श्री अरुण श्रीवास्तव 

(श्री अरुण श्रीवास्तव जी भारतीय स्टेट बैंक से वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। बैंक की सेवाओं में अक्सर हमें सार्वजनिक एवं कार्यालयीन जीवन में कई लोगों से मिलना जुलना होता है। ऐसे में कोई संवेदनशील साहित्यकार ही उन चरित्रों को लेखनी से साकार कर सकता है। श्री अरुण श्रीवास्तव जी ने संभवतः अपने जीवन में ऐसे कई चरित्रों में से कुछ पात्र अपनी साहित्यिक रचनाओं में चुने होंगे। उनका ऐसा ही एक पात्र है ‘असहमत’ जिसके इर्द गिर्द उनकी कथाओं का ताना बना है। आप प्रत्येक बुधवार साप्ताहिक स्तम्भ – असहमत  आत्मसात कर सकेंगे। )     

☆ असहमत…! भाग – 9 ☆ श्री अरुण श्रीवास्तव 

बेरोजगारी की लंबी रात के बाद उम्मीद की रोशनी की किरण नजर आई जब असहमत को एक प्राइवेट कंपनी में sales executive के लिये इंटरव्यू कॉल आया. परिवार के लोग खुश थे और असहमत पर बिन मांगी सलाहों की बौछार कर दी. असहमत अपने स्वभाववश उन्हें नजरअंदाज करता गया.  ऐसे समय पर जो भारतीय मातायें होती हैं वे वही करती हैं जो उनसे अपेक्षित होता है याने भगवान से प्रार्थना उनकी संतान की सफलता के लिये और I promise to pay की तर्ज पर सफल परिणाम आने के बाद मंदिर में लड्डू रूपी प्रसाद चढ़ाना.  जहाँ तक इंटरव्यू के लिये ड्रेस का सवाल था तो कोट का मौसम नहीं था तो उसे प्लेन लाईट कलर शर्ट, टाई, डार्क कलर पैंटऔर ब्लेक लेदर शूज़ पहनने के निर्देश दिये गये पिताजी की तरफ से.  पर जब असहमत इंटरव्यू देने कंपनी के ऑफिस पहुंचा तो उसने गर्मी के हिसाब से हॉफ शर्ट, लाईट कलर पेंट और बहुत लाइट वेट स्पोर्टिंग शूज़ पहन रखे थे.  कंठलंगोट याने टाई गायब थी पर असहमत इस लुक में बहुत सहज महसूस कर रहा था.  ऑटो से आने के कारण धूल और गर्म हवा से बचाव होना उसके मूड को खुश कर गया और हॉल में बैठे अनेक कैंडीडेट्स के साथ वो भी वेटिंग हॉल में बैठ गया. कंपनी के बारे में, पैकेज़ के बारे में और अनुमानित काम के बारे में लोग अपने अपने प्वाइंट रख रहे थे और असहमत ये सब सुनकर सिर्फ अपनी बारी का इंतज़ार कर रहा था.  

आखिरकार उसका नंबर आ ही गया और वो उस चैंबर के बाहर खड़ा हो गया. जैसे ही कॉलबेल बजी, बाहर बैठे स्टॉफ ने उसे अंदर जाने का इशारा किया और असहमत धड़ाक से अंदर घुस गया.  उसके इस बैकग्राउंड साउंड के साथ प्रवेश ने साक्षात्कार बोर्ड के सदस्यों का ध्यानाकर्षित किया जो इंटरव्यू देकर गये व्यक्ति के बारे में डिस्कस कर रहे थे.  “कॉफी बाद में लाना पहले नेक्सट कैंडिडेट को भेज दो” ये सब शायद असहमत के पहनावा या प्रवेश प्रक्रिया का असर था जिससे असहमत बेअसर रहा और उसने निर्विकार रूप और निडरता से जवाब दिया “I am the one to be interviewed and I don’t mind to be interviewed on a cup of coffee”. ऐसा बंदा पाकर पूरा बोर्ड निहाल हो गया.  

यहां पर जो बोर्ड के ऑफीसर सवाल पूछेंगे, उन्हें अधि.  के नाम से लिखा जायेगा और असहमत का शार्ट फार्म अस.  लिखा जायेगा.

अधि.  You came here for an interview, not for a coffee and you should ask for permission to come in.

अस. May I take my seat and we can discuss such petty issues later.

अधि.Yes you can sit but mind your selection of words, it is an interview not a discussion with a high profile guest.

अस. Thanks and sorry for a seat and my selection of words. Now my answers will be “to the point and logical “

अधि.  What you are wearing is not fit to the occasion, you should wear formals.

असहमत :  My dress is neither formal nor casual but it is seasonal, I mean comfortable. Now let us come to the point if you don’t mind it Sir.

असहमत का ये इंटरव्यू शायद इतिहास में अपना अलग स्थान बनाने जा रहा था हालांकि जॉब मिलने की उम्मीद का ग्राफ हर जवाब के साथ नीचे जा रहा था.

बोर्ड के अधिकारियों की सोच बहुत पॉजीटिव थी और असहमत का व्यक्तित्व उन्हें चुनौती दे रहा था तो उन्होंने इस इंटरव्यू को अपने लिये एक चैलेंज माना कि ये अदना सा लड़का बोर्ड के सामने इस तरह की हिमाकत कैसे कर सकता है.

अधि. आपका नाम

अस.असहमत

अधि.पूरा नाम

अस.  यही है, घर, स्कूल, कॉलेज और अगर सफल हुआ तो ऑफिस में भी

अधि.  And do you think that your attitude of this size will get you a seat in our company.

अस.  Why not sir, my designation will be sales executive and attitude plays an important role in the field of marketing.

अधि.  How???

असहमत  People ie. my targeted hub will not be impressed by a meek and submissive personality. I will impress them to think out of box and take a innovative decision to invest in my product.

शायद बोर्ड के लिये ये बंदा असहमत नहीं बल्कि अनपेक्षित लगा तो दूसरे अधिकारी ने बॉलिंग का जिम्मा संभाला और बाउंसर डाली

अधि.  “Why you choose this company for employment “

अस. Because I got this interview call from your company only and I don’t have any other options.

अधि.  And why you think that we should select you when we have so many options.

असहमत: I know you have many but I am talented, fearless person with so many new ideas and believes in experimenting with my approach. This attitude may cost me some times but I am confident that gathering of you great people here is to select right and best person for the task.

पानी बोर्ड के सर से ऊपर जा रहा था पर ये पारंपरिक इंटरव्यू बोर्ड नहीं था बल्कि सदस्य भी नयेपन को खोज़ रहे थे तो बॉलिंग का जिम्मा तीसरे सदस्य को दिया गया.  

अधि.  : अच्छा मि. असहमत ये बतलाइये कि अगर आपके सेल्स प्रमोशन में आपकी स्पर्द्धा अमिताभ बच्चन, रनबीर, दीपिका और रणधीर से हो हालांकि ऐसा होगा तो बिल्कुल नहीं पर फिर भी अगर ऐसा हो  ही गया तो आप अपना प्रोडक्ट कैसे प्रमोट करेंगे.  

असहमत : ये तो कोई चैलेंज ही नहीं है  सर, पहले सज्जन एक वॉशिंग पाउडर का, दूसरा couple टॉयलेट सीट पर खड़ा होकर एक मोबाइल नेटवर्क और सिम का और तीसरा बंदा एक अल्टिमा पेंट से सजे घर के दम पर लड़कियों को शादी के लिये रिझाता है जो कि पूरी तरह अविश्वसनीय और illogical है.  इनके अलावा एक महाशय के डॉलर अंडरवियर पर कस्टम ऑफीसर अपना रोल या ड्यूटी भूल जाती है.  लोग इसे क्रिकेट मैच के दौरान या वैसे भी बार बार देखकर देखकर पक चुके हैं.  तो वो तो खीज़कर इनके प्रोडक्ट के अलावा दुनियां का हर प्रोडक्ट इस्तेमाल करने को तैयार हैं.  इनकी टैग लाइनें भी क्रिकेट की बॉल से ज्यादा घिस गई हैं जो न तो स्विंग हो रही हैं न ही स्पिन.  तो जनता न तो इनकी बातों पर विश्वास करती है और न ही इस्तेमाल करती है.  

इस जवाब से लाजवाब होकर और जब किसी प्रश्न पूछने का औचित्य बोर्ड को नजर नहीं आया तो असहमत को इंटरव्यू खत्म होने और जाने का आदेश मिला. लेकिन ये तो असहमत था आखिर बाहर जाते हुये पूछ ही लिया कि “Shall I presume my self selected for the company Sir.  

जवाब बोर्ड के चेयरमैन ने दिया ” आपने इस इंटरव्यू को एक रियल्टी शो जैसा लिया है इस बात की हम सबको बहुत खुशी है, मज़ा भी बहुत आया पर फैसला भी रियल्टी शो की तरह से ही होगा याने हम जज लोग तो डिसाइड कर चुके हैं पर पब्लिक आपको वोट कितना करती है, ये भी मैटर करेगा.  

तो पब्लिक ये डिसाइड करे कि असहमत इस जॉब के लिये select होना चाहिए या reject. Like का मतलब भी सिलेक्टे ही माना जायेगा. Pl. disclose your opinion and vote for Asahmat.

© अरुण श्रीवास्तव

संपर्क – 301,अमृत अपार्टमेंट, नर्मदा रोड जबलपुर

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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