श्री राकेश कुमार

(श्री राकेश कुमार जी भारतीय स्टेट बैंक से 37 वर्ष सेवा के उपरांत वरिष्ठ अधिकारी के पद पर मुंबई से 2016 में सेवानिवृत। बैंक की सेवा में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के विभिन्न शहरों और वहाँ  की संस्कृति को करीब से देखने का अवसर मिला। उनके आत्मकथ्य स्वरुप – “संभवतः मेरी रचनाएँ मेरी स्मृतियों और अनुभवों का लेखा जोखा है।” ज प्रस्तुत है आलेख की शृंखला – “देश -परदेश ” की अगली कड़ी।)

☆ आलेख # 40 ☆ देश-परदेश – व्हाट्स ऐप को कोविड ☆ श्री राकेश कुमार ☆

25 अक्टूबर मंगलवार की दोपहरी जब व्हाट्स ऐप ने अपनी प्रणाली को लगाम लगा दी थी। पूरा विश्व सन्नाटे में आ गया था।

आरंभ में जैसे ही व्हाट्स ऐप बंद हुआ तो एक क्षण लगा हृदय की धड़कन भी बंद हो गई थी। घर के सभी विद्युत उपकरण कार्य कर रहे थे, फिर भी लाइन चेक कर ली, प्यूज भी देखा सब ठीक था।

पड़ोसी के यहां की कॉल बेल बजाई, ऐसा करने का मौका लंबे अंतराल के बाद मिला, क्योंकि हमेशा व्हाट्स ऐप से कॉल कर के ही उनका दरवाज़ा खुलता है। उनके हाथ में ग्लूकोस वाला पानी का गिलास था, कहने लगे कुछ तबीयत ठीक नहीं है बेचैनी से परेशान हैं। उनको लेकर नजदीक के एक परिचित डॉक्टर के हॉस्पिटल जाना पड़ा। वहां काफी भीड़ हो गई थी। मन में विचार आया कोई बड़ी दुर्घटना हो गई होगी। आगंतुक कक्ष में पता चला व्हाट्स ऐप बंद होने से लोगों को मितली और घबराहट हो रही हैं। लाइन में लगने के बाद काउंटर पर पता चला कि व्हाट्स ऐप से संबंधित बीमारी बीमा में कवर नहीं होती हैं। जैसा आरंभ में कॉविड भी कवर नहीं था।

पड़ोसी का इलाज़ करवा कर वापिस अपने घर आए तो पता चला श्रीमतीजी का जब व्हाट्स ऐप नही चला तो बाज़ार जाकर एक नया मोबाइल खरीद लिया की कही उनको छः माह पुराना मोबाइल खराब तो नही हो गया। बाद में वो बोली व्हाट्स ऐप को भी कोविड हो गया था, लेकिन हमको तो फट्का लगा गया।

© श्री राकेश कुमार

संपर्क – B 508 शिवज्ञान एनक्लेव, निर्माण नगर AB ब्लॉक, जयपुर-302 019 (राजस्थान) 

मोबाईल 9920832096

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments