(महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा  प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव)

☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.१॥ ☆ प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’☆

कश्चित कान्ताविरहगुरुणा स्वाधिकारात प्रमत्तः

शापेनास्तंगमितमहिमा वर्षभोग्येण भर्तुः

यक्षश चक्रे जनकतनयास्नानपुण्योदकेषु

स्निग्धच्चायातरुषु वसतिं रामगिर्याश्रमेषु॥१.१॥

पदच्युत , प्रिया के विरहताप से

वर्ष भर के लिये , स्वामिआज्ञाभिशापित

कोई यक्ष सीतावगाहन सलिलपूत

घन छांह वन रामगिरि में निवासित

© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव

A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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