सूचनाएँ/Information ☆ राष्ट्रीय व्यंग्य संगोष्ठी में सम्मानित हुए संस्कारधानी के ख्यातिलब्ध व्यंग्यकार – अभिनंदन ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹राष्ट्रीय व्यंग्य संगोष्ठी में सम्मानित हुए संस्कारधानी के ख्यातिलब्ध व्यंग्यकार – अभिनंदन 🌹

डॉ माया ठाकुर फाउंडेशन एवं माता कौशिल्या ज्योतिष साहित्य संस्कृति शोध पीठ रायपुर छतीसगढ़ द्वारा आयोजित व्यंग्यकारों के राष्ट्रीय अधिवेशन में संस्कारधानी जबलपुर के व्यंग्यकारों श्री रमेश सैनी को व्यंग्य भूषण, श्री जय प्रकाश पाण्डेय को व्यंग्य गौरव, श्री अभिमन्यु जैन को व्यंग्य गौरव, श्री प्रदीप शशांक को व्यंग्य गौरव, श्री ओ पी सैनी को व्यंग्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।

इस क्रार्यक्रम में पूरे देश से ख्यातिलब्ध व्यंग्यकार उपस्थित हुए ,जिसमें महत्वपूर्ण व्यंग्य विमर्श, व्यंग्य पाठ, कविता पाठ हुआ। देश के शीर्षस्थ व्यंग्यकार श्री सुभाष चंदर को राष्ट्रीय स्तर के बालेन्दु शेखर सम्मान से सम्मानित किया गया। संस्कारधानी के ख्यातिलब्ध व्यंग्यकारों की उक्त उपलब्धि पर श्री सुरेश मिश्र विचित्र, श्री प्रभात दुबे, श्री यू एस दुबे, डॉ उदय भानू तिवारी, श्री प्रतुल श्रीवास्तव,  श्री विजय जायसवाल, श्री रविन्द्र राघव, राजसागरी डॉ कौशल दुबे के साथ श्री जानकी रमण महाविद्यालय परिवार से श्री शरद चन्द्र पालन, डॉ अभिजात त्रिपाठी, डॉ आनंद सिंह राणा, डॉ गंगाधर त्रिपाठी, डॉ शक्ति सिंह मंडलोई, आदि ने हर्ष व्यक्त करते हुए हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की।

🌹 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री रमेश सैनी, श्री जय प्रकाश पाण्डेय, श्री अभिमन्यु जैन एवं श्री प्रदीप शशांक जी को हार्दिक बधाई – अभिनंदन 🌹

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

Please share your Post !

Shares

सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

साहित्य की दुनिया में नये से नये लिटरेरी फेस्टिवल हो रहे हैं । जयपुर लिटरेरी फेस्टिवल अभी पिछले सप्ताह संपन्न हुआ जिसमें इरशेद कामिल को सम्मान दिया गया । अब ये फेस्टिवल अनेक नगरों मे होने लगे हैं जो साहित्य के लिए शुभ संकेत हैं । एक बार विवेक आत्रेय ने चंडीगढ़ लिटरेचर फेस्टिवल भी करवाया था । इसी प्रकार कसौली में भी प्रसिद्ध लेखक खुशवंत सिंह के बेटे राहुल सिंह ने भी अपने पिता की स्मृति में लिटरेचर फेस्टिवल आयोजित किये । मेरठ और काठमांडू में भी लिटरेचर फेस्टिवल होने लगे हैं । हल्द्वानी में भी ऐसा आयोजन हुआ । इसी माह खुशवंत सिह का जन्मदिन भी है । उनको स्मरण कर रहा हू ।

देहरादून में शब्दोत्सव : देहरादून की कविकुंभ संस्था की संचालिका रंजीता सिह ने पिछले शनिवार व रविवार को दो दिवसीय शब्दोत्सव आयोजन किया । इसमें लीलाधर जगूड़ी, विभूति नारायण राय , दिविक रमेश , गंभीर सिह पालनी, रूचि बहुगुणा उनियाल , शोभा अक्षरा आदि ने भाग लिया और अनेक रचनाकारों को स्वयंसिद्धा सम्मान भी प्रदान किये गये । इस अवसर पर काव्य पाठ भी हुआ और साहित्य विमर्श भी । इससे पहले यही आयोजन पिछले वर्ष शिमला में किया गया था । रंजीता सिह को इस आयोजन की बधाई ।

शेखर जोशी को सम्मान : प्रसिद्ध कथाकार शेखर जोशी को एक समाचारपत्र ने शिखर सम्मान दिया । यह सम्मान उनके बेटे प्रतुल जोशी ने ग्रहण किया । वैसे यह सम्मान देने की घोषणा के समय शेखर जोशी को अनेक बधाइयां मिली लेकिन सम्मान पाने तक वे विदा हो चुके थे । इसके अतिरिक्त भी अनेक रचनाकारों को सम्मान प्रदान किये गये । इस भव्य आयोजन के मुख्यतिथि सरोद वादक अमजद अली थे जिन्होंने साहित्य और संगीत की जुगलबंदी की सराहना की । समाचारपत्र की यह साहित्य के प्रति भावना बहुत ही सराहनीय है ।

कलाकृति प्रदर्शनी : हिसार में एक ऐसा परिवार है जिसमें पिता, बेटी और बेटा तीनों ही पेंटर आर्टिस्ट हैं । पिता वेदप्रकाश आर्टिस्ट की देखरेख में बेटी चेतना और बेटे सिकंदर ने होटल मस्टर्ड में दो दिवसीय कलाकृति प्रदर्शनी लगाई जिसे अनेक कला प्रेमियों ने सराहा । समाजसेविका कविता अग्रवाल ने इसका उद्घाटन किया । यह प्रदर्शनी राकेश अग्रवाल के स्नेह सौजन्य से लगी । यह स्नेह राकेश सदैव बनाये रखें कलाकारों पर ।

इस सप्ताह इतना ही । फिर मिलेंगे अगले सप्ताह !

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

Please share your Post !

Shares

सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत 🌹

(विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

🌹🌹

हरिकृष्ण कामथ पर डाक विभाग  ने जारी किया एनवलप

सप्रे संग्रहालय की अनुशंसा पर  डाक विभाग  ने हाल में ही स्वतंत्रता सेनानी हरिविष्णु कामथ पर  स्पेशल एनवलप  जारी किया।

🌹🌹

जयशंकर प्रसाद :’महानता के आयाम’ पुस्तक का लोकार्पण

जयशंकर प्रसाद  पर प्रसिद्ध  साहित्यकार  एवं आलोचक डा.करूणाशंकर उपाध्याय द्वारा लिखित  पुस्तक का विमोचन  हिन्दी भवन में हुआ। कार्यक्रम  की अध्यक्षता पूर्व प्रशासनिक  अधिकारी एवं अक्षरा के संपादक मनोज श्रीवास्तव  ने की। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि-  “लेखक ने यह कृति लिखकर आलोचना को एक नई दृष्टि दी है।”  पुस्तक  पर साहित्यकार  प्रो. रामेश्वर  शुक्ल, प्रो.आनंद  प्रकाश त्रिपाठी, आनंद  कुमार सिंह, एवं सुधीर शर्मा ने अपने विचार  रखे।

🌹🌹

यंग थिंकर्स  फोरम  द्वारा 61वीं पुस्तक परिचर्चा का आयोजन  स्वामी विवेकानंद  लायब्रेरी में किया गया। इस अवसर पर निखिल समदरिया एवं सीताराम  गोयल की पुस्तक  ‘हिन्दु समाज संकटों के घेरे में ‘पर रागेश्वरी आँजना ने चर्चा की। हिंदुज्म फ्रिक्वेंसी आस्कड  कोश्चन ‘पर भी चर्चा हुई।

🌹🌹

भारत में उर्दू साहित्य  और भारतीयता विषय पर  लंदन में शोधपत्र प्रस्तुत करेगे डा.अंजुम

भोपाल के मशहूर शायर और साहित्यकार  डा.अंजुम बाराबंकवी लंदन  में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम  में ‘भारत में उर्दू  साहित्य  एवं भारतीयता’ विषय  पर अपना शोधपत्र भी प्रस्तुत करेगे। उनके द्वारा संपादित  पुस्तक  ‘सिग्नेचर’ का भी विमोचन किया जावेगा।

🌹🌹

अब एमपी कल्चर एप पर मिलेगी साहित्यिक  और सांस्कृतिक  कार्यक्रमों की जानकारी

राज्यपाल मंगवाई पटेल ने ‘एमपी ‘एप का बटन दबाकर उद्घाटन  किया। इस मौके पर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर भी उपस्थित  थी। संचालक अदिति कुमार ने एप की विस्तृत  जानकारी दी।

इस अवसर परसंस्कृति विभाग के प्रतिष्ठित  सम्मान भी दिये गये। राष्ट्रीय कबीर सम्मान  डा. शोध पत्र दुबे को, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान  डॉ. सदानंद  प्रसाद गुप्त को, इकबाल सम्मान  सैयद तकी को तथा राष्ट्रीय  श्रमजीवी सम्मान  डा.श्री राम परिहार को दिये गये।

🌹🌹

अखिल भारतीय  कलामंदिर की शरद /बंसत काव्य गोष्ठी सम्पन्न  हुई जिसके विशिष्ट  अतिथि कवि ऋषि श्रंगारी थे। अध्यक्षता रघुनन्दन  शर्मा ने की। गोष्ठी में संस्था के अध्यक्ष  गोरी शंकर  गौरीश, सीमा हरि, हरिवल्लभ  जी, विश्व नाथ, अशोक कुमार,  अशोक धमेनियाँ, अशोक व्यास, शिवकुमार, कमलकिशोर दुबे, दिनेश जी,मनोरमा पंत एवं मधु शुक्ला  ने सरस  कविताएं पढी।

🌹🌹

 

लघुकथा शोध संस्थान  के पुस्तक  पखवाड़े के द्वितीय  चरण में  छः पुस्तकों की समीक्षा हो चुकी है-

तख्त की ताकत- लेखक हेमन्त  शिवनारायण  उपाध्याय  समीक्षक  कांता राय

पोटली – लेखिका  सीमा व्यास  समीक्षक  अन्तरा करवड़

अध्यक्ष  – अशोक भाटिया

मुख्य अतिथि – सुभाष  नीरव

कठघरे में हम सब – लेखक गोकुल सोनी

कथ्य तथ्य – डा.गिरिजेश सक्सेना

समीक्षक  द्वय – उपमा शर्मा, जया केतकी

अध्यक्ष  – हरि जोशी

मुख्य अतिथि – दयाराम  वर्मा

जिन्दगी के हिसाबों की एक किताब  लेखिका -नीहारिका रश्मि

नासमझ मन भज मन -लेखिका डा.मालती बंसत 

समीक्षक  -घनश्याम  मैथिल,  मनोरमा पंत

अध्यक्ष  -डा.मोहन तिवारी  मुख्य  अतिथि -गोकुल सोनी

🌹 🌹

साभार – सुश्री मनोरमा पंत, भोपाल (मध्यप्रदेश) 

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

Please share your Post !

Shares

सूचना/Information ☆ ।। स्मृतिशेष डॉ. विजया के अमृत महोत्सवी वर्ष पर “शब्दसृष्टि” द्वारा “विजयिता” ग्रंथ का लोकार्पण एवम “डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद व अनुसंधान केंद्र” का उद्घाटन संपन्न ।। ☆ डॉ प्रेरणा उबाळे ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🍁।। स्मृतिशेष डॉ. विजया के अमृत महोत्सवी वर्ष पर “शब्दसृष्टि” द्वारा “विजयिता” ग्रंथ का लोकार्पण

एवम

“डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद व अनुसंधान केंद्र” का उद्घाटन संपन्न ।।🍁

” शब्दसृष्टि” प्रतिष्ठान की सहसंस्थापक व पत्रिका की संस्थापक-संपादक तथा हिंदी की चर्चित लेखिका, कवयित्री, समीक्षक व अनुवादक के रूप में सुपरिचित स्मृतिशेष डॉ. विजया जी के पचहत्तरवें जन्मदिन (अमृत महोत्सवी वर्ष) के अवसर पर “शब्दसृष्टि” की परामर्शदाता तथा ज्येष्ठ लेखिका व विख्यात हिंदी कथाकार मा. डॉ. सूर्यबाला जी के करकमलों द्वारा ” विजयिता” (डॉ. विजया का चुनिंदा रचना-संसार) ग्रंथ का प्रकाशन हुआ तथा “शब्दसृष्टि” के परामर्शदाता तथा ज्येष्ठ पत्रकार व “नवनीत” (हिंदी मासिक पत्रिका) के संपादक मा. श्री विश्वनाथ सचदेव जी द्वारा “डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद एवं अनुसंधान केंद्र” का उद्घाटन हुआ. समारोह का अध्यक्षस्थान “शब्दसृष्टि” के परामर्शदाता तथा ज्येष्ठ अनुवादक मा. प्राचार्य श्रीप्रकाश अधिकारी जी ने विभूषित किया. इस समारोह में प्रमुख अतिथि के रूप में “शब्दसृष्टि” के प्रमुख परामर्शदाता तथा हिंदी-मराठी के सांस्कृतिक सेतु अनुवाद तपस्वी मा. श्री प्रकाश भातम्ब्रेकर जी उपस्थित थे.

“राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाषावैविध्य के यथार्थ ने अनुवाद-कार्य का महत्त्व पहले ही सिद्ध है. इन दोनों स्तरों पर उत्तरोत्तर वृद्धिंगत होते हुए परस्पर संपर्क ने अनुवाद की आवश्यकता को और भी विकसित किया है. यही कारण है कि वर्तमान काल को ‘अनुवाद युग’ कहा जाता है. ‘जो भी हवा चलती है, वह अनुवाद से गुजरती है’ कहकर अनुवाद-क्षेत्र की व्यापकता और सार्वत्रिकता को अधोरेखित किया जा सकता है.” यह वक्तव्य ज्येष्ठ व श्रेष्ठ अनुवादक तथा “शब्दसृष्टि” के परामर्शदाता मा. प्रो. डॉ. गजानन चव्हाण जी ने “शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान”” मनोहर मीडिया” की ओर से स्मृतिशेष डॉ. विजया जी के पचहत्तरवें जन्मदिन (28.01.2023) के शुभ अवसर (अमृत महोत्सवी वर्ष) पर आयोजित ग्रंथ-प्रकाशन व केंद्र-उद्घाटन समारोह को शुभकामनाओं के साथ दिया. उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि “डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद एवं अनुसंधान केंद्र” की स्थापना कर “शब्दसृष्टि” परिवार ने इस क्षेत्र में कार्य हेतु अनुवादकर्ता तथा अनुवाद-अध्येताओं के लिए व्यापक अवसर के द्वार खोल दिए हैं. केंद्र द्वारा जो प्रमुख गतिविधियां संपन्न की जा सकती है, इस पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला.

समारोह के प्रारंभ में, विगत काल में स्मृतिशेष हुए “शब्दसृष्टि” के परामर्शदाता तथा ज्येष्ठ साहित्यिक-समीक्षक-संशोधक आदरणीय डॉ. नागनाथ कोत्तापल्ले जी को “भावपूर्ण श्रद्धांजलि” अर्पित की गयी.

“शब्दसृष्टि” के संस्थापक-अध्यक्ष व “मनोहर मीडिया” के संचालक तथा “विजयिता” (डॉ. विजया का चुनिंदा संसार) ग्रंथ के मुख्य संपादक प्रा. डॉ. मनोहर जी ने अपने प्रास्ताविक में कहा कि— “डॉ. विजया अमृत महोत्सवी वर्ष” का यह प्रथम समारोह है. जिसमें “विजयिता” (डॉ. विजया का चुनिंदा रचना-संसार), “डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद एवं अनुसंधान केंद्र” का उद्घाटन तथा “डॉ. विजया स्मृति जीवन गौरव सम्मान” प्रदान करना सम्मिलित है. इस वर्ष में उनका संपूर्ण साहित्य “दस खंडात्मक डॉ. विजया समग्र” रूप में प्रकाशित होगा तथा संगोष्ठियों का आयोजन, आदि संपन्न किया जाएगा. इसके पश्चात उन्होंने डॉ. विजया जी के जीवन व साहित्य यात्रा पर विस्तृत प्रकाश डाला. “विजयिता” ग्रंथ के संदर्भ में, सम्मान के संदर्भ में तथा “डॉ. विजया स्मृति अंतरराष्ट्रीय अनुवाद एवं अनुसंधान केंद्र” के संदर्भ में अपनी बात रखी.

“विजयिता” ग्रंथ का प्रकाशन करते हुए मा. डॉ. सूर्यबाला जी ने डॉ. विजया जी के संदर्भ में अपने अनुभव कथन किए और उनकी समीक्षात्मक दृष्टि पर प्रकाश डाला . “अंतरराष्ट्रीय अनुवाद व अनुसंधान केंद्र” का उद्घाटन करते हुए मा. श्री विश्वनाथ सचदेव जी ने केंद्र की संभाव्य गतिविधियों के संदर्भ में सटीक मार्गदर्शन के साथ केंद्र की उर्जितावस्था व सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की.

“विजयिता” ग्रंथ पर मा. प्रो. डॉ. उषा मिश्र तथा मा. डॉ. श्यामसुंदर पांडेय जी ने अपने समीक्षात्मक वक्तव्य प्रस्तुत किया. केंद्र के निदेशक मा. डॉ. सतीश पावडे जी की केंद्र व पत्रिका के संदर्भ में उनकी भूमिका उनकी अनुपस्थिति में केंद्र के सहनिदेशक मा. प्रशांत देशपांडे जी ने प्रस्तुत की.

समारोह के अध्यक्ष मा. प्राचार्य श्रीप्रकाश अधिकारी जी ने समयोचित वक्तव्य देते हुए डॉ. विजया के कर्तृत्व पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर “शब्दसृष्टि” के प्रमुख परामर्शदाता श्री प्रकाश भातम्ब्रेकर जी के करकमलों द्वारा मा. डॉ. प्रेरणा उबाळे जीमा. प्रशांत देशपांडे जी को “उपनिदेशक” पद के नियुक्ति पत्र” प्रदान किए गए.

अतिथियों का स्वागत मा. डॉ. हूबनाथ पांडेय जी ने व आभार-ज्ञापन मा. डॉ. प्रेरणा उबाळे जी ने किया तथा संपूर्ण समारोह का सूत्र-संचालन “शब्दसृष्टि” के न्यासी-कार्याध्यक्ष व “विजयिता” ग्रंथ के संपादक मा. प्राचार्य मुकुंद आंधळकर जी द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया तथा “शब्दसृष्टि” की न्यासी-मानद सचिव व “विजयिता” ग्रंथ की संपादक सुश्री आशा रानी जी ने “संपादकीय मनोगत” के साथ-साथ “सम्मानपत्र वाचन” भी किया.

इस समारोह का तकनीकी संयोजन समन्वयन “शब्दसृष्टि” प्रतिष्ठिन के उपाध्यक्ष व पत्रिका के डिजिटल संपादक डॉ. अनिल गायकवाड जी तथा मा. डॉ. शेखर चक्रबर्ती जी ने किया. इस समारोह में अनुवाद जगत की महनीय हस्तियां तथा शोधछात्र-छात्राएं तथा अभ्यासकों ने उपस्थित रहकर समारोह की शोभा बढ़ायी.

प्रस्तुति : सुमन सागर (मनोहर मीडिया)

साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे

सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर,  पुणे ०५

संपर्क – 7028525378 / [email protected]

 ≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

Please share your Post !

Shares

सूचना/Information ☆ ।। वेद राही जी को “डॉ. विजया स्मृति जीवन गौरव सम्मान-2021” – अभिनंदन ।। ☆ डॉ प्रेरणा उबाळे ☆

सूचना/Information 

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🍁 ।। वेद राही जी को “डॉ. विजया स्मृति जीवन गौरव सम्मान-2021” – अभिनंदन ।। ☆ डॉ प्रेरणा उबाळे 🍁

मुंबई, दिनांक 30 जनवरी— भारतीय साहित्य, कला व सांस्कृतिक प्रतिष्ठान ‘शब्दसृष्टि’ का तृतीय ”डॉ. विजया स्मृति जीवन गौरव सम्मान” विख्यात भारतीय साहित्यकार (डोगरी-उर्दू-हिंदी-अंग्रेजी-फ़ारसी भाषा में लेखनरत कवि, कहानीकार, उपन्यासकार, नाटककार व अनुवादक) तथा फिल्मकार (फिल्म-धारावाहिक निर्माता, निर्देशक, पटकथा-संवाद लेखक) श्री वेद राही जी को ‘शब्दसृष्टि’ प्रतिष्ठान की सहसंस्थापक व पत्रिका की संस्थापक-संपादक तथा हिंदी की चर्चित लेखिका, कवयित्री, समीक्षक व अनुवादक के रूप में सुपरिचित स्मृतिशेष डॉ. विजया जी के पचहत्तरवें जन्मदिन (अमृत महोत्सवी वर्ष) के अवसर पर शनिवार, दिनांक 28 जनवरी 2023 को “शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान” तथा “मनोहर मीडिया” द्वारा ठाणे में (वेद राही जी के निवास पर) आयोजित छोटेखानी समारोह में “शब्दसृष्टि” के परामर्शदाता तथा ज्येष्ठ पत्रकार व “नवनीत” (हिंदी मासिक पत्रिका) के संपादक मा. श्री विश्वनाथ सचदेव जी के करकमलों द्वारा प्रदान किया गया. समारोह का अध्यक्षस्थान “शब्दसृष्टि” के प्रमुख परामर्शदाता व अनुवाद तपस्वी श्री प्रकाश भातम्ब्रेकर जी ने विभूषित किया.

श्रद्धेय वेद राही जी ने डॉ. विजया जी के स्मृति को प्रणाम करते हुए अपना “मनोगत” व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि— प्रत्येक व्यक्ति के कई परिचय होते है: एक परिचय उसका वह है जो लोग उसके बारे में सोचते हैं. दूसरी पहचान उसकी वह है जो वह खुद अपने बारे में सोचता है और तीसरा परिचय वह है जो वास्तव में वह है.
जो वास्तव में वह है उसकी मूर्ति उसके कामों ने घड़ी होती है. उस कामों की प्रेरणा उसे अपने अंदर से उपलब्ध होती है. आज तक मैंने जो लिखा है वह अपने अंदर की प्रेरणा से लिखा है. उस प्रेरणा की बात उन्होंने कही.

उन्होंने कहा— व्यक्ति अपने बारे में ही गलतफैहमी का शिकार होता है. अपने आपको धोखा देना सब से सरल और दिलचस्प काम है. यह जानते हुए भी मैं यह रिस्क इस समय ले रहा हूं.

अपनी अंदरूनी प्रेरणा का सुराग पाने के लिए मैंने एक कविता लिखी थी, जिसका शीर्षक था— “आदमखोर”.

“मैं हूं आदमखोर
अपने आपको रखता हूं
घूंट घूंट पीकर उम्र
प्यास बुझाता हूं
श्वास श्वास में लगी है आग
जलता ही जाता हूं,
जलता ही जाता हूं
जब न रहेगी आग,
जब न रहेगी प्यास,
जब न रहेगी भूख
तब न रहूंगा मैं
तब न रहूंगा मैं
तब न रहूंगा मैं.

“सोच की ऐसी शिद्दत मुझमें कैसे पैदा हुई यह कहना कठिन है.” कहकर वे अपना ‘जम्मू से मुंबई तक का सफ़रनामा’ प्रस्तुत करते हुए थोड़े भावुक हुए. उन्होंने कहा कि— “मुझे लगता था मैं एक भूलभुलैया में फंस गया हूं. अपने आसपास की हर चीज मुझे धोखा लगती थी. गली में चलते-चलते मैं अक्सर खड़ा हो जाता था. सामने तो वही देखी-भाली हुई गली नजर आती थी पर मुझे पीछे छोड़ी हुई गली का भरोसा नहीं था कि वह वहां है. लगता था पीछे छूटा हुआ सब गायब हो रहा है. बड़ी बेचैनी और बेयकीनी का आलम था. धीरे-धीरे मैं उन भूलभलैयों से बाहर निकल आया पर भीतरी मनोवृत्तियों का अंत कभी नहीं हुआ. उन्हें महाकवि निराला की एक पंक्ति याद आती है— “बाहर कर दिया गया हूं, भीतर भर दिया गया हूं.”

अपने “मनोगत” के अंत में उन्होंने अपनी कुछ कविताओं का पाठ किया, जिसमें फरवरी, 2023 के “नवनीत” अंक में प्रकाशित चार कविताओं का (अंधेरा, प्यार, आदि) का समावेश था.

समारोह के प्रारंभ में ‘शब्दसृष्टि’ के संस्थापक-अध्यक्ष व “मनोहर मीडिया” के संचालक मा. प्रा. डॉ. मनोहर जी ने अपना समयोचित प्रास्ताविक किया. इसके बाद ‘शब्दसृष्टि’ प्रतिष्ठान की न्यासी-मानद सचिव व “विजयिता” (डॉ. विजया का चुनिंदा रचना-संसार) की संपादक मा. सुश्री आशा रानी जी ने 28 जनवरी 2023 को मा. डॉ. सूर्यबाला जी के करकमलों द्वारा प्रकाशित “विजयिता” ग्रंथ की प्रति श्रद्घेय श्री वेद राही जी को भेंट-स्वरूप दी तथा “सम्मान पत्र” का पठन किया. समारोह के प्रमुख अतिथि मा. विश्वनाथ सचदेव जी तथा अध्यक्ष मा. श्री प्रकाश भातम्ब्रेकर जी द्वारा हुए समयोचित वक्तव्यों में मा. श्री वेद राही जी के व्यक्तित्व व कर्तृत्व के विविध पहलूओं पर प्रकाश डाला.

“शब्दसृष्टि प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष व समारोह के संयोजक मा. डॉ. अनिल यादवराव गायकवाड जी ने आभार-ज्ञापन किया तथा संपूर्ण समारोह का कुशलतापूर्वक सूत्र-संचालन “शब्दसृष्टि” प्रतिष्ठान के न्यासी-कार्याध्यक्ष व “विजयिता” ग्रंथ के संपादक मा. प्राचार्य मुकुंद आंधळकर जी ने किया. समारोह में मा. श्री वेद राही जी के परिवार के सदस्य विशेष रूप से उपस्थित थे.

प्रस्तुति : सुमन सागर (मनोहर मीडिया)

साभार – डॉ. प्रेरणा उबाळे

सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभागाध्यक्षा, मॉडर्न कला, विज्ञान और वाणिज्य महाविद्यालय (स्वायत्त), शिवाजीनगर,  पुणे ०५

संपर्क – 7028525378 / [email protected]

 ≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

Please share your Post !

Shares

सूचनाएँ/Information ☆ श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को रघुनाथ ‘प्रसाद’ विकल शिखर बालसाहित्य सम्मान 2023 शिखर सम्मान – अभिनंदन ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय “प्रकाश” को रघुनाथ प्रसाद विकल शिखर बालसाहित्य सम्मान 2023 शिखर सम्मान – अभिनंदन 🌹

रतनगढ़। हिंदी बाल साहित्य शोध संस्थान बनौली दरभंगा बिहार अपनी स्थापना की छठी वर्षगांठ पर कालिदास रंगालय गांधी मैदान पटना में छठी स्थापना दिवस समारोह में देशभर के प्रतिष्ठित शिक्षक साहित्यकारों के साथ-साथ श्री ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’ को आपके बालसाहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए रघुनाथ प्रसाद विकल शिखर बालसाहित्य सम्मान 2023 प्रदान कर सम्मानित करेगा। यह सम्मान बिहार की राजधानी पटना में गांधी मैदान के प्रांगण में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किया जाएगा।

स्मरणीय है कि इस वर्ष 2023 को नगर परिषद रतनगढ़ द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर नगर के प्रमुख साहित्यकार तथा हिंदी समर्थक मंच गाजियाबाद के द्वारा नव वर्ष 2023 के अवसर पर हिंदी गौरव सम्मान 2022 आपको प्रदान कर सम्मानित किया गया है।

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

Please share your Post !

Shares

सूचनाएँ/Information ☆ –’आचार्य जगदीश चंद्र मिश्र’ – लघुकथा प्रतियोगिता – वर्ष 2023 – ☆ प्रस्तुति – डॉ ऋचा शर्मा ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹‘आचार्य जगदीश चंद्र मिश्र’ – लघुकथा प्रतियोगिता – वर्ष 2023 – 🌹

आयोजिका – डॉ. ऋचा शर्मा

आचार्य जगदीश चंद्र मिश्र लघुकथा सम्मान समिति, अहमदनगर, महाराष्ट्र के द्वितीय वार्षिक कार्यक्रम के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर ‘आचार्य जगदीश चंद्र मिश्र लघुकथा प्रतियोगिता’ का आयोजन किया जा रहा है।

इसमें प्रविष्टि भेजने के लिए नियम व शर्तें इस प्रकार हैं –

।. प्रेषित लघुकथा मौलिक तथा अप्रकाशित, अप्रसारित हो। इसका प्रमाण पत्र लघुकथाकार द्वारा देना अनिवार्य है।

2. वर्तनी की अशुद्धियां नहीं होनी चाहिए तथा व्याकरण चिह्नों का समुचित प्रयोग किया होना चाहिए।

3. एक लघुकथाकार एक लघुकथा ही भेजें।

4. लघुकथा का शीर्षक, अपना पूरा नाम, डाक पता, फोन नंबर, ई-मेल आदि का स्पष्ट उल्लेख करें।

5.कृपया लघुकथाएँ ई-मेल, व्हाट्सएप पर अथवा डाक/कूरियर से न भेजें

  लघुकथाएं इस लिंक पर क्लिक कर प्रेषित करें। 👉  लघुकथा  

6. किसी प्रकार की सहायता हेतु इस  ई-मेल पर 👉 [email protected] अथवा 9370288414 पर वाट्सएप के माध्यम से संपर्क करे।

7. रचना भेजने की अन्तिम तिथि–28 .2.2023 है। इसके बाद प्राप्त रचनाएँ प्रतियोगिता में शामिल नहीं की जाएँगी।

8. निर्णायक समिति का निर्णय ही मान्य तथा अंतिम होगा |

9. प्रतियोगिता का परिणाम 29.5.2023 को घोषित किया जाएगा। इससे पूर्व इस संदर्भ में कृपया कोई संपर्क न करें।

प्रथम पुरस्कार – ₹2100

द्वितीय पुरस्कार – ₹1100

तृतीय पुरस्कार – ₹ 750

प्रोत्साहन पुरस्कार (2)- ₹500

आयोजिका –  डॉ. ऋचा शर्मा

प्रोफेसर एवं अध्यक्ष – हिंदी विभाग, अहमदनगर कॉलेज, अहमदनगर. – 414001, e-mail – [email protected]  मोबाईल – 09370288414.

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

Please share your Post !

Shares

सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार – जयपुर से ☆ प्रस्तुति – डॉ निशा अग्रवाल ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार – जयपुर से  – डॉ निशा अग्रवाल🌹

🌹 समरस राष्ट्रीय संस्थान द्वारा गणतंत्र दिवस पर विशेष ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित🌹

समरस राष्ट्रीय संस्थान के मंच पर गणतंत्र दिवस की शाम देशवासियों के संग, शौर्य वीरता की गाथाओं के साथ कई कवियों ने बिखेरा अपनी रचनाओं में बसंती रंग।

आजादी के अमृत की 74 वीं गणतंत्र की शाम समरस राष्ट्रीय संस्थान द्वारा विशेष ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आगाज राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश व्यास स्नेहिल द्वारा तथा कामिनी व्यास की मधुर आवाज में मां सरस्वती की वंदना के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ निशा अग्रवाल द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में कई वरिष्ठ साहित्यकारों ने, रचनाकारों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी अपनी जादुई कलम का अनौखा अंदाज मंच पर बिखेरा। इनकी देश भक्ति भाव से पूर्ण जोशीली, ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक रचनाओं, गजलों एवं शायरियों ने मंच पर शमा बांध दिया।

कार्यक्रम के दौरान संस्था प्रमुख श्री मुकेश व्यास स्नेहिल ने समरस बाल कार्यशाला 16 जनवरी से शुरू होने की घोषणा की । विधा प्रभारी एवं बाल काव्यशाला प्रभारी विनीता निर्झर ने बताया कि बाल काव्यशाला से जुड़ने वाले सभी बच्चों को मात्रा और मापनी को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले दोहे सिखाए जायेंगे। कार्यक्रम में कवि अमित, संजय, विजयप्रताप, कमल, दशरथ, मधु अग्रवाल, प्रेम सोनी, गजल गायक सुंदर सोनी, रजनी शर्मा,कल्पना गोयल, राजेंद्र, सागर, गजराज, शशि जैन, संजू पाठक, कांता त्रिवेदी, शिवरतन, छगन, श्रृद्धा, अलका माहेश्वरी, जयपुर इकाई अध्यक्ष लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला एवं अनेक कवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन कामिनी व्यास की अध्यक्षता में वंदे मातरम् के साथ हुआ।

साभार –  डॉ निशा अग्रवाल

जयपुर ,राजस्थान  

 ☆ (ब्यूरो चीफ ऑफ जयपुर ‘सच की दस्तक’ मासिक पत्रिका)  ☆ एजुकेशनिस्ट, स्क्रिप्ट राइटर, लेखिका, गायिका, कवियत्री  ☆ 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

Please share your Post !

Shares

सूचनाएँ/Information ☆ साहित्य की दुनिया ☆ प्रस्तुति – श्री कमलेश भारतीय ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

साहित्य सभा : साहित्य की अलख जलाये रखने में विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं का बड़ा योगदान है । हरियाणा के कैथल में पिछले पचास साल से साहित्य सभा काम कर रही है जिसके इस समय अध्यक्ष प्रसिद्ध रचनाकार डाॅ अमृतलाल मदान हैं । यह साहित्य सभा हर वर्ष सम्मान और पुरस्कार देने के साथ साथ नवप्रकाशित पुस्तकों का लोकार्पण भी करती है । पचास साल कम नहीं होते और यह अलख जलती ही जा रही है ।

हिसार का सर्वोदय भवन : इसी तरह हिसार के सर्वोदय भवन में साप्ताहिक गोष्ठियों के सिलसिले को भी पचास वर्ष से ऊपर हो गये । यहां भी अनेक विचारक व्याख्यान के लिए पधार चुके हैं । विनोबा भावे के साथ जुड़े इस गांधी विचारधारा से जुड़े सर्वोदय भवन को आजकल प्रसिद्ध अधिवक्ता पी के संधीर संभाल रहे हैं और यहां अच्छा पुस्तकालय भी है । अनेक संस्थायें यहां अपने आयोजन करती हैं । यहां गांधी व बिनोवा भावे  की पुस्तकों के अंशों का पाठ भी किया जाता है ।

हिसार का रंग आंगन नाट्य महोत्सव : हिसार के रंगकर्मी मनीष जोशी की ओर से प्रतिवर्ष आयोजित किये जाने वाले रंग आंगन नाट्योत्सव की बात अब हरियाणा से निकल कर देर दराज प्रदेशों तक पहुंच चुकी है । यह आठ दिवसीय नाट्योत्सव कितने ही नये से नये और अलग मिजाज के नाटक लेकर आता है और सचमुच अब यह ऐसा उत्सव बन गया जिसका साल भर इंतजार रहता है । इसमें रंगकर्मियों को सम्मानित कर उनका उत्साहवर्धन भी किया जाता है । मनीष जोशी और राखी जोशी को सैल्यूट। अभी संस्कार भारती की भी शाखा ने इनकी संस्था रेयाज में काव्य गोष्ठी की शुरूआत की है ।

युवक सदन, सिरसा : सिरसा के युवक सदन का काफी योगदान है और यह तीन चार मित्रों ने चंदा एकत्रित कर बनवाया था । आज यह युवक सदन साहित्यिक और सामाजिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बना हुआ है । आमतौर पर साहित्यिक आयोजन यहीं होते हैं ।

गुरुग्राम में साहित्य : हरियाणा के आईटी हब कहे जाने वाले गुरुग्राम में साहित्यिक गतिविधियां चलती रहती हैं । रचनाकार नरेंद्र गौड़ की संस्था शब्द शक्ति यहां कोई न कोई आयोजन करती रहती है । आजकल तो प्रसिद्ध व्यंग्यकार डाॅ प्रेम जनमेजय भी गुरुग्राम में व्यंग्य यात्रा की गोष्ठियों का आयोजन अपने घर की छत पर कर रहे हैं जो बहुत सफल हो रही हैं । मेरे कथा संग्रह यह आम रास्ता नहीं है पर गोष्ठी इसी छत पर करवाई थी जिसमें प्रसिद्ध पत्रकार राहुल देव, अनूप लाठर, रेणु हुसैन, अशोक जैन, मुकेश शर्मा, कृष्णा यादव, राकेश मलिक जैसे मित्र आये थे । डाॅ प्रेम जनमेजय के इस नये आइडिया ने साहित्य की दुनिया में नया प्रयोग किया । अशोक जैन यहीं से दृष्टि पत्रिका संपादित व प्रकाशित कर रहे हैं । गुरुग्राम में ही लक्ष्मी शंकर वाजपेयी और ममता किरण भी अपने आवास पर गोष्ठियां कर महफिल जमाये रहते हैं । सविता स्याल ने दोस्ती संकलन का संपादन और विमोचन करवाया था । शील मधुर यहां से पत्रिका प्रकाशित करते रहे हैं ।

करनाल में पाश पुस्तकालय की याद : करनाल में एक समय विभूति नारायण राय ने पाश पुस्तकालय बनवाया था और यह साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बना रहा लेकिन फिर इसे अलविदा कह दिया गया और इसे बचाया न जा सका । इसके बावजूद इसकी यादें बनी हुई हैं । करनाल में ही हरियाणा लेखक मंच ने कमलेश भारतीय और डाॅ अशोक भाटिया के प्रयासों से एक साहित्यिक आयोजन किया जिसमें एक सौ लेखक शामिल हुए और इसमें ज्ञानप्रकाश विवेक ने कथा पर तो हरभगवान चावला ने कविता पर हरियाणा के योगदान पर व्याख्यान दिये ।

मित्रो ! इस बार के लिये इतना ही । अगली बार फिर मिलेंगे नयी गतिविधियों के साथ ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

Please share your Post !

