श्री एस के कपूर “श्री हंस”

☆ “श्री हंस” साहित्य # 122 ☆

।।मुक्तक।। ☆ ।।स्वर्ग से भी सुंदर धरती पर संसार चाहिये।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆

[1]

हर दिल में प्यार का   उपहार   चाहिये।

एक दूजे से जुड़ा हुआ सरोकार चाहिये।।

चाहिये जीने का हक़ हर किसीके लिए।

प्रेम की डोरी में   बंधा   संसार चाहिये।।

[2]

महोब्बत   का     बहता सैलाब    चाहिये।

भावनाओं का हरओर बस फैलाव चाहिये।।

चाहिये प्यार से भी प्यारा   रिश्ता  हमको।

दुनिया में हमें अब कोई नहीं दुराब चाहिये।।

[3]

एक धरती इक़आसमां संबको मिले छाया है।

हवा पानी इसको कौन कब बांध पाया है।।

चाहिये प्रभु का हाथ हर किसी  के सर पर।

बस मिट जाए संसार पर पड़ा  बुरा साया है।।

[4]

नफरत का नामोनिशान मिट जाये जहान से।

बस किरदार की खुशबू आये हर मकान से।।

चाहिये नहीं हमें बारूद और बम की दुनिया।

हमकदम हमसाया नजरआए हर इंसान से।।

[5]

तेरा मेरा इसका उसका नहीं हर बार चाहिये।

बिना छल कपट के हर एक व्यापार  चाहिये।।

चाहिये सम्मान से   चिंतन मनन की दुनिया।

स्वर्ग से भी सुंदर धरती    पर संसार चाहिये।।

© एस के कपूर “श्री हंस”

बरेलीईमेल – Skkapoor5067@ gmail.com, मोब  – 9897071046, 8218685464

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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