श्री जयेश वर्मा

(श्री जयेश कुमार वर्मा जी  बैंक ऑफ़ बरोडा (देना बैंक) से वरिष्ठ प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। हम अपने पाठकों से आपकी सर्वोत्कृष्ट रचनाएँ समय समय पर साझा करते रहेंगे। आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता मेरा गाँव…।)

☆ कविता  ☆ मेरा गाँव… ☆

क्यों मन जिद करता है…

जाने को तुमसे दूर..

बुलाता है मुझे, अब, भी…

वो, गाँव का सूरज……

पगडंडियों पर लेटी वो धूप..

 

आँचल सम्हालती.. मुस्काती चन्दा….

जिससे मैं मिलने को आतुर…

क्यों मन जिद करता है..

जाने को तुमसे दूर…

 

क्यों मन कभी गाँव के आसमां में उड़ता,

कभी धरती को नापता, दौड़ दौड़,

क्यों भरता है कुलांचे, ये मन,

झील की  लहरों को,

ताकता, एकटक,

 

कभी भगवत शरण में,

रमने की इच्छा,

कभी बुलाती, मुझे

गाँव के मंदिर की राम धुन,

 

मुझे शहर नहीं भाता,

गाँव ही बुलाता, हरदम,

इसलिए मन ज़िद करता,

जाने को तुमसे दूर..

 

©  जयेश वर्मा

संपर्क :  94 इंद्रपुरी कॉलोनी, ग्वारीघाट रोड, जबलपुर (मध्यप्रदेश)
वर्तमान में – खराड़ी,  पुणे (महाराष्ट्र)
मो 7746001236

ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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