डाॅ. निशिकांत श्रोत्री
इंद्रधनुष्य
☆ ॥ श्री गणपति तालम् स्तोत्रम् ॥ ☆ मराठी भावानुवाद – डाॅ. निशिकांत श्रोत्री ☆
☆ ☆ ☆ ☆
विकटोत्कटसुंदरदंतिमुखं
भुजगेंद्रसुसर्पगदाभरणम् ।
गजनीलगजेंद्र गणाधिपतिं
प्रणतोऽस्मि विनायक हस्तिमुखम् ॥ १॥
*
सुर सुर गणपति सुंदरकेशं
ऋषि ऋषि गणपति यज्ञसमानम् ।
भव भव गणपति पद्मशरीरं
जय जय गणपति दिव्यनमस्ते ॥ २॥
*
गजमुखवक्त्रं गिरिजापुत्रं
गणगुणमित्रं गणपतिमीशप्रियम् ॥ ३ ॥
*
करधृतपरशुं कंकणपाणिं
कबलितपद्मरुचिम् ।
सुरपतिवंद्यं सुंदरनृत्तं
सुरचितमणिमकुटम् ॥ ४ ॥
*
प्रणमत देवं प्रकटित तालं
षड्गिरि तालमिदम् ।
तत्तत तो षड्गिरि तालमिदं
तत्तत षड्गिरि तालमिदम् ॥ ५ ॥
*
लंबोदरवर कुंजासुरकृत कुंकुमवर्णधरम् ।
श्वेतसशृंगं मोदकहस्तं प्रीतिसपनसफलम् ॥ ६ ॥
*
नयनत्रयवर नागविभूषित नानागणपतिदं तत्तत्
नयनत्रयवर नागविभूषित नानागणपतिदं तत्तत्
नानागणपति तं तत्तत् नानागणपतिदम् ॥ ७॥
*
धवलित जलधरधवलित चंद्रं
फणिमणिकिरणविभूषित खड्गम् ।
तनुतनुविषहर शूलकपालं
हर हर शिव शिव गणपतिमभयम् ॥ ८ ॥
*
कटतट विगलितमदजल जलधित-
गणपतिवाद्यमिदं
कटतट विगलितमदजल जलधित-
गणपतिवाद्यमिदं
तत्तत् गणपतिवाद्यमिदं
तत्तत् गणपतिवाद्यमिदम् ॥ ९ ॥
*
तत्तदिं नं तरिकु तरिजणकु कुकु तद्दि
कुकु तकिट डिंडिंगु डिगुण कुकु तद्दि
तत्त झं झं तरित
त झं झं तरित
तकत झं झं तरित
त झं झं तरित
तरिदणत दणजणुत जणुदिमित
किटतक तरिकिटतों
तकिट किटतक तरिकिटतों
तकिट किटतक तरिकिटतों ताम् ॥ १० ॥
*
तकतकिट तकतकिट तकतकिट तत्तों
शशिकलित शशिकलित मौलिनं शूलिनम् ।
तकतकिट तकतकिट तकतकिट तत्तों
विमलशुभकमलजलपादुकं पाणिनम् ।
धित्तकिट धित्तकिट धित्तकिट तत्तों
प्रमथगणगुणकथितशोभनं शोभितम् ।
धित्तकिट धित्तकिट धित्तकिट तत्तों
पृथुलभुजसरसिज विषाणकं पोषणम् ।
तकतकिट तकतकिट तकतकिट तत्तों
पनसफलकदलिफलमोदनं मोदकम् ।
धित्तकिट धित्तकिट धित्तकिट तत्तों
प्रणतगुरु शिवतनय गणपति तालनम् ।
गणपति तालनं गणपति तालनम् ॥ ११ ॥
*
☆ मराठी भावानुवाद ☆
*
विशाल बलवंत चारुदंतआनन
गदा सर्पराज भूषण धारण
गजनील गजराज गणाधिपती
गजमुख विनायक करितो नमन ॥१॥
*
सुकुंतला सुर सुर देव गणपती
यज्ञसमान ऋषी ऋषी गणपती
कमलदेही भव भव गणपती
दिव्यप्रणाम जय जय गणपती ॥२॥
*
गजवक्रतुंड गिरिजापुत्र
शिवप्रिय गणपती गणगुणमित्र ॥३॥
*
प्रभा कमलासम हाती परशु करावरी कंकण
सुरपती वंद्य किरिट रत्नजडित मोहक नर्तन ॥४॥
*
प्रणाम इशा प्रकटे ताल
षट्गिरींचा वाजे ताल
तोचि तो षट्गिरी ताल
तोचि तो ऐसा षट्गिरी ताल ॥५॥
*
सिंदूर वर्णी लंबोदरा कुंजासुरद्वारा पूजित
हाती मोदक श्वेत मूषक प्रीति-स्नेहाने भजित ॥६॥
*
नानागणपती त्रिनेत्री नागविभूषित तोचि तो
नानागणपती त्रिनेत्री नागविभूषित तोचि तो
नानागणपती तोचि तो नानागणपती तोचि तो ॥७॥
*
श्वेतवर्ण मेघासम श्वेतवर्ण सोमासम
तेज खड्गधारी फणिमणिकिरणासम
विषहारी देह शूलकपालधारी
हर हर शिव शिव अभयद गणपती ॥८॥
*
सागरतटी लाटांचा गाज गणपती वादन बाज
सागरतटी लाटांचा गाज गणपती वादन बाज
तोचि जणू गणपती वादन बाज
तोचि जणू गणपती वादन बाज ॥९॥
*
तत्तदिं नं तरिकु तरिजणकु कुकु तद्दि
कुकु तकिट डिंडिंगु डिगुण कुकु तद्दि
तत्त झं झं तरित
त झं झं तरित
तकत झं झं तरित
त झं झं तरित
तरिदणत दणजणुत जणुदिमित
किटतक तरिकिटतों
तकिट किटतक तरिकिटतों
तकिट किटतक तरिकिटतों ताम् ॥ १०॥
*
तकतकिट तकतकिट तकतकिट तत्तों
शिरावरी शोभतो शशी हाती शूल धारण
तकतकिट तकतकिट तकतकिट तत्तों
चरण कमलासम, हस्त जयाचे पावन
धित्तकिट धित्तकिट धित्तकिट तत्तों
सुशोभित वर्णित प्रशंसित जैसे प्रमथ गण
धित्तकिट धित्तकिट धित्तकिट तत्तों
शंखधारी विशाल बाहु पालक पद्मसमान
तकतकिट तकतकिट तकतकिट तत्तों
रंभापर्णावरी मोदक मोदभरे ते भोजन
धित्तकिट धित्तकिट धित्तकिट तत्तों
तालदेवता शिवपुत्र गणपती गुरूसिया पूजन
गणपति ताल गणपति तालन॥ 11 ॥
*
☆ ॥ इति निशिकान्त भावानुवादित श्री गणपति ताल स्तोत्र संपूर्ण ॥ ☆
☆ ☆ ☆ ☆
मराठी भावानुवाद © डॉ. निशिकान्त श्रोत्री
एम.डी., डी.जी.ओ.
मो ९८९०११७७५४ ईमेल nishikants@gmail. com
≈संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडळ (मराठी) – सौ. उज्ज्वला केळकर/श्री सुहास रघुनाथ पंडित /सौ. मंजुषा मुळे/सौ. गौरी गाडेकर≈
छानच! निशिकांत, तुझं खरोखर कौतुक वाटतं!
-शुक्लेंदु.