आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’

(आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’ जी संस्कारधानी जबलपुर के सुप्रसिद्ध साहित्यकार हैं। आपको आपकी बुआ श्री महीयसी महादेवी वर्मा जी से साहित्यिक विधा विरासत में प्राप्त हुई है । आपके द्वारा रचित साहित्य में प्रमुख हैं पुस्तकें- कलम के देव, लोकतंत्र का मकबरा, मीत मेरे, भूकंप के साथ जीना सीखें, समय्जयी साहित्यकार भगवत प्रसाद मिश्रा ‘नियाज़’, काल है संक्रांति का, सड़क पर आदि।  संपादन -८ पुस्तकें ६ पत्रिकाएँ अनेक संकलन। आप प्रत्येक सप्ताह रविवार को  “साप्ताहिक स्तम्भ – सलिल प्रवाह” के अंतर्गत आपकी रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे। आज प्रस्तुत है  आचार्य जी  द्वारा रचित आरती भारत आरती । )

☆ साप्ताहिक स्तम्भ – सलिल प्रवाह # 30 ☆ 

☆ भारत आरती ☆ 

आरती भारत माता की

सनातन जग विख्याता की

*

सूर्य ऊषा वंदन करते

चाँदनी चाँद नमन करते

सितारे गगन कीर्ति गाते

पवन यश दस दिश गुंजाते

देवगण पुलक, कर रहे तिलक

ब्रह्म हरि शिव उद्गाता की

आरती भारत माता की

*

हिमालय मुकुट शीश सोहे

चरण सागर पल पल धोए

नर्मदा कावेरी गंगा

ब्रह्मनद सिंधु करें चंगा

संत-ऋषि विहँस,  कहें यश सरस

असुर सुर मानव त्राता की

आरती भारत माता की

*

करें श्रृंगार सकल मौसम

कहें मैं-तू मिलकर हों हम

ऋचाएँ कहें सनातन सच

सत्य-शिव-सुंदर कह-सुन रच

मातृवत परस, दिव्य है दरस

अगिन जनगण सुखदाता की

आरती भारत माता की

*

द्वीप जंबू छवि मनहारी

छटा आर्यावर्ती न्यारी

गोंडवाना है हिंदुस्तान

इंडिया भारत देश महान

दीप्त ज्यों अगन, शुद्ध ज्यों पवन

जीव संजीव विधाता की

आरती भारत माता की

*

मिल अनल भू नभ पवन सलिल

रचें सब सृष्टि रहें अविचल

अगिन पंछी करते कलरव

कृषक श्रम कर वरते वैभव

अहर्निश मगन, परिश्रम लगन

ज्ञान-सुख-शांति प्रदाता की

आरती भारत माता की

 

©  आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’

संपर्क: विश्ववाणी हिंदी संस्थान, ४०१ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाउन, जबलपुर ४८२००१,

चलभाष: ९४२५१८३२४४  ईमेल: [email protected]

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

image_print
5 1 vote
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments