुभ और किसकी राशि में अशुभ। शुभ फल चर्चा का विषय बना था। पापा पेपर लिए बड़े ही तल्लीनता से पढ़ रहे थे। मम्मी पास में बैठी सब्जी काट रसोई की तैयारी करने में लगी थी।

अचानक दौड़ती नलिनी आई पापा के कंधे झूलते बोली…. पापा मेरी सखियां मुझे चिढ़ाती हैं कि मुझे तो ग्रहण लग गया है। पापा ग्रहण बहुत खतरनाक और भयानक होता है क्या? अभय भी मेरे साथ यही करेगा। पापा मुझे कब छुटकारा मिलेगा।

बिटिया की बातें सुन मम्मी-पापा हतप्रभ हो देखते रहे, उन्हें अपनी गलती का एहसास हो चुका था।

बहुत गलत फैसला है और तुरंत दूसरे कपड़े पहन, चश्मा लगा कुछ कागज, हाथों में ले बाहर जाने लगे।  मम्मी ने आवाज लगाई…. कहां चल दिए।

पापा ने कहा…. अपनी गलती के कारण अपनी बिटिया पर लगे ग्रहण के समय का मोक्ष निर्धारण करके आता हूँ। शायद यही समय उचित रहेगा।

नलिनी खुशी से झूम उठी…. अब मैं सभी फ्रेंड को बता दूंगी मेरा भी ग्रहण को मोक्ष मिल गया। अब कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा।

© श्रीमति सिद्धेश्वरी सराफ ‘शीलू’

जबलपुर, मध्य प्रदेश

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments