डॉ राकेश ‘ चक्र

(हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. राकेश ‘चक्र’ जी  की अब तक शताधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।  जिनमें 70 के आसपास बाल साहित्य की पुस्तकें हैं। कई कृतियां पंजाबी, उड़िया, तेलुगु, अंग्रेजी आदि भाषाओँ में अनूदित । कई सम्मान/पुरस्कारों  से  सम्मानित/अलंकृत।  इनमें प्रमुख हैं ‘बाल साहित्य श्री सम्मान 2018′ (भारत सरकार के दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड, संस्कृति मंत्रालय द्वारा  डेढ़ लाख के पुरस्कार सहित ) एवं उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा ‘अमृतलाल नागर बालकथा सम्मान 2019’। आप  “साप्ताहिक स्तम्भ – समय चक्र” के माध्यम से  उनका साहित्य आत्मसात कर सकेंगे । 

आज प्रस्तुत है  आपकी एक भावप्रवण  रचना “वीर सुभाष – जन्मदिवस पर विशेष”. 

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – समय चक्र – # 94 ☆

☆ गीत – वीर सुभाष – जन्मदिवस पर विशेष ☆ 

 

आकर वीर सुभाष गर्व से

वंदे मातरम गा जाओ।

वतन याद कर रहा आपको

सरगम तान सुना जाओ।।

 

कतरा – कतरा लहू तुम्हारा

काम देश के आया था

इसीलिए तो आजादी का

झंडा भी फहराया था

गोरों को भी छका- छका कर

जोश नया दिलवाया था

ऊँचा रखकर शीश धरा का

शान – मान करवाया था

 

सत्ता के भूखे पेटों को

कुछ तो सीख सिखा जाओ।

वतन याद कर रहा आपको

सरगम तान सुना जाओ।।

 

नेताजी उपनाम तुम्हारा

सब श्रद्धा से लेते है

नेता आज नई पीढ़ी के

बीज घृणा के बोते हैं

डूबे नाव वतन की लेकिन

अपनी नैया खेते हैं

स्वार्थ में डूबे हैं इतने

दुश्मन लगें चहेते हैं

 

नेताजी के नाम काम की

आकर लाज बचा जाओ।।

वतन याद कर रहा आपको

सरगम तान सुना जाओ।।

 

जंग कहीं है कश्मीर की

कहीं सुलगता राजस्थान

आतंकी सिर उठा रहे हैं

कुछ कहते जिनको बलिदान

कैसे न्याय यहाँ हो पाए

सबने छेड़ी अपनी तान

ऐक्य नहीं जब तक हो पाए

कैसे गूँजें मीठे गान

 

भेदभाव का जहर मिटाकर

सबमें ऐक्य करा जाओ।।

वतन याद कर रहा आपको

सरगम तान सुना जाओ।।

 

लिखते – लिखते ये आँखें भी

झरने-सी हो जाती हैं

आजादी है अभी अधूरी

भय के दृश्य दिखाती हैं

अभी यहाँ कितनी अबलाएं

रोज हवन हो जाती हैं

दफन हो रहा न्याय यहाँ पर

चीखें मर – मर जाती हैं

 

देखो तस्वीरें गौरव की

कुछ तो पाठ पढ़ा जाओ।।

वतन याद कर रहा आपको

सरगम तान सुना जाओ।।

 

कहाँ चले तुम, कहाँ खो गए

ये अब तक भी भान नहीं

किसकी चालें, किसकी घातें

ये भी हमको ज्ञान नहीं

कौन मिला था अंग्रेजों से

कोई यह बतलाएगा

उनके पार्थिव तन को लेकर

आज मुझे दिखलाएगा

 

मेरे प्रश्नों के उत्तर भी

आकर के तुम दे जाओ।।

वतन कर रहा याद आपको

सरगम तान सुना जाओ।।

© डॉ राकेश चक्र

(एमडी,एक्यूप्रेशर एवं योग विशेषज्ञ)

90 बी, शिवपुरी, मुरादाबाद 244001 उ.प्र.  मो.  9456201857

[email protected]

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments