श्री एस के कपूर “श्री हंस”

☆ “श्री हंस” साहित्य # 97 ☆

☆ मुक्तक ☆ ।।चलो शिद्दत से मंजिल खुद कदम चूम लेती है।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆ 

[1]

चाहो शिद्दत से हर सपना   साकार होता है।

बिन इच्छा शक्ति यह   निराधार ही होता है।।

हमारा जोशो जनून बनता ऊर्जा का खजाना।

अगर   सामने लक्ष्य हमारा लगातार होता है।।

[2]

बीता समय कभी  आगे को   बढ़ाता नहीं है।

और आज भी कभी लौट कर आता नहीं है।।

वर्तमान में ही समाहित है भविष्य का रहस्य।

भूतकाल से भविष्य का रास्ता जाता नहीं है।।

[3]

समस्या के भीतर निहित होता समाधान है।

जीवन ही समस्या और जीवन ही निदान है।।

पीड़ा का स्वागत करो कि मजबूत बनाती है।

युगों से जाना   माना यही   एक विधान है।।

[4]

गलती से सीखो यह  अनुभव  ज्ञान देती है।

ये जिंदगी हर कदम कोई इम्तिहान कहती है।।

आशा विश्वास की ऊर्जा मत  गँवाना कभी।

फिर मंजिल आकर खुद  कदम चूम लेती है।।

© एस के कपूर “श्री हंस”

बरेलीईमेल – Skkapoor5067@ gmail.com, मोब  – 9897071046, 8218685464

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈
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