आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’

(आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’ जी संस्कारधानी जबलपुर के सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं। आपको आपकी बुआ श्री महीयसी महादेवी वर्मा जी से साहित्यिक विधा विरासत में प्राप्त हुई है । आपके द्वारा रचित साहित्य में प्रमुख हैं पुस्तकें- कलम के देव, लोकतंत्र का मकबरा, मीत मेरे, भूकंप के साथ जीना सीखें, समय्जयी साहित्यकार भगवत प्रसाद मिश्रा ‘नियाज़’, काल है संक्रांति का, सड़क पर आदि।  संपादन -८ पुस्तकें ६ पत्रिकाएँ अनेक संकलन। आप प्रत्येक सप्ताह रविवार को  “साप्ताहिक स्तम्भ – सलिल प्रवाह” के अंतर्गत आपकी रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे। आज प्रस्तुत है आपका एक नवगीत – भारत / तकनीक…)

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – सलिल प्रवाह # 152 ☆

☆ नवगीत – भारत / तकनीक… ☆ आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’ ☆

भारत

यह देश भारत वर्ष है, इस पर हमें अभिमान है 

कर दें सभी मिल देश का, निर्माण नव अभियान है 

गुणयुक्त हो अभियांत्रिकी, शर्म-कोशिशों का गान है 

परियोजना त्रुटिमुक्त हो, दुनिया कहे प्रतिमान है

तकनीक

नवरीत भी, नवगीत भी, संगीत भी तकनीक है 

कुछ प्यार है, कुछ हार है, कुछ जीत भी तकनीक है 

गणना नयी, रचना नयी, अव्यतीत भी तकनीक है 

श्रम-मंत्र है, नव यंत्र है, सुपुनीत भी तकनीक है 

©  आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’

१२-१२-२०१५, जबलपुर

संपर्क: विश्ववाणी हिंदी संस्थान, ४०१ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाउन, जबलपुर ४८२००१,

चलभाष: ९४२५१८३२४४  ईमेल: [email protected]

 संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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