सूचनाएँ/Information ☆ श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय विभिन्न सम्मानों से सम्मानित – अभिनंदन ☆

☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय विभिन्न सम्मानों से सम्मानित – अभिनंदन

रतनगढ़ (निप्र)। देवभूमि प्रयागराज में संपादक प्रवर अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी जयंतीके अवसर पर “साहित्य दीप सम्मान” नीमच जिले की प्रतिभा ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को प्रदान किया गया है।

इसी नगरी में पवन प्रभात साहित्य मंच द्वारा निर्लिप्त साहित्य साधना एवं हिंदी सेवा के लिए “साहित्य गौरव सम्मान” से आपको सम्मानित किया गया है।

वहीं तीसरा सम्मान 03 मई 2023 को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर “डॉ. श्रीप्रसाद स्मृति बाल साहित्य सम्मान” से आप को सम्मानित किया गया है। यह सम्मान- बच्चों! सुनो कहानी, पुस्तक पर दिया गया है। ज्ञात रहे की इस पुस्तक पर मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा श्री हरकृष्ण देवसरे बाल साहित्य सम्मान-2018, मध्यप्रदेश शासन द्वारा ₹51000 की पुरस्कार इसी वर्ष दिया जाना है।

देवभूमि प्रयागराज में एक साथ तीन सम्मान प्राप्त होना वास्तव में गौरव की बात है।

बालसाहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए पंडित हरप्रसाद पाठक बाल साहित्यश्री सम्मान प्रति वर्ष दिया जाता है। देशभर से पधारे एवं आमंत्रित किए हुए रचनाकार साथियों की उपस्थिति में गोकुल नगरी मथुरा में आयोजित होने वाले गरिमामय कार्यक्रम में  शाल, श्रीफल, सम्मानपत्र, नगद राशि के साथ प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार बाल साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट व उल्लेखनीय कार्य करने पर दिया जाता है। इस वर्ष 2023 का पंडित हरप्रसाद पाठक बाल साहित्यश्री सम्मान नीमच जिले के ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को आपकी पुस्तक – रोचक विज्ञान कथाएँ, प्रकाश अनुभव भारत सरकार द्वारा प्रकाशित पुस्तक पर प्रदान किया जाएगा है। आपकी यह पुस्तक सन 2022 में प्रकाशित हुई थी।

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की और से श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ जी को उनकी उपरोक्त उपलब्धियों के लिए हार्दिक बधाई 💐

– श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ पाथेय संस्था की आयोजना – डॉ.राजकुमार सुमित्र की दो कृतियों का विमोचन ☆ प्रस्तुति – डॉ. हर्ष तिवारी ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 पाथेय संस्था की आयोजना – डॉ.राजकुमार सुमित्र की दो कृतियों का विमोचन 🌹

सार्थक सृजन से मिलती है समाज को प्रेरणा

जबलपुर। डॉ.राजकुमार सुमित्र की कविताऐं मुक्त भावधारा की होते हुए भी छंद के सौंदर्य से रची बसी हैं। आस पास के वातावरण के साथ व्यक्ति के मन की विविधताओं से जुड़ी इन कविताओं का प्रभाव मन को गहरे तक स्पंदित करते हुए सोचने को विवश करता है। ऐसा सृजन जो पाठकों की विचारशीलता को नई दृष्टि प्रदान करे वही सार्थक सृजन होता है। तदाशय के उद्गार कला,साहित्य, संस्कृति को समर्पित पाथेय संस्था के तत्वावधान में कला वीथिका में आयोजित डॉ. सुमित्र की दो कृतियां ‘शब्द अब नहीं रहे शब्द’ एवं ‘आदमी तोता नहीं’ के विमोचन अवसर पर अतिथियों ने व्यक्त किए। समारोह की अध्यक्षता प्रतिष्ठित महाकवि आचार्य भगवत दुबे ने की। मुख्य अतिथि भाजपा नगर अध्यक्ष, पूर्व महापौर प्रभात साहू थे। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार संजीव वर्मा सलिल एवं अर्चना मलैया रहीं। जिन्होंने कृतियों पर प्रेरक एवं सार्थक समीक्षा की।

प्रारंभ में आयोजन संयोजक राजेश पाठक प्रवीण ने डॉक्टर सुमित्र के व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डाला सरस्वती वंदना सुश्रीअस्मिता शैली ने प्रस्तुत की। अतिथि स्वागत डॉ.मोहिनी तिवारी, राकेश श्रीवास, डॉ.हर्ष तिवारी, यशोवर्धन पाठक, राजीव गुप्ता ने किया। इस अवसर पर वर्तिका से विजय नेमा अनुज, अमरेंद्र नारायण, अनेकांत से राजेंद्र मिश्रा, डॉ.संध्या जैन श्रुति, आशुतोष तिवारी, हिंदी सेवा समिति से डॉ. सलमा जमाल, मनीषा गौतम, त्रिवेणी परिषद से साधना उपाध्याय, अलका मधुसूदन, चंद्रप्रकाश वेश, बुंदेली संस्कृति परिषद से प्रभा विश्वकर्मा, गुप्तेश्वर गुप्त, गीत पराग डॉ. गीता गीत, से प्रयाग से सशक्त हस्ताक्षर से गणेश प्यासा पाथेय से एच. बी.पालन, डॉ. सुरेन्द्रलाल साहू, डॉ.छाया सिंह, अनिता श्रीवास्तव, आलोक पाठक ने प्रथक-प्रथक मांनपत्र देकर डॉ. सुमित्र को सम्मानित किया। वक्ताओं ने कहा कि काव्य की अनुभूति मंत्र जैसी होती है। मंत्र की जो शक्ति है वैसी ही शक्ति काव्य में होती है। डॉ. सुमित्र ने समसामयिक घटनाओं पर कविताओं के माध्यम से मन की सुप्त चेतना को जागृत किया है। उनका सृजन पीढ़ियों के लिए दिशा बोधक है।

आयोजन की विशेषता रही कि रचनाकार ने दर्शक दीर्घा में उपस्थित होकर अपनी कविताओं के संदर्भ में सुना। समारोह में डॉ. राजलक्ष्मी शिवहरे, डॉ. सलपनाथ यादव, डॉ.अरुण शुक्ल, सुरेश विचित्र, राघुवीर अम्बर,  प्रतिमा अखिलेश, अर्चना द्विवेदी, चंदादेवी स्वर्णकार, एम. एल. बहोरिया, कालिदास ताम्रकार, प्रवीण मिश्रा, अनिमेष शुक्ला, मृदुला दीवान, दीनदयाल तिवारी निरंजन द्विवेदी भी उपस्थित थे।

साभार –  डॉ हर्ष तिवारी 

जबलपुर, मध्यप्रदेश  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है। देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल / पुस्तक मेले / साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

☆ गाजियाबाद में कथा रंग सम्मान  ☆

गाजियाबाद की संस्था ‘कथा रंग’ की ओर से आयोजित एक दिवसीय कहानी महोत्सव एवं सम्मान समारोह में देश भर से जुड़े रचनाकारों ने विभिन्न सत्रों में अपने विचार प्रकट किए। उद्घाटन सत्र का शुभारंभ प्रसिद्ध लेखक अब्दुल बिस्मिल्लाह ने करते कहा कि – “एक समय था जब इलाहाबाद की पहचान साहित्य की राजधानी के रूप में होती थी। आज गाजियाबाद साहित्य की कुंभ नगरी बन गया है।” उन्होंने कहा कि- “जब सदी बदलती है तो कईं बदलाव लाती है।” वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक अभिषेक उपाध्याय ने कहा कि-  “जीवन में आ रहे बदलाव पर ध्यान देकर किया गया लेखन ही दूर तक जाता है।” अंतिम सत्र की मुख्य अतिथि मैत्रेयी पुष्पा ने कहा कि ऐसे समारोह नए रचनाकारों को साहस व आगे बढ़ने का हौसला प्रदान करते हैं। सुप्रसिद्ध समीक्षक राहुल देव ने कहा कि- “जीवंत भाषा शुद्धता का आग्रह करती है। विराट स्वरूप के बावजूद अंग्रेजी मिश्रित हिंदी भाषा के वजूद के लिए खतरा पैदा कर रही है।” सुप्रसिद्ध लेखिका एवं कवयित्री रेणु हुसैन ने कहा कि- “कहानी हमारे समाज का वह दस्तावेज होती है जो पीढ़ियों को हमारे वर्तमान का बोध करवाती है।”

शोभनाथ शुक्ल की कहानी शनिचरी, सायरा बानो और सुजातो क्रिस्टी को प्रथम सम्मान स्वरूप 11 हजार रुपए का शिवम कपूर स्मृति प्रेमचंद कथा सम्मान प्रदान किया गया। द्वितीय पुरस्कार आशा पांडे की कहानी हारा हुआ राजा को जयदेवी जायसवाल स्मृति शिवानी कथा सम्मान तथा वंदना जोशी की कहानी नगर ढिंढोरा को मीनाक्षी वर्मा स्मृति इंदिरा गोस्वामी कथा सम्मान सहित 51-51 सौ रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की गई। तृतीय पुरस्कार स्वरूप सिनीवाली की कहानी रहो कंत होशियार को शकुंतला देवी पाठक स्मृति पुरस्कार प्रदान किया गया । कुल तेइस कथाकारों को पुरस्कृत किया गया ।

शिमला में व्यंग्य पर सम्मान : हिमाचल की राजधानी शिमला में व्यंग्य पर सोलन के डाॅ अशोक गौतम , दिल्ली के डाॅ प्रेम जनमेजय , लालित्य ललित , डाॅ संजीव को व्यंग्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये सम्मानित किया गया । मुख्य वक्ता डाॅ प्रेम जनमेजय ने दो टूक बात कही कि- “व्यंग्य पगडंडियों पर चलता है न कि राजपथ पर !” डाॅ प्रेम जनमेजय ने व्यंग्य के क्षेत्र में व्यंग्य यात्रा पत्रिका के माध्यम से और अपने लेखन से इस विधा को निरंतर आगे बढ़ाने में जो योगदान दिया वह सराहनीय है । व्यंग्य यात्रा का नवीनतम अंक व्यंग्य में नारी स्वर खूब चर्चित हो रहा है । हिमाचल की कला व साहित्य अकादमी के सहयोग से यह आयोजन किया गया जो बहुत सफल रहा ।

अल्मोड़ा में साहित्योत्सव : अल्मोड़ा में जून माह के शुरू मे साहित्योत्सव करने की घोषणा की गयी है जिसे अल्मोड़ा लिट फेस्ट का नाम दिया गया है । डाॅ दीपा गुप्ता इस आयोजन को लेकर बहुत उत्साहित हैं और दूरदराज पर्वतीय आंचल में साहित्योत्सव का आयोजन गर्मी के मौसम में बहुत खूब रहेगा । साहित्य और मौसम मिलकर जादू कर देंगे !

लघुकथा में योगदान : दिनेशपुर से पिछले 39 साल से प्रकाशित प्रेरणा अंशु पत्रिका का नया अंक लघुकथा विशेषांक के रूप मे आयेगा । संपादक पलाश विश्वास इसके लिये लगातार संपर्क कर रहे हैं कि अच्छी रचनायें मिल सकें । इसी प्रकार दिल्ली के डाॅ कमल चोपड़ा प्रतिवर्ष संरचना नाम से लघुकथाओं की वार्षिकी प्रकाशित करते आ रहे हैं । इसकी चर्चा भी हर बार रहती है । इसमें देश भर के रचनाकारों की श्रेष्ठ रचनायें शामिल रहती हैं । यह डाॅ कमल चोपड़ा का लघुकथा के क्षेत्र में बहुत ही खामोश योगदान है । इधर डाॅ अशोक भाटिया के संपादन में समकाल का लघुकथा विशेषांक भी आने वाला है । डाॅ अशोक भाटिया लघुकथा में अनथक काम कर रहे हैं। सभी मित्रों को अग्रिम शुभकामनायें !

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचनाएँ/Information ☆ बाल साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को वर्ष 2023 का महाराणा सूरजमल बाल विज्ञान साहित्य सम्मान – अभिनंदन ☆ साभार – श्री अरविंद कुमार संभव, संयोजक ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 बाल साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को वर्ष 2023 का महाराणा सूरजमल बाल विज्ञान साहित्य सम्मान – अभिनंदन 🌹

🌹 जयपुर साहित्य संगीति 🌹

(कलम, तूलिका, वाद्य, नाट्य, कला, मेधा का बौद्धिक संगम)

इस के अंर्तगत इस वर्ष 2023 का महाराणा सूरजमल बाल विज्ञान साहित्य सम्मान बाल साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ और लखनऊ के डॉक्टर जाकिर अली रजनीश को प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा।

🌹 जयपुर बाल साहित्य सम्मान वर्ष 2023 – परिणाम🌹

बाल साहित्य पर विभिन्न विधाओं में सम्मान वर्ष 2023 हेतु

1.बप्पा रावल बालगीत सम्मान

राजकुमार निजात, सिरसा हरियाणा

कुसुम अग्रवाल राजसमन्द राजस्थान

2. राणा हम्मीर बाल कहानी सम्मान

1.नीलम राकेश, लखनऊ

2.डा. शील कौशिक, सिरसा हरियाणा

3. महाराजा सूरजमल बाल विज्ञान साहित्य सम्मान

1.ओम प्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’, रतनगढ़ नीमच मध्यप्रदेश

2.डा. जाकिर अली रजनीश, लखनऊ

4. मेजर शैतान सिंह बाल कार्टून कथा सम्मान

कोई नहीं

5. राणा सांगा धार्मिक बोधकथा सम्मान

कोई नहीं

6. महाराणा प्रताप बाल शौर्य कथा सम्मान

कोई नहीं

🌹  जयपुर बाल साहित्य सम्मान 2023 विशेष अलंकरण पत्र 🌹

(बाल साहित्य में बेहतरीन समग्र एवं सतत् कार्य करने हेतु)

1. डा. चेतना उपाध्याय, अजमेर
2. दीनदयाल शर्मा, हनुमानगढ़
3. ताराचंद मकसाने, नवीं मुम्बई
4. रोचिका अरुण शर्मा, चैन्नई
5. डा. देशबंधु शाहजहांपुर, शाहजहांपुर यूपी
6. सुशीला शर्मा, जयपुर
7. अलका अग्रवाल, जयपुर
8. डा. सुधीर आजाद, भोपाल
9. तरुण कुमार दाधीच, उदयपुर
10. प्रो. राजेश कुमार, नौएडा
11. विमला नागला, केकड़ी, अजमेर
12 संगीता सेठी, बीकानेर
13. परी जोशी, भोपाल

संयोजक की टिप्पणी

लगभग दो माह पूर्व बच्चों में बाल साहित्य को पढ़ने की उत्सुकता जगाने तथा राजस्थान के वीर रणबांकुरे योद्धाओं के बारे में जानने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष चयनित बाल साहित्यकारों को विभिन्न विधाओं में सम्मानित करने के ध्येय से यह बाल साहित्य सम्मान योजना प्रारम्भ की गयी थी। इसमें कुल 24 बाल साहित्यकारों के नाम के प्रस्ताव आये जिनमें से ज्यादातर बप्पा रावल और राणा हम्मीर बाल साहित्य सम्मान के लिये थे। ‌ महाराजा सूरजमल, मेजर शैतान सिंह, राणा सांगा और महाराणा प्रताप बाल साहित्य सम्मान के लिये रखी गयी विधाओं में या तो प्रविष्टि आयी ही नहीं या फिर बहुत कम।

बाल कथा और बाल कविता में सर्वश्रेष्ठ साहित्यकार का चयन करना इसलिए भी बहुत कठिन हो गया क्योंकि लगभग सभी ने इन विधाओं में बहुत काम किया है। हालांकि हमारी मूल विज्ञप्ति के उस क्लाज़ को ज्यादातर ने शायद पढ़ा नहीं जिसमें लिखा था कि यह सम्मान योजना उन्हीं लेखकों के लिये है जो मूल एवं समग्र रूप से केवल बाल साहित्य में ही लिखते हैं। कभी कभार बाल कविता या कहानी लिखने वालों के लिये यह योजना नहीं थी।

फिर भी हमने कोशिश की है कि गुणवत्ता की उपेक्षा नहीं की जाये। इसीलिए प्रथम तीन श्रेणियों में प्रत्येक में दो दो लेखकों का चयन किया गया है।

चयन करते समय न तो हमने इस बात पर गौर किया है कि व्यक्ति विशेष को कितने और कहाँ कहाँ से अब तक पुरस्कार मिले हैं और ना ही हमने उनसे उनके द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का बंडल मंगवाया। हमने केवल बाल साहित्य में सतत् रूप से किये गये उनके कार्य पर ही दृष्टि रखी। अन्य सब हमारे लिए गौण था।

इसी श्रेष्ठता को दृष्टि में रखते हुए कुछ लेखकों को अतिरिक्त रूप से भी विशिष्ट अलंकरण पत्र से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया जिनकी सूची भी संग में ही जारी कर दी गयी है। ये सभी बाल साहित्य में समान रूप से विद्वान हैं और पुरस्कार/ सम्मान की किसी भी श्रेणी में आने की योग्यता रखते हैं।

विशिष्ट अलंकरण पत्र से सम्मानित सभी साहित्यकारों को अलंकरण पत्र डाक से प्रेषित कर दिया जायेगा। यदि वे स्वयं उपस्थित होकर इसे लेना चाहें तो पूर्व सूचना देकर दिनांक 25 जून 2023 को जयपुर साहित्य संगीति के तत्वाधान में आयोजित जयपुर साहित्य सम्मान 2023 अलंकरण समारोह एवं साहित्योत्सव में पधार कर इसे ग्रहण कर सकते हैं। यात्रा एवं आवास की व्यवस्था आपकी स्वयं की ही रहेगी।

कार्यक्रम स्थल

एस एफ एस सामुदायिक केंद्र सभागार, अग्रवाल फार्म, मानसरोवर, जयपुर 302020.

समय प्रातः 9 बजे से

साभार – श्री अरविंद कुमार संभव, संयोजक
9950070977

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – श्री सचिन पाटील – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री सचिन पाटील

💐 अ भि नं द न 💐

आपल्या समूहातील सिद्धहस्त लेखक श्री सचिन पाटील यांना, त्यांच्या ‘पाय आणि वाटा’ या ललितसंग्रहासाठी महाराष्ट्र साहित्य परिषद, पुणे यांच्यातर्फे दिला जाणारा अॅड. त्रिंबकराव शिरोळे स्मृती पुरस्कार घोषित केला गेला आहे. 

श्री. सचिन पाटील यांच्या नोव्हेंबर २०२२ मध्ये प्रकाशित झालेल्या या ‘पाय आणि वाटा’ ललितसंग्रहास रसिक वाचकांचा खूप चांगला प्रतिसाद मिळत आहे. यापूर्वी त्यांच्या या संग्रहास साहित्यरत्न लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे पुरस्कार पुणे, माणगंगा साहित्य परिषद, फलटण, मातृस्मृती साहित्य सन्मान पुरस्कार कामेरी, साहित्य प्रज्ञा मंच पुणे, कृतिशील शिक्षक महाराष्ट्र राज्य, इत्यादी मान्यवर साहित्य संस्थांचे पुरस्कारही लाभले आहेत.

लेखक श्री. सचिन पाटील यांचे आपल्या समूहातर्फे अतिशय मनःपूर्वक अभिनंदन, आणि यापुढेही त्यांच्याकडून अशीच दर्जेदार आणि समृद्ध साहित्य-निर्मिती सातत्याने होत राहो यासाठी त्यांना असंख्य हार्दिक शुभेच्छा. 

अनेक पुरस्कार प्राप्त झालेला त्यांचा ललित संग्रह ——

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सौ अंजली दिलीप गोखले आणि श्री दीपक तांबोळी – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सौ अंजली दिलीप गोखले

💐 अ भि नं द न 💐

आपल्या समूहातील प्रतिभावंत लेखिका सौ अंजली दिलीप गोखले यांना त्यांच्या “ भवसागरी तराया  या कथा संग्रहासाठी “ मासिक सारांश साहित्य पुरस्कार – २०२३ “ हा नामांकित पुरस्कार प्राप्त झालं आहे.

त्याबद्दल सुश्री अंजली गोखले यांचे आपल्या सर्वांतर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन, आणि पुढील अशाच यशस्वी साहित्यिक वाटचालीसाठी असंख्य हार्दिक शुभेच्छा.💐 

पुरस्कार-प्राप्त कथासंग्रह 

☆ ☆ ☆ ☆ ☆

श्री दीपक तांबोळी

💐 अ भि नं द न 💐

आपल्या समूहात नव्यानेच सामील झालेले प्रसिद्ध लेखक श्री दीपक तांबोळी यांनाही, त्यांच्या अशी माणसं अशा गोष्टी“ या कथासंग्रहासाठी “मासिक सारांश साहित्य पुरस्कार – २०२३“ हा नामांकित पुरस्कार प्राप्त झाला आहे.

या पुरस्काराबद्दल श्री. दीपक तांबोळी यांचे आपल्या समूहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन, आणि साहित्यक्षेत्रातील पुढील अशाच यशस्वी वाटचालीसाठी असंख्य हार्दिक शुभेच्छा.💐

यापुढे त्यांचे दर्जेदार लेखन आपल्याला नेहेमीच वाचायला मिळेल याची खात्री आहे.

पुरस्कारप्राप्त कथासंग्रह

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचनासूचनाएँ/Information ☆ समीक्षमेध पुस्तक मेला, सम्मान समारोह 2023 – 4 जून 2023 को जबलपुर में आयोजित ☆ प्रस्तुति – सुश्री छाया सक्सेना ‘प्रभु’ ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

समीक्षमेध पुस्तक मेला, सम्मान समारोह 2023 – 4 जून 2023 को जबलपुर में आयोजित

जबलपुर – साहित्य संगम संस्थान, दिल्ली के तत्वाधान में मां नर्मदा के तट संस्कारधानी जबलपुर मध्यप्रदेश में समीक्षामेध, पुस्तक मेला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम की संयोजिका छाया सक्सेना ‘प्रभु’ ने बताया कि यह कार्यक्रम 04 जून 2023, रविवार को आर्य समाज भवन डॉ बराट रोड, जबलपुर में मनाया जा रहा है। ज्ञातव्य हो कि यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे से रात्रि 08 बजे तक संचालित होगा। इस सत्र मे समीक्षा के साथ पुस्तक विमोचन होगा। जो कि 02 सत्र में आयोजित होगा।

मुख्य आकर्षण- पुस्तक मेले का उद्घाटन माननीय जगत बहादुर सिंह अन्नू जी महापौर -नगर निगम जबलपुर द्वारा किया जाना है। 

प्रथम सत्र प्रात: 10 बजे से दोपहर 01 तक होगा जिसकी अध्यक्षता डॉ श्रीनिवास शुक्ला सरस संस्थापक सोमालोब सीधी, मुख्य अतिथि श्री ओमकार द्विवेदी संस्थापक संयोजक मां नर्मदा महाआरती गौरीघाट, सारस्वत अतिथि महामहोपाध्याय आचार्य डॉ हरिशंकर दुबे, विशिष्ट अतिथि डॉ भानुप्रताप वेदालंकार, आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री, राजवीर सिंह मंत्र, एड. परितोष त्रिवेदी, ज्ञानेश्वरी दीदी, गीता शरद तिवारी, राजेश पाठक प्रवीण होंगे।

द्वितीय सत्र दोपहर 03 बजे से शाम 05 बजे के बीच सम्मान/अलंकरण समारोह होगा, जिसकी अध्यक्षता आचार्य संजीव सलिल (छंद शास्त्री, संस्थापक विश्ववाणी अभियान (समन्यवक प्रकाशन), मुख्य अतिथि इंजी. विनोद नयन (अध्यक्ष प्रसंग संस्थान) सारस्वत अतिथि डॉ राजलक्ष्मी शिवहरे वरिष्ठ उपन्यासकार, डॉ मीना भट्ट पूर्व जिला न्यायाधीश) विशिष्ट अतिथि अनिमेष अटल, पराग दीवान, आशीष ठाकुर, रंजीत राणा होंगे।

संयोजिका ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिनिधि कथाएं,व अविचल प्रभा ई पत्रिका मैया नर्मदा विशेषांक का विमोचन के अलावा उपस्थित साहित्यकारों की विभिन्न पुस्तकों का भी विमोचन होना तय है। साहित्य संगम संस्थान के समीक्षामेध, पुस्तक मेला में देश के विभिन्न हिस्सों से शिरकत करने साहित्यकार उपस्थित होगे।इस कार्यक्रम की अगुवानी डॉ भावना दीक्षित,ज्योति मिश्रा प्रभा, तृप्ति त्रिवेदी करेंगी।

साभार – सुश्री छाया सक्सेना, संयोजिका 

जबलपुर, मध्यप्रदेश 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सुश्री शोभना आगाशे आणि सुश्री मंजिरी येडूरकर – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सुश्री शोभना आगाशे

सुश्री मंजिरी येडूरकर

💐अ भि नं द न 💐

आपल्या समूहातील ज्येष्ठ लेखिका व कवयित्री सुश्री शोभना आगाशे आणि सुश्री मंजिरी येडूरकर यांनी एकत्रितपणे लिहिलेल्या “ गीतांजली – जशी भावली तशी  या उत्कृष्ट काव्य संग्रहाला पुढील दोन पुरस्कार एकाच वेळी घोषित करण्यात आले आहेत हे सांगतांना विशेष आनंद होतो आहे. —–

१ ) नरेंद्र विद्यापीठ, कोल्हापूर यांच्यातर्फे उत्कृष्ट काव्य संग्रह पुरस्कार. 

२ ) मासिक सारांश (मिरज) साहित्य पुरस्कार – २०२३ — विशेष साहित्यकृती पुरस्कार. 

💐 या दोन्ही प्रतिष्ठित पुरस्कारांसाठी सुश्री शोभना आगाशे, आणि सुश्री मंजिरी येडूरकर या दोघींचेही आपल्या समूहातर्फे अतिशय मनःपूर्वक अभिनंदन, आणि पुढील अशाच यशस्वी साहित्यिक वाटचालीसाठी असंख्य हार्दिक शुभेच्छा.💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

या दोघींच्या एका कवितेचा आस्वाद आज यानिमित्ताने घेऊ या… 

मुरली घेऊन दर्‍याडोंगरी

सूर चिरंतन निर्मित जाशी

त्या रुपाचे चिंतन करता

माझे अंतर स्पर्शून जाशी …. 

स्पर्शाने त्या पुलकित होते

शब्दातीत तुजसवे बोलते

तूच भारिसी चैतन्याने

तूच रिकामा आणि करिशी  …. 

कलश मम हा देहस्वरूपी

पुनःपुन्हा या धरणीपाशी

अमर्त्य आत्मा वेष बदलुनी

काळोखातून येत प्रकाशी …. 

माझी झोळी जरी तोकडी

दाता तू तर असीम असशी

युगे युगे तू देतचि जाशी

तरीही झोळीत जागा राही …. 

अनंत मी याचक युगांचा

असशी तू दाता कल्पांचा…

 – शोभना आगाशे 9850228658

 – मंजिरी येडूरकर  9421096611

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – सुश्री कुंदा कुलकर्णी – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

सुश्री कुंदा कुलकर्णी

💐अ भि नं द न 💐

आपल्या समूहातील ज्येष्ठ लेखिका सुश्री कुंदा कुलकर्णी यांना मराठी साहित्य मंडळ, ठाणे यांच्यातर्फे, साहित्य क्षेत्रातील योगदानाबद्दल दिला जाणारा राज्यस्तरीय  “सावित्रीबाई फुले साहित्य भूषण” हा मानाचा व अत्यंत प्रतिष्ठेचा पुरस्कार प्रदान करण्यात आला आहे. त्यांच्या “ भगवान वेदव्यास “ या उत्कृष्ट माहितीपूर्ण पुस्तकासाठी हा पुरस्कार देण्यात आलेला आहे. 

“ भगवान वेदव्यास “ यांचे जीवनकार्य या पुस्तकरूपाने लोकांना माहिती करून द्यावेसे का वाटले – याबाबतचे लेखिकेचे मनोगत आपण याआधी वाचलेलेच आहे. आता या पुरस्काराने हे पुस्तक सन्मानार्थ ठरले आहे ही गोष्ट खरोखरच खूप अभिमानास्पद आहे. 

या निमित्ताने लेखिकेने वेदव्यासांविषयी दिलेली थोडी माहिती वाचू या —

व्यासोऽच्छिष्टं जगत्सर्वम्.

“असा एकही विषय नाही की ज्याला महर्षी व्यासांनी स्पर्श केला नाही. ते अत्यंत ज्ञानी होते. मला लहानपणापासून अनेक ग्रंथ ,पोथ्या, पुराणे वाचायला मिळाली. प्रत्येक अध्यायाचे शेवटी “इति श्री वेदव्यासविरचितम्” असे असायचे किंवा सुरुवातीला “व्यास उवाच” असे असायचे. त्यामुळे व्यासांविषयी प्रचंड उत्कंठा होती. मध्यंतरी नैमिषारण्य यात्रा घडली. तिथे व्यास गद्दी आहे. ज्या आसनावर बसून महर्षी व्यासांनी वेद, पुराणे, महाभारत, भागवत कथन केले ते आसन आणि त्यावर बसलेली त्यांची  पूज्य मूर्ती पाहताच आपोआप हात जोडले गेले आणि अक्षरश: डोळ्यातून घळाघळा पाणी वाहू लागले. त्यांच्याबद्दलचा आदर अधिकच वाढला. तिथून आल्यानंतर अधाशासारखे त्यांच्याबद्दल मिळेल तिथून माहिती काढली. अनेक हात मदतीला आले. अनेक संदर्भ ग्रंथ मिळाले. आणि “भगवान वेदव्यास “या पुस्तकाचे प्रकाशन 19 मे २०२२ रोजी झाले. खूप मागणी आली. या विषयावर अनेक व्याख्याने पण झाली. आणि 19 मे 23 रोजी मला या पुस्तकाबद्दल पुरस्कार मिळाला ही व्यासांचीच कृपा. वेदव्यासांबद्दल खूप माहिती या पुस्तकात आहे. कुणाला हवे असल्यास मला पर्सनल वर कॉन्टॅक्ट करावा ही विनंती.” — सौ. कुंदा कुलकर्णी

💐ई – अभिव्यक्तितर्फे लेखिका सुश्री कुंदा कुलकर्णी यांचे मनःपूर्वक अभिनंदन, आणि पुढील अशाच यशस्वी साहित्यिक वाटचालीसाठी हार्दिक शुभेच्छा.💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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सूचना/Information ☆ सम्पादकीय निवेदन – श्री सुजित कदम – अभिनंदन ☆ सम्पादक मंडळ ई-अभिव्यक्ति (मराठी) ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

श्री सुजित कदम

💐अ भि नं द न 💐

आपल्या ई-अभिव्यक्ति समूहातील सिद्धहस्त तरुण कवी श्री सुजित कदम यांचाअरे अरे ढगोबा”  हा नवा बालकविता संग्रह – नरवीर प्रकाशन, पुणे, यांनी नुकताच अतिशय आकर्षक मांडणी करून प्रकाशित केला आहे. 

“अशा मोठ्ठ्या विमानात एकदा तरी बसू

उंच उंच फिरताना आपण ढगांसोबत हसू.” 

— अशासारखे बालमनाचे एक लोभस कल्पनाविश्व या संग्रहाला व्यापून राहिले आहे, असे म्हटल्यास ती अतिशयोक्ती ठरणार नाही. 

आजी गाई गाणे, झाड हळू हळू डुले.

हिरवी हिरवी पाने म्हणजे,–

झाडोबाची मुले……… अशासारख्या निरागस ओळी मोठ्यांनाही बालपणात घेऊन जातील अशाच.. 

लहान मुलांसाठी असे साहित्य लिहिणे, हे अतिशय अवघड असते. त्यामुळे, उत्तम बालसाहित्यकार मोजकेच असतात असे म्हटले जाते.. या संग्रहामुळे, या यादीत सुजित कदम या कवीचे नाव महत्त्वाचे ठरावे, असे म्हणूनच समीक्षकांनी म्हटले आहे. 

‘सावली देताना झाड कधी

जातपात पाहत नाही-!

कितीही असलं ऊन तरी-

सावली देणं सोडत नाही—!’

यासारख्या ओळी जाताजाता मुलांना कर्तव्यपालन, स्वभावधर्म व एकात्मतेचा मार्गही दाखवून जातात. 

म्हणूनच हे पुस्तक मोठ्यांनी आवर्जून विकत घ्यायला हवे. आणि मुलांच्या हाती वाचायला आवर्जून द्यायला हवे, अशी प्रतिक्रिया जाणकारांनी वाचताच व्यक्त केली आहे. 

💐 श्री सुजित कदम यांचे त्यांच्या या नव्या पुस्तकाबद्दल आपल्या ई-अभिव्यक्ति समूहातर्फे मनःपूर्वक अभिनंदन आणि पुढील अशाच समृद्ध साहित्यिक वाटचालीसाठी हार्दिक शुभेच्छा. 💐

संपादक मंडळ

ई अभिव्यक्ती मराठी

≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – श्रीमती उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈

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