श्री राजेन्द्र तिवारी
(ई-अभिव्यक्ति में संस्कारधानी जबलपुर से श्री राजेंद्र तिवारी जी का स्वागत। इंडियन एयरफोर्स में अपनी सेवाएं देने के पश्चात मध्य प्रदेश पुलिस में विभिन्न स्थानों पर थाना प्रभारी के पद पर रहते हुए समाज कल्याण तथा देशभक्ति जनसेवा के कार्य को चरितार्थ किया। कादम्बरी साहित्य सम्मान सहित कई विशेष सम्मान एवं विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित, आकाशवाणी और दूरदर्शन द्वारा वार्ताएं प्रसारित। हॉकी में स्पेन के विरुद्ध भारत का प्रतिनिधित्व तथा कई सम्मानित टूर्नामेंट में भाग लिया। सांस्कृतिक और साहित्यिक क्षेत्र में भी लगातार सक्रिय रहा। हम आपकी रचनाएँ समय समय पर अपने पाठकों के साथ साझा करते रहेंगे। आज प्रस्तुत है आपका एक भावप्रवण कविता ‘होली…‘।)
☆ होली… ☆ श्री राजेन्द्र तिवारी ☆
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ब्रज में, उड़ रही खूब गुलाल,
होली, खेल रहे नन्द लाल,
राधा हाथ में, रंग लिए हैं,
सखियों को भी, संग लिए हैं,
मच रहा खूब धमाल,
होली, खेल रहे नन्द लाल,
कान्हा ने भी, रंग बरसाया,
रंगों का, बादल उमड़ाया,
धानी, चूनर हो गई लाल,
होली खेल रहे नंदलाल,
राधा कान्हा, दोनों संग में,
प्रेम रंग के, एक ही रंग में,
नाचे, सुर, दे दे के ताल,
होली खेल रहे नंदलाल,
धरती अम्बर, झूम रहे हैं,
अपने भाग्य को, चूम रहे है,
अखियां हुईं, निहाल,
होली खेल रहे नंद लाल.
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© श्री राजेन्द्र तिवारी
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