श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”

संस्कारधानी के सुप्रसिद्ध एवं सजग अग्रज साहित्यकार श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” जी  के साप्ताहिक स्तम्भ  “मनोज साहित्य ” में आज प्रस्तुत है “मनोज के दोहे…”। आप प्रत्येक मंगलवार को आपकी भावप्रवण रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे।

✍ मनोज साहित्य # 88 – मनोज के दोहे… ☆

1 सावन

सावन के त्यौहार हैं, पूजन-पाठ प्रसंग।

रक्षाबंधन-सूत्र से, चढ़ें नेह के रंग।।

2 बादल

उमड़-घुमड़ बादल चले, लेकर प्रेम फुहार।

तन-मन अभिसिंचित करें,जड़-चेतन उपकार।।

3 मेघ

मेघ बरसते हैं वहाँ, जहाँ प्रभु घनश्याम।

उनकी कृपा अनंत है, मानव मन विश्राम।।

4 झड़ी

झड़ी लगी आनंद की, गिरिजा-शिव परिवार।

सावन-भादों घर रहें, महिमा अपरंपार।।

5 चौमास

कर्म-धर्म का योग ले, आया है चौमास।

मंगलमय खुशहाल का, माह रहा है खास।।

 ©  मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”

संपर्क – 58 आशीष दीप, उत्तर मिलोनीगंज जबलपुर (मध्य प्रदेश)- 482002

मो  94258 62550

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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