सौ.विद्या पराडकर

☆ “हनुमान दर्शन…”  ☆ सौ.विद्या पराडकर ☆

☆ सौ.विद्या पराडकर जी रचित भजन ☆

दर्शन  दो हनुमान इश मोरे

अखियां प्यासी रे

मनमंदिर मे ज्योत जगाए

श्रीराम भक्ति की रे ।१। 🌷

 

अवगुण मेरे ध्यान न धरिए 

विकार मुझे छलते हैं 

मन को मेरे चंचल करते हैं 

हनुमान इनसे रक्षा करो रे

दर्शन दो…………… ।२।🌷

 

हे केसरी नंदन सदा ध्यान में तुम

भक्ति जहाँ श्री राम की है

तू संकटमोचन है हनुमान रे

मनोकामना पूर्ण करे रे

दर्शन दो …………….।३।🌷

 

चारो युग मे आप विराजे

अमरता का वरदान मिला है

त्रेता युग मे राम के साथ हैं 

द्वापार मे अर्जुन के रथ पर बैठे

दर्शन दो…………..।४।🌷

 

श्रीराम जी को प्रिय हो सबसे

बडे बडे असुर सब डरते तुमसे

रामदूत तुम प्रभू हितकारी

सीता खोज मे ढूंढली लंका सारी

दर्शन दो…………।५।🌷

 

महादेव जी का अवतार हो तुम

ग्यारह रुद्र से सुशोभित हो तुम

श्री राम जी के भक्त अनोखे रे

त्रिभुवन मे ऐसे ना देखे रे

दर्शन दो हनुमान इश मोरे

अंखिया प्यासी रे।६।🌷

© सौ.विद्या पराडकर ‌

बी 6- 407, राहुल निसर्ग सोसाइटी, नियर  विनायक हॉस्पिटल, वारजे, पुणे मो 9225337330

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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