सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’

(संस्कारधानी जबलपुर की सुप्रसिद्ध साहित्यकार सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ ‘जी सेवा निवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, डिविजनल विजिलेंस कमेटी जबलपुर की पूर्व चेअर पर्सन हैं। आपकी प्रकाशित पुस्तकों में पंचतंत्र में नारी, पंख पसारे पंछी, निहिरा (गीत संग्रह) एहसास के मोती, ख़याल -ए-मीना (ग़ज़ल संग्रह), मीना के सवैया (सवैया संग्रह) नैनिका (कुण्डलिया संग्रह) हैं। आप कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित हैं। आप प्रत्येक शुक्रवार सुश्री मीना भट्ट सिद्धार्थ जी की अप्रतिम रचनाओं को उनके साप्ताहिक स्तम्भ – रचना संसार के अंतर्गत आत्मसात कर सकेंगे। आज इस कड़ी में प्रस्तुत है आपकी एक अप्रतिम रचना – मर्यादा पुरुषोतम

? रचना संसार # 2 – मर्यादा पुरुषोतम ☆ सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’ ? ?

सत्कर्मों के हैं ज्ञान -पुंज,

रघुकुल दीपक श्रीराम नमन।

शरणागत आते सुखसागर,

करते हैं आठों याम नमन।।

घट-घट वासी पालनकर्त्ता,

हनुमत साधक अंतर्यामी।

अवगुणहर्ता जीवनदाता,

मर्यादा पुरुषोत्तम स्वामी।।

हे ज्ञानवान हे शक्तिमान,

रघुकुल-भूषण सुखधाम नमन।

कौशल किशोर करुणा-निधान,

जगतारक मानस बलिहारी।

हो शोक नियंता जग रक्षक,

सीतापति राघव शुभकारी।।

अखिलेश्वर अभिनंदन करते,

हे भव्य -दिव्य हरि नाम नमन।

 *

तारी ऋषि गौतम की नारी,

वैभवदायी महिमा न्यारी।

अभिमानी रावण संहारा,

हैं शौर्यवान प्रभु धनुधारी।।

त्रेता युग में हैं अवतारे,

जपता मन है अविराम नमन।

 *

मानवता का पोषण करते,

हरते हैं जन -जन की पीरा।

जय धर्म परायण युग गौरव,

अतुलित बलशाली रघुवीरा।।

मुनिजन संतन के हितकारी,

उर बसती छवि अभिराम नमन।

 

© सुश्री मीना भट्ट ‘सिद्धार्थ’

(सेवा निवृत्त जिला न्यायाधीश)

संपर्क –1308 कृष्णा हाइट्स, ग्वारीघाट रोड़, जबलपुर (म:प्र:) पिन – 482008 मो नं – 9424669722, वाट्सएप – 7974160268

ई मेल नं- [email protected], [email protected]

संपादक – हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकश पाण्डेय ≈

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