डॉ भावना शुक्ल
(डॉ भावना शुक्ल जी (सह संपादक ‘प्राची‘) को जो कुछ साहित्यिक विरासत में मिला है उसे उन्होने मात्र सँजोया ही नहीं अपितु , उस विरासत को गति प्रदान किया है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि माँ सरस्वती का वरद हस्त उन पर ऐसा ही बना रहे। आज प्रस्तुत हैं – भावना के दोहे – प्रतिशोध।)
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आतंकी की दुष्टता, हमने दिया जवाब।
हिंदुस्तानी फौज ने, जमकर लिया हिसाब।।🇮🇳
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ठान लिया है पाकियो, करना है संहार।
मातृ शक्ति को नमन है, रोका जल संचार।।🇮🇳
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भारत अब तो कर रहा, हर आतंकी चूर।
आँसू जिनके बह रहे, क्रोधित है सिन्दूर।।🇮🇳
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धधक रहा हर साँस में, लक्ष्य सकल प्रतिशोध।
घर में घुसकर मारिए, झलक रहा है क्रोध।।🇮🇳
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© डॉ भावना शुक्ल
सहसंपादक… प्राची
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