☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्यिक गतिविधियाँ ☆ भोपाल से – सुश्री मनोरमा पंत 🌹

(विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

☆ अखिल भारतीय साहित्य परिषद् भोपाल इकाई का अमृत शक्ति सम्मान, व्याख्यान, पुस्तक समीक्षा एवं लोक भाषा रचना पाठ सम्पन्न ☆

अखिल भारतीय साहित्य परिषद् भोपाल इकाई का अमृत शक्ति सम्मान व्याख्यान पुस्तक समीक्षा एवं लोक भाषा रचना पाठ कार्यक्रम नव संवत्सर 2080 की मांगलिक बेला में विश्व संवाद केंद्र शिवाजी नगर में संपन्न हुआ। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुश्री प्रियंका शक्ति ठाकुर सुविख्यात निर्देशिका अध्यक्ष डॉ नुसरत मेहदी निदेशक उर्दू अकादमी एवं अध्यक्ष अखिल भारतीय भोपाल इकाई विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ बिनय राजाराम एवं सारस्वत अतिथि के रूप में डॉ साधना बलवटे उपस्थित रहीं।

मातृशक्ति श्रीमती सर्वप्रथम मनोरमा पंत और डॉ राजिया हामिद जी को अमृत शक्ति सम्मान से व नेपथ्य की शक्ति सम्मान से डॉ विनीता चौबे को सम्मानित किया गया। डॉ साधना बलवटे को विश्व हिन्दी सम्मेलन फिजी में भारत का प्रतिनिधित्व करने पर  भोपाल इकाई ने सम्मानित किया।

भोपाल इकाई के इन सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। सुनीता यादव ,ममता वाजपेई, मांडवी सिंह ,राकेश सिंह तथा पुरु शर्मा। अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर नुसरत मेहदी ने कहा “जब – जब भाषा, संस्कारों व परम्पराओं की नब्ज कमजोर होती प्रतीत होती है अखिल भारतीय साहित्य परिषद् इनकी नब्ज को टटोलकर उसे पुनर्जीवित करने का कार्य करती है।”

मुख्य अतिथि प्रियंका शक्ति ठाकुर ने अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि “अखिल भारतीय साहित्य परिषद भोपाल इकाई अमृत सम्मान की परम्परा के निर्वहन का उत्कृष्ट कार्य कर रही है। साथ ही लोक भाषा पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन भी सराहनीय है।”

विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ राजाराम ने कहा कि “हमारे भारत में ही छह उप ऋतुएँ आती हैं। शरीर को नवरात्रि में अनुकूलन करने के लिए तैयार किया जाता है। चौदह दिन का कोरोंटाईन भारतीय परम्परा में बहुत पहले से ही किया जाता है।”

सारस्वत अतिथि राष्ट्रीय डॉ साधना बलवटे ने अपने उद्बोधन में कहा कि “प्रकृति की पूजा हमारे संस्कारों में होनी चाहिए। जीवन के सारे तत्व प्रकृति के देवता सूर्य चंद्रमा, वायु, अग्नि आदि लोक में हमेशा पूजे जाते हैं।” परितप्त लंकेश्वरी पुस्तक की समीक्षा करते हुए उन्होंने मंदोदरी के मनोभावों को बहुत बारीकी से विश्लेषण किया।”

कार्यक्रम में लोक भाषाओं की रचनाओं का पाठ हुआ जिसमें बघेली में गीतकार संदीप शर्मा ने बुंदेली में अशोक गौतम घायल ने, श्रीमती श्यामा गुप्ता ने, मालवी लोकभाषा में श्रीमती शालिनी व्यास ने , निमाड़ी लोकभाषा में अशोक दुबे ‘अशोक’ ने रचना पढ़ी।

कार्यक्रम में संचालन नीता सक्सेना स्वागत वक्तव्य पुरूषोत्तम तिवारी आभार ममता बाजपेई ने व्यक्त किया।

☆ प्रवासी भारतीय साहित्य एवं संस्कृति शोध केंद्र, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय का परिसंंवाद आयोजित ☆

विषय था हिंदी भाषा शिक्षण की चुनौतियाँ और समाधान : वैश्विक संदर्भ“.  कार्यक्रम की अध्यक्षता की श्री संतोष चौबे, कुलाधिपति, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने। विशिष्ट अतिथि थे डॉ. विजय कुमार मल्होत्रा, भाषा प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ, (पूर्व निदेशक, रेल मंत्रालय) तथा विशिष्ट वक्ता थे एल्मार जोसेफ रेनर, एसोसिएट प्रोफेसर, कोपनहेगन विश्वविद्यालय, डेनमार्क। कार्यक्रम संयोजन डॉ. मौसमी परिहार द्वारा किया गया।  

