श्री श्याम खापर्डे

(श्री श्याम खापर्डे जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हैं। आप प्रत्येक सोमवार पढ़ सकते हैं साप्ताहिक स्तम्भ – क्या बात है श्याम जी । आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण कविता “# शिक्षक दिवस पर… #”

☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ क्या बात है श्याम जी # 97 ☆

☆ # शिक्षक दिवस पर… # ☆ 

जो भोर की किरण बनकर आया

जिसने कली कली को

छू कर जगाया

जो ओस की बूंदों में झिलमिलाया

वो हमारे जीवन में

शिक्षक कहलाया

 

उसने हमको पढ़ना सिखाया

उसने हमको लिखना सिखाया

उसने हमको बोलना सिखाया

उसने हमको लड़ना सिखाया

 

विद्या का दिया हमको दान

समझाया सत्य-असत्य का ज्ञान

हमारे जीवन की खाली स्लेट पर

जीवन का मर्म समझाकर

भर दिए हममें प्राण

 

हमारी हर गलती पर हमको डांटा

फिर भी ना सुधरें तो मारा चांटा

हमारे साथ साथ जाग जाग कर

हमारे यश-अपयश को बांटा

 

प्रेम, भाईचारे का महत्व बताया

धर्म -अधर्म का अर्थ समझाया

त्याग, करुणा, दया

हमारे अंत:करण में डाली

अहिंसा पर चलने वाला

सच्चा इंसान बनाया

 

हम बिन गुरु ज्ञान कहां से पाते

हम बिन गुरु समझ कहां से लाते

जीवन की राह पर भटकते रहते

हम बिन गुरु शिखर पर कहां से जाते

 

आओ, अपने गुरु के आगे

शीश झुकाएं

गुरु की शिक्षा को

अपने जीवन में लाऐं

गुरु का आदर्श

विद्यार्थी बनकर

चलो, आज

शिक्षक दिवस मनाएं/

© श्याम खापर्डे

फ्लेट न – 402, मैत्री अपार्टमेंट, फेज – बी, रिसाली, दुर्ग ( छत्तीसगढ़) मो  9425592588\

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

Please share your Post !

Shares
5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments