श्री श्याम खापर्डे

(श्री श्याम खापर्डे जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हैं। आप प्रत्येक सोमवार पढ़ सकते हैं साप्ताहिक स्तम्भ – क्या बात है श्याम जी । आज प्रस्तुत है पितृ दिवस पर आपकी एक भावप्रवण कविता “# फादर्स डे पर छोटी बेटी का प्यार #”) 

☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ क्या बात है श्याम जी # 86 ☆

☆ # फादर्स डे पर छोटी बेटी का प्यार # ☆ 

पापा कैसे होंगे सोच रही हूँ

अपने खयालों में खोज रही हूँ

सीने से लगाके रख्खा था आपने

आप हो सागर,

मै बनके लहर रोज रही हूँ

 

वो ‘स्लेट ‘ पर मुझको बारहखड़ी लिखाना

वो उंगली में चाक लेकर सिखाना

जहां चूक हुई उसको दिखाना

फिर से वही शब्द दुबारा लिखाना

 

वो ‘मोटी’ का हम पर गुर्आना

वो ‘डोडो’ का चालाकी से इतराना

वो ‘टिंकू’ का लड़ना, हम सबको लड़वाना

आपका मुझे गोद में लेकर,

सबको समझाना

 

स्कूल से आकर, कुछ भी खाकर

‘डोडो’ और मै सो जाते थे

‘बड़ी ताई’ और टिंकू

चुगली लगाते थे

मम्मी जब हम पर चिल्लाती थी

बच्चें है कहकर मम्मी से बचाते थे

 

स्कूल, कालेज में

मनमर्जी से पढ़ने दिया

अपने कॅरीयर को

मर्जी से चुनने दिया

राह की बाधाओं से

स्वयं को लड़ने दिया

जीवन में आत्मनिर्भर

बनने दिया

 

आपका हमारे सर पर वरदहस्त है

सुख सुविधाएं सब मस्त है

खुशियां ही खुशियां है जीवन में

अपने संसार में सब व्यस्त है

 

आज फादर्स डे पर

आपकी याद आई है

संग संग पुरानी यादें लाई है

आपसे कितनी दूर हूँ

इसलिए आंखें भर आईं हैं

 

पापा, आप सदा मुस्कुराते रहें

गीत लिखकर गाते रहें

दुःख छुये ना आपका दामन

अपनी कविताओं से

सबको लुभाते रहें  /

© श्याम खापर्डे 

फ्लेट न – 402, मैत्री अपार्टमेंट, फेज – बी, रिसाली, दुर्ग ( छत्तीसगढ़) मो  9425592588

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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