Shares

सूचनाएँ/Information ☆ साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत ☆

 ☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत 🌹

(विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

🌹🌹

हिन्दी भवन  में पुस्तक  मेला  का आयोजन संपन्न हुआ। जिसके  अंतर्गत  बच्चों के लिए  निबन्ध  प्रतायोगिता भी रखी गई। इसमें बीस बच्चों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट  लेखन वाले तीन बच्चों को पुरस्कृत  किया गया। मुख्य अतिथि हिन्दी भवन के प्रभारी संचालक डॉ. सुरेन्द्र  बिहारी गोस्वामी थे।

🌹🌹

भोपाल की प्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था अभिनव कला परिषद्,  द्वारा बुधवार दिनांक 25 जनवरी 2023 को मानस भवन श्यामला हिल्स पर अपनी गौरवशाली  60 वीं सालगिरह पर हीरक जयंती एव॔ कला-पर्व उत्सव गणंतत्र समारोह मनाया गया। इस परम्परा गत आयोजन मे गीत संगीत के साथ ही प्रदेश व देश की तीन पीढियों की आठ यशस्वी सर्जनात्मक चेतनाओं – सर्वश्री हरिवल्लभ शर्मा ‘हरि’, राम मोहन चौकसे, राजेन्द्र गट्टानी, शैलेन्द्र शरण, मीरा जैन, मलय जैन, डाॅ. विकास दवे एवं डाॅ. अरुण तिवारी को उनकी सुदीर्घ साहित्यिक सेवाओं के लिये “अभिनव शब्द शिल्पी” अलंकरण से विभूषित कर सम्मानित किया गया।

🌹🌹

वाल्मी संस्थान में लेखक प्रलय श्रीवास्तव   की ‘मप्र में चुनाव और नवाचार’ पुस्तक की लांचिंग छत्तीसगढ की राज्यपाल महामहिम अनुसूइया जी द्वारा की गई विशिष्ट अतिथि ओ पी रावत थे। अन्य विशिष्ट अतिथि थे, विजयदत्त श्रीधर, महेश श्रीवास्तव, एन के सिंह, उमेश त्रिवेदी,तथा रमेश शर्मा

🌹🌹

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय  में लोक रूचि व्याख्यान माला में मानव वैज्ञानिक  सुमिता चक्रवर्ती का व्याख्यान हुआ। विषय था ‘कल्चर एन्ड  ट्रेडिशन टेल्स आफ एक्सपीरियंस विथ द जरवा आफ अडंमान आइलैंड’

🌹🌹

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा निवास कार्यालय सभागार में रतलाम के नेचरोपेथी थेरेपिस्ट डाॅ संतोष गुप्ता की पुस्तक “माय नेचरल हीलर” का विमोचन किया।

🌹🌹

मध्य प्रदेश उर्दु अकादमी की ओर से आयोजित जश्न-ए-उर्दु  के तीसरे सत्र में “साहित्य और मीडिया का सह संबंध” विषय  पर चर्चा के दौरान वरिष्ठ साहित्यकार एवं निदेशक  साहित्य अकादमी ने कहा – “नई पीढ़ी को भाषा और साहित्य के करीब लाना एक चुनौती है”

🌹🌹

भोपाल। गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र कवि श्रीकृष्ण ‘सरल’ को समर्पित मध्यप्रदेश लेखक संघ की प्रादेशिक वीर रस / राष्ट्रभक्ति काव्य गोष्ठी गीत गणतंत्र का आयोजन हिन्दी भवन में वरिष्ठ ओज कवि श्री पँवार राजस्थानी के मुख्य आतिथ्य, साहित्यकार डाॅ. धर्मेन्द्र शर्मा ‘सरल’ के सारस्वत आतिथ्य तथा संघ के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. राम वल्लभ आचार्य की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर देश प्रदेश के चर्चित कवि सर्वश्री पँवार राजस्थानी, डाॅ. राम वल्लभ आचार्य, सुरेन्द्र जैन सरस,  डाॅ. मोहन तिवारी ‘आनन्द’, दिनेश मालवीय, डाॅ. अर्जुन दास खत्री, डाॅ. क्षमा पाण्डेय, कमल किशोर दुबे, विकास लोया, श्रीमती रूपाली सक्सेना, अभिषेक जैन ‘अबोध’ एवं डाॅ. सुशील ‘गुरु’ ने अपनी ओजस्वी  वाणी में कविताएं पढी।

🌹🌹

भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का तीन दिनी महोत्सव 21 जनवरी को मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय  राज्य  मंत्री डाॅ.जितेन्द्रसिंह की उपस्थिति में हुआ। इसके मुख्य आकर्षण थे आर्टिसन्स टेक्नोलाजी  विलेज,इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल आफ इंडिया मेगा साइंस एन्ड टेक्नोलाॅजी एग्जिबिशन, न्यू एज टेकनालाॅजी शो, स्टार्ट अप कानक्लेव,स्टूडेन्ट साइंस विलेज, यंग साइंटिस्ट  विलेज, यंग साइंटिस्ट कान्फ्रेंस,साइंस थ्रू गेम्स एंड टाॅइज। एक सत्र साइंस लिटरेचर फेस्टिवल का भी था जिसमें बड़ी संख्या में विद्वानों, शिक्षाविद तथा विद्यार्थियो ने भाग लिया।

🌹🌹

मानस भवन में ‘महिला मानस मंच’  द्वारा बसंतोत्सव का आयोजन  किया गया जिसमें तात्कालिक  भाषण प्रतियोगिता, भजन, रांगोली तथा थाली सजाओ प्रतियोगिताएं की गई। आयोजन के अध्यक्ष प्रतिष्ठान के कार्याध्यक्ष श्री रघुनन्दन शर्मा थे।

🌹 🌹

साभार – सुश्री मनोरमा पंत, भोपाल (मध्यप्रदेश) 

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

Please share your Post !

Shares
image_print