श्री अरुण कुमार दुबे

(वरिष्ठ साहित्यकार श्री अरुण कुमार दुबे जी, उप पुलिस अधीक्षक पद से मध्य प्रदेश पुलिस विभाग से सेवा निवृत्त हुए हैं । संक्षिप्त परिचय ->> शिक्षा – एम. एस .सी. प्राणी शास्त्र। साहित्य – काव्य विधा गीत, ग़ज़ल, छंद लेखन में विशेष अभिरुचि। आज प्रस्तुत है, आपकी एक भाव प्रवण रचना “न पहले से मौसम, न अब वो फ़ज़ाएँ “)

✍ न पहले से मौसम, न अब वो फ़ज़ाएँ … ☆ श्री अरुण कुमार दुबे 

जिसे देखिएगा वही ग़म ज़दा है ।

बहारों का अंदाज़ बदला हुआ है ।

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न पहले से मौसम,न अब वो फ़ज़ाएँ ।

चलन इश्क़ का आज सबसे जुदा है ।

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न मुंसिफ़ है कोई ,न कोई अदालत ।

मुसलसल गुनाहों का ही सिलसिला है ।

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सफ़र में अकेला नहीं मैं बलाओं

मिरी हमसफ़र मेरी माँ की दुआ है ।

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जुदाई की कोई भी सूरत नहीं अब।

मिरी इन लक़ीरों मे तू ही लिखा है ।

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मुझे तुझसे फ़ुरसत नहीं एक लम्हा ।

मिरा तुझसे अब कोई तो वास्ता है ।

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है आसां बहुत ज़िन्दगी का सफ़र ये ।

मुझे नेकियों का सिला ये मिला है ।

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अरुण ढूँढता था ज़माने में जिसको।

वो महबूब उसका मुक़द्दर हुआ है ।

© श्री अरुण कुमार दुबे

सम्पर्क : 5, सिविल लाइन्स सागर मध्य प्रदेश

सिरThanks मोबाइल : 9425172009 Email : arunkdubeynidhi@gmail. com

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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