श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”

संस्कारधानी के सुप्रसिद्ध एवं सजग अग्रज साहित्यकार श्री मनोज कुमार शुक्ल “मनोज” जी  के साप्ताहिक स्तम्भ  “मनोज साहित्य ” में आज प्रस्तुत है सजल “नए वर्ष में आएँ खुशियाँ… । आप प्रत्येक मंगलवार को आपकी भावप्रवण रचनाएँ आत्मसात कर सकेंगे।

✍ मनोज साहित्य # 14 – नए वर्ष में आएँ खुशियाँ…  ☆ 

नए वर्ष में आएँ खुशियाँ,

मंगलमय संदेश मिले।

स्वस्थ निरोगी हो यह काया,

सुखमय अब परिवेश मिले।

 

जीवन सबका जगमग दमके,

सुख की बदली ही बरसे।

छल-छद्मों की ढहा दिवालें,

नेह प्रेम बस ही दरसे।

 

मानव पर यदि तम घिर जाए,

कभी उसे ना क्लेश मिले ।

 

नये वर्ष में सुख यश वैभव,

नूतन नव संगीत बजे। 

नई सर्जना नई चेतना,

के मधुरिम नव गीत सजे।

 

मिले सभी को तरुवर छाया,

निष्कंटक पथ उपवन  हो।

अन्तरघट में बजे बांसुरी,

मन-भावन वृंदावन हो।

 

द्वार तुम्हारे चलकर पहुँचें,

कृष्ण-सखा दरवेश मिले। 

 

मिले कृष्ण का संग सभी को,

कलयुग का द्वापर युग हो।

सत्य न्याय का शंखनाद कर,

राम राज्य सा सत युग हो ।

 

हम विकास के पथ हैं गढ़ते,

सबको लेकर ही बढ़ते।

मित्र सुदामा बने अगर तो,

उनका भी हित ही करते।

 

जो भी बुरी नज़र है डाले,

वैसा ही परिवेश मिले।

 

शांति और सद्भाव रहे जग,

सदियों से सबने चाहा।

वासुधैव की रहे भावना,

पहले से हमने चाहा।

 

गीता की अमरित वाणी का,

जग में फिर सम्मान मिले।

अखँड रहेगा भारत अपना,

विश्व गुरू का मान मिले।

 

पुनर्जन्म जब हो धरती पर,

हमको भारत देश मिले।

 

©  मनोज कुमार शुक्ल “मनोज”

01-01- 2022

संपर्क – 58 आशीष दीप, उत्तर मिलोनीगंज जबलपुर (मध्य प्रदेश)-  482002

मो  94258 62550

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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