प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध

(आज प्रस्तुत है गुरुवर प्रोफ. श्री चित्र भूषण श्रीवास्तव जी  द्वारा रचित बाल साहित्य ‘बाल गीतिका ‘से एक बाल गीत  – “हिल मिल रहें…” । हमारे प्रबुद्ध पाठकगण   प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ जी  काव्य रचनाओं को प्रत्येक शनिवार आत्मसात कर सकेंगे।) 

☆ काव्य धारा #133 ☆ बाल गीतिका से – “हिल मिल रहें…” ☆ प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ ☆

हम छोटे बच्चे, भगवान ।

हमें दीजिये यह वरदान ॥

 

रखकर भारत माँ का ध्यान । 

करे सदा कुछ जन-कल्याण॥ 

 

करे देश ऐसा उत्थान ।

बढ़े जगत् में इसका मान ॥

 

हो सबका बहुमुखी विकास । 

कोई कभी न दिखे उदास ॥

 

कठिन रास्ते हो आसान ।

हिलमिल रहें सभी इन्सान

© प्रो चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

ए २३३ , ओल्ड मीनाल रेजीडेंसी  भोपाल ४६२०२३

मो. 9425484452

[email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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