सुश्री रुचिता तुषार नीमा

(ई-अभिव्यक्ति में युवा साहित्यकार सुश्री रुचिता तुषार नीमा जी का हार्दिक स्वागत है।आज प्रस्तुत है आपकी एक भावप्रवण एवं विचारणीय कविता बदल रही हूं मैं ।) 

जीवन परिचय

शिक्षा – स्नातकोत्तर (जूलॉजी) होलकर साइंस कॉलेज, B.Ed. (IGNOU) 

प्रकाशन – अनेक पत्र पत्रिकाओं में कविताओं और लघुकथा का प्रकाशन एवम साझा कृतियों में प्रकाशन

प्राप्त सम्मान / पुरस्कारः  सुर्मिला अलंकरण (नेमा दर्पण) काव्य आभा अलंकरण, वर्तिका शक्ति श्री सम्मान शब्द साधना अलंकरण, मध्यप्रदेश नारी गौरव सम्मान. मंथन काव्य पीयूष अलंकरण, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच एवम अन्य जगहों पर सम्मानित

☆ कविता – बदल रही हूं मैं ☆ सुश्री रुचिता तुषार नीमा ☆

आज भी वही सुबह होती है,

वही खूबसूरत शामें भी होती है,

 

लगता जैसे सबकुछ पहले जैसा है….

 

लेकिन अब वक्त बदल गया है,,,

साथ में लोग भी बदल गए हैं।।

 

दुनिया के साथ साथ अब मैं भी… 

 

थोड़ी जिम्मेदार हो रही हूँ…

थोड़ी सी समझदार हो रही हूँ…

 

इस बदलती दुनिया के साथ…

अब मैं भी खुद को बदल रही हूँ ।।

© सुश्री रुचिता तुषार नीमा

इंदौर, मध्य प्रदेश

 संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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