☆ श्री संतोष चौबे के उपन्यास “सपनों की दुनिया में ब्लैक होल” का लोकार्पण ☆

कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वैक्शन सेंटर, भोपाल में श्री संतोष चौबे जी के उपन्यास “सपनों की दुनिया में ब्लैक होल” का लोकार्पण हुआ जिसकी अध्यक्षता श्री विनोद तिवारी जी ने की स्वागत वक्तव्य मुकेश वर्मा जी ने किया। उपन्यास के अंश का पाठ श्री संतोष चौबे जी ने किया ।आमंत्रित वक्ता थे हरि भटनागर, प्रकाश कांत, राकेश बिहारी, पंकज सुबीर आशुतोष, प्रज्ञा रोहिणी। संचालन श्री अरुण शुक्ला ने और आभार प्रदर्शन श्री बलराम कुमार ने किया। संयोजन किया सुश्री ज्योति रघुवंशी ने।

☆ भोपाल के फ़ौजी इतिहास पर एक अनोखी किताब “निज़ाम ए भोपाल” लोकार्पित ☆

किताब में लिखी फ़ौजी दास्तान भोपाल रियासत से जुड़ी है। जी हाँ, अवसरवादी दोस्त मुहम्मद ख़ान द्वारा स्थापित भोपाल रियासत की अपनी एक फ़ौज थी। उस फ़ौज का 1710 से 1949 तक का एक इतिहास है। उसी फ़ौजी इतिहास को आज़ाद भारत के एक फ़ौजी लेफ़्टिनेंट जनरल (सेवा निवृत्त) मिलन नायडू ने अंग्रेज़ी में कलमबद्ध किया है- और उसका हिंदी अनुवाद किया है भोपाल में फ़ौजी से साहित्यकार बने कर्नल डॉक्टर गिरिजेश सक्सेना ने।

हिंदी भवन के मंत्री-संचालक कैलाश चंद पंत की अध्यक्षता, लेफ़्टिनेंट जनरल विपुल शिंघल , एस एम के मुख्य आतिथ्य और वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार महेश श्रीवास्तव के विशिष्ठ आतिथ्य में आयोजित गरिमामय कार्यक्रम में “निज़ाम ए भोपाल” पुस्तक का लोकार्पण हुआ। वरिष्ठ साहित्यकार-पत्रकार घनश्याम सक्सेना सारस्वत अतिथि और क़लीम अख़्तर एवं प्रोफ़ेसर सीमा रायजादा विशेष अतिथि के रूप में मंचासीन रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन वरिष्ठ साहित्यकार गोकुल सोनी ने किया। लेफ़्टिनेंट जनरल (सेवा निवृत्त) मिलन नायडू ने स्वागत उद्बोधन में पुस्तक लेखन और अनुवाद से जुड़ी मुश्किलों को रेखांकित किया।

पुस्तक लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए कैलाश चंद पंत ने लेखक द्वारा भोपाल रेजिमेंट के विकास की कहानी इस पुस्तक में पिरोई गई है। पुस्तक का हिन्दी अनुवाद सरल, सुबोध और पठनीय बन पड़ा है।

मुख्य अतिथि महेश श्रीवास्तव ने बताया कि यह शोधपूर्ण किताब प्रामाणिक रूप से ऐतिहासिक है। भोपाल रियासत का अधिकांश समय बेगमों द्वारा शासित रहा। बेगमों ने पौने दो सौ सालों में रियासत को बुद्धिमत्ता पूर्ण शासन से संचालित करके लोक कल्याण कार्यों को अंजाम दिया था। उन्होंने शिक्षा और चिकित्सा का कार्य प्राथमिकता से करवाया। उन्होंने भोपाल की फ़ौज को आधुनिक बनाया था।

लेफ़्टिनेंट जनरल विपुल शिंघल ने कहा कि सैनिक और साहित्य का बहुत पुराना संबंध है। भगवतगीता का दार्शनिक साहित्य युद्ध भूमि में ही भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को उपदेश स्वरूप अस्तित्व में आई थी।

वरिष्ठ कलमकार घनश्याम सक्सेना ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि जब मैंने पुस्तक को पढ़ने के लिए उठाया और दो-तीन पृष्ठ पढ़े तो पुस्तक इतनी रोचक लगी कि इसे समाप्त करके ही दम लिया।

भोपाल के फ़ौजी इतिहास के अधिकृत विद्वान क़लीम अख़्तर ने बताया कि इस पुस्तक के लेखन में मिलन नायडू जी ने सटीक प्रमाणों को समावेश किया गया है। इसलिए यह पुस्तक एक प्रामाणिक दस्तावेज है।

लोकार्पण कार्यक्रम में फ़ौजी मुहकमे के आला अफ़सरों के अलावा हिंदी और उर्दू के गणमान्य साहित्यकार डॉक्टर गौरी शंकर शर्मा गौरीश, राम वल्लभ आचार्य, सुरेश पटवा, राजकुमार शर्मा, विनोद जैन, मुज़फ़्फ़र सिद्दीक़ी, कांता रॉय, घनश्याम मैथिल, चरण जीत सिंह की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। लेफ़्टिनेंट जनरल मिलन नायडू ने स्वागत उद्बोधन दिया और आभार प्रदर्शन करते हुए कर्नल डॉक्टर गिरिजेश सक्सेना ने उन मुश्किल हालातों का ज़िक्र किया जब उन्होंने कोरोना ग्रस्त अवस्था में अस्पताल के बिस्तर पर  इस किताब के अंतिम दो अध्याय अनुवादित किए थे।

☆ मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा मीर तकी मीर की 300 वीं जयंती का आयोजन सम्पन्न ☆

“मीर के शेरों में जिंदगी के हर रंग मौजूद हैं ” मीर एक ऐसे शायर हैं जिनकी महानता को हर शायर और हर दौर में सराहा गया है यह बात कनाडा से आए उर्दू के प्रसिद्ध विद्वान डॉ तकी आबिदी ने कही। राज्य संग्रहालय सभागार में मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा मीर तकी मीर की 300 वीं जयंती समारोह पर “मुस्तनद है मेरा फरमाया हुआ” कार्यक्रम संपन्न हुआ । उर्दू अकादमी की निदेशक डॉ नुसरत मेहंदी ने कहा कि संगोष्ठी में नए रचनाकार विशेष रुप से रिसर्चर्स जान सकेंगे कि उर्दू शायरी में मीर को खुदा ए सुखन क्यों कहा जाता है। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अजीज इरफान ने कहा कि मेल की कल्पनाशीलता जमीनी है और उन्होंने रोजमर्रा की जिंदगी को शायरी की जुबां बनाया है। 

दुष्यंत संग्रहालय के संस्थापक स्व राजूरकर राज की स्मृति में “स्मृतियों में राज” कार्यक्रम संपन्न ☆

दुष्यंत संग्रहालय में संग्रहालय के संस्थापक स्व राजूरकर राज की स्मृति में “स्मृतियों में राज” नामक कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे आदरणीय संतोष चौबे जी, कुलपति रविंद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय, विशेष अतिथि के रूप में श्री शशांक, पूर्व उपनिदेशक दूरदर्शन भोपाल तथा अध्यक्ष श्री मनोज श्रीवास्तव आईएएस सेवानिवृत्त मध्यप्रदेश शासन थे। इस कार्यक्रम में संग्रहालय से जुड़े सभी सदस्यों ने उन्हें याद किया ।इस कार्यक्रम में निदेशक साहित्य अकादमी श्री विकास दवे जी  ने भी राजूरकर जी कोई याद किया। इस अवसर पर राजूरकर राज के ऊपर एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया।

☆ हिंदी लेखिका संघ की मासिक व्यंग्य गोष्ठी आयोजित ☆

हिंदी लेखिका संघ की मासिक व्यंग्य गोष्ठी आयोजित हुई ।आयोजन की मुख्य अतिथि वरिष्ठ व्यंगकार एवं राष्ट्रीय मंत्री अखिल भारतीय साहित्य परिषद, डॉक्टर साधना बलवटे ने अपने उद्बोधन में कहा कि व्यंग का उद्गम करुणा से होता है जब हास्य व्यंग एक संतुलित मात्रा में मिलकर आते हैं तब एक सार्थक संतुलित व्यंग रचना तैयार होती है lव्यंग का उद्देश्य समाज की विसंगतियों को दूर करना हैl सारस्वती अतिथि सुमन ओबेरॉय ने अपने उद्बोधन में कहा कि व्यंग की क्षमता बहुत अधिक होती है। यह नैतिक और सामाजिक मूल्यों का प्रहरी होता है । लेखिका संघ के अध्यक्ष डॉ कुमकुम गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया और पुष्प की अभिलाषा कविता का पाठ किया इस अवसर पर लेखिकाओं ने हास्य व्यंग रचनाओं का पाठ किया गोष्ठी का संचालन डॉक्टर विनीता राहुरिकर ने किया । तथा आभार सुनीता मिश्रा ने व्यक्त किया। 

☆ अ. भा .कला मँदिर भोपाल द्वारा होली पर काव्य गोष्टी संपन्न ☆

आकाशवाणी भोपाल के नमस्कार एम पी कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश लेखिका संघ की अध्यक्ष कुमकुम गुप्ता का साक्षात्कार वृंदा प्रधान द्वारा लिया गया जिसमें उनसे नारी प्रकृति और बेटी संबंधित चर्चा की गई ।

☆ आर्य समाज मंदिर, भोपाल का 38 माह वार्षिक उत्सव संपन्न ☆

भोपाल में आर्य समाज मंदिर का 38 माह वार्षिक उत्सव मनाया गया। सवेरे प्रभात रैली के साथ ही विभिन्न प्रकार के आयोजन 3 दिन तक चले जिसमें मुख्य रुप से धर्म संसद, युवा संसद, मातृशक्ति सम्मेलन थे।

धर्म और ईश्वर दोनों मानव जीवन से जुड़े हुए बहुत महत्वपूर्ण विषय हैं ।दोनों ही समस्त विश्व के मानवों को संगठित सुखी और अभय कर सकते हैं किंतु उस समय जब इनमें विरोधाभास ना हो । इसी भावना से मनुष्य जीवन में धर्म की आवश्यकता क्यों उसका महत्व और स्वरूप क्या है विषय पर विभिन्न विचारधाराओं के विद्वानों ने अपने विचार रखे।

युवा सम्मेलन में विषय था “एक भारत श्रेष्ठ भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका चुनौतियां और समाधान” यह आयोजन स्कूल और कॉलेज के छात्र छात्राओं के लिए था जिसमें उन्होंने इस विषय पर अपने विचार प्रकट किए, नारी सशक्तिकरण के लिए क्या उचित कदम उठाए जाएं इस विषय पर श्रीमती प्रज्ञा, रिचा श्रीवास्तव अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला सुरक्षा पुलिस मुख्यालय पर ने विशिष्ट अतिथि के रूप में सारगर्भित भाषण दिया, सुश्री मनोरमा पंत के साथ विभिन्न क्षेत्रों की विदुषी महिलाओं ने भी महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार प्रकट किए।

☆ अ. भा .कला मँदिर भोपाल द्वारा होली पर काव्य गोष्टी संपन्न ☆

स्वामी विवेकानंद लाइब्रेरी में हिंदी चिल्ड्रंस बुक्स समर कलेक्शन का आरंभ हुआ यहां पर पंचतंत्र की प्रसिद्ध कहानियां, चार्ली एंड द चॉकलेट फैक्ट्री ,भारत की अद्भुत लोक कथाएं ,अमर चित्र कथा की किताबें, वेद पुराण उपनिषद की किताबें पढ़ने को मिलेंगी।

अखिल भारतीय कलामन्दिर संस्था, भोपाल द्वारा नव संवत्सर पर नवरंग काव्य ग़ोष्ठी का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता – डॉ. गौरीशंकर शर्मा ‘गौरीश’ राष्ट्रीय अध्यक्ष अ.भा. कलामन्दिर संस्था भोपाल ने की ।मुख्य अतिथि थे श्री राजेन्द्र शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार एवं विशिष्ट अतिथि थे डॉ जवाहर सिंह कर्णावत

मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच द्वारा भोपाल की वरिष्ठ साहित्यकार उषा सक्सेना को मातो श्री सम्मान

मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच द्वारा भोपाल की वरिष्ठ साहित्यकार उषा सक्सेना को मातो श्री सम्मान और चाणक्य सम्मान स्मृति चिन्ह के साथ प्राप्त हुआ ।

साभार – सुश्री मनोरमा पंत, भोपाल (मध्यप्रदेश) 

 ≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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