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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

साहित्य की दुनिया में नयी से नयी किताबें आती रहती हैं । इस सप्ताह जिस किताब को सबसे ज्यादा चर्चा मिली वह है -जादूनामा ! फिल्मी गीतकार जावेद अख्तर के जीवन की रोचक घटनाओं पर आधारित । बचपन में जावेद अख्तर का घर का नाम जादू ही था, इसलिए इस किताब का नाम जादूनामा रखा गया, जो उचित ही है । इसमें जावेद अख्तर के जीवन के अनेक रोचक प्रसंग हैं । अभिषेक ने यह जीवनी लिखी है । प्रसिद्ध गीतकार /लेखक गुलज़ार ने इसका विमोचन किया । पिछले वर्ष प्रसिद्ध अभिनेत्री दीप्ति नवल की पुस्तक आई थी – ए कंट्री दैट काल्ड चाइल्डहुड ! अंग्रेजी में 350 पन्नों में फैली हुई । इसमें अमृतसर में बिताये अपने अठारह वर्षों की यादें लिखी गयी हैं जो न केवल रोचक है, बल्कि अपने समाज, अपने समय और फिल्म की यात्रा भी करवाती हैं । इसके प्रचार में भी शर्मिला टैगोर से लेकर शबाना आजमी तक साथ आ खड़ी हुई थीं ।

अब सवाल यह उठता है कि फिल्मी सेलिब्रिटीज या राजनेताओं की पुस्तकें प्रकाशित होने पर मीडिया ही नहीं प्रकाशक भी रूचि लेते हैं इसके प्रचार प्रसार में ! प्रमुखता से समाचार, फोटोज और मुख्य बातें प्रकाशित की जाती हैं । दीप्ति नवल को प्रकाशक न केवल अमृतसर, लुधियाना , जालंधर दिल्ली , रायपुर और दो दो बार चंडीगढ़ लेकर गये काॅफी विद दीप्ति कार्यक्रम बनाकर । बहुत ही अच्छी बात लेकिन हिंदी प्रकाशक किसी किताब को इतने भव्य स्तर पर प्रचारित क्यों नहीं करते ? मुझे याद आते हैं दो उदाहरण । एक योजना रावत के कथा संग्रह का विमोचन और चर्चा वाणी प्रकाशन के अशोक माहेश्वरी ने पंजाब विश्वविद्यालय में आयोजित की थी जिसमें राजी सेठ और निर्मला जैन आई थीं । दूसरा रेणु हुसैन के कथा संग्रह का दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल हाउस में उनके कथा संग्रह ‘गुण्टी’ का विमोचन जो उन्होंने अपने स्तर पर आयोजित किया और प्रकाशक भी मौजूद रहा । इसका विमोचन प्रसिद्ध लेखिका नासिरा शर्मा , लक्ष्मी शंकर वाजपेयी , ममता किरण, सुमन केशरी ने किया और मुझे भी इसमें शामिल किया गया था । यही नहीं सबसे ताजा उदाहरण प्रलेक प्रकाशन और संपादक डाॅ प्रेम जनमेजय का है जो धर्मवीर भारती : धर्मयुग के झरोखे से पुस्तक का विमोचन मुम्बई में पुष्पा भारती के हाथों भव्य ढंग से हुआ । इनके अतिरिक्त हिंदी पुस्तक के प्रकाशन पर कोई ढंग का समारोह कम ही होता है । यह बहुत दुखद है । हिंदी प्रकाशकों को अपने तौर तरीके बदलने चाहिए।

साहित्य अमृत उत्सव : हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डाॅ चंद्र त्रिखा ने आजादी के अमृत महोत्सव को साहित्य के अमृत महोत्सव में बदलने का अच्छा प्रयास किया । इसके डिजीटल मंच पर प्रदेश के महत्वपूर्ण कवियों का एकल पाठ आयोजित किया जा रहा है जो धीरे धीरे लोकप्रिय होता जा रहा है और इसमें काव्य पाठ करने की होड़ बढ़ती जा रही है ।

हिसार में हरियाणवी काव्य गोष्ठी : हरियाणा में हिसार साहित्यिक दृष्टि से बहुत समृद्ध है और यहां हर सप्ताह निरंतर काव्य गोष्ठियां व अन्य आयोजन होते रहते हैं । सर्वोदय भवन में पिछले पचास वर्ष से ऊपर साप्ताहिक गोष्ठी होती है जो बहुत ही चर्चित है । यहां पिछले वर्ष भगत सिंह के भांजे प्रो जगमोहन सिंह को भी व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया था । कभी यहां योगेन्द्र यादव, श्रीकांत आप्टे और न जाने कितने विचारक यहां आते रहे हैं । इसी सर्वोदय भवन में हर वर्ष के अंतिम रविवार को काव्य गोष्ठी आयोजित करने की शानदार परंपरा है । इसके अतिरिक्त हरियाणवी काव्य गोष्ठी भी नगर में हुई जिसमें जयभगवान लाडवाल , कृष्ण इंदौरा , शर्मा बंधु , कमलेश भारतीय, वीरेंद्र कौशल, सरफराज और ऋषि कुमार सक्सेना आदि ने काव्य पाठ किया ।

सरस्वती सुमन का कथा विशेषांक : जहां व्यावसायिक पत्रिकायें अपने पन्ने राजनिति को दे रही हैं, वहीं देहरादून से प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका सरस्वती सुमन साहित्यिक विशेषांक दे रही है । दिसम्बर अंक कथा विशेषांक है जो प्रसिद्ध रचनाकार शशि पुरवार के अतिथि संपादन में आया है । इसमें रवींद्रनाथ टैगोर की पोस्टमास्टर, मुंशी प्रेमचंद की बड़े घर की बेटी और फणीश्वरनाथ रेणु की ठेस कहानियां भी दी गयी हैं तो चित्रा मुद्गल की ताजमहल, सुधा अरोड़ा की उधड़ा हुआ स्वैटर, कमलेश भारतीय की नदी और लहरें, सुधा ओम ढींगरा की मकड़जाल, खुद संपादिका शशि पुरवार की वो 21 दिन सहित कुल अट्ठाइस कहानियां अपने आप में एक कथा संग्रह का स्वाद देती हैं । पिछले वर्ष ही शशि पुरवार के अतिथि संपादन में इसी पत्रिका का नारी विशेषांक भी खूब चर्चित रहा । इसी पत्रिका ने किन्नर विशेषांक भी दिया । इधर मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी की पत्रिका साक्षात्कार की ओर से पहले लघुकथा विशेषांक और अब गीत विशेषांक प्रकाशित किये गये हैं । ये संपादक विकास दवे की कोशिशों के चलते संभव हुआ । रश्मि अभय ने अपनी संस्था देवशील मेमोरियल की ओर से दिसम्बर में स्पर्शिका स्मारिका का प्रकाशन की । ये प्रयास सराहनीय हैं । दिनेशपुर से पलाश विश्वास के संपादन में प्रेरणा अंशु भी लगातार विशेषांक देकर अच्छा काम कर रही है । अभी इसका गजल विशेषांक आया और पहले ग्रामीण विशेषांक दिया । यही नहीं पिछले वर्ष दिनेशपुर में लघु पत्रिका सम्मेलन भी आयोजित किये । सभी के प्रयासों को सलाम !

अगले सप्ताह फिर मिलेंगे नयी गतिविधियों के साथ ।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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