श्री केशव राजेंद्र प्रसाद शुक्ल

(युवा साहित्यकार श्री केशव राजेंद्र प्रसाद शुक्ल जी लखनऊमें पले बढ़े और अब पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। आपको बचपन से ही हिंदी और अंग्रेजी कविताएं लिखने का शौक है। आज प्रस्तुत है आपकी एक विचारणीय कविता सवाल।)

 ☆ कविता ☆ सवाल ☆ श्री केशव राजेंद्र प्रसाद शुक्ल ☆

जवाब की तलाश में चला

खुद एक सवाल बन वापस आया है

खोया पाया की बातों से ऊपर उठ

नफा नुक्सान से दूर निकल आया है

उठा जब भी एक के जवाब के साथ

तो जवाब ख़ुद ही कर बैठा एक सवाल

और फ़िर खोज शुरू कर दी उसने जवाब की

 

देख भीड़ में अगोचर से चेहरे

या कुछ जाने से लोग

और जब कोई खिलखिला कर हँस देता

और देख उन्हें दौड़ते हुए अपने सपनों के पीछे

खड़े होते तरह तरह के सवाल

वह हो गया निराश

लगा जैसे कोई बड़ी सफाई से

जवाब मिटा के गायब हो गया

कोई और भी न ढूंढ पाया होगा

यही सोच उसने मायनो की किताब को आग लगा दी

 

पर सवाल नही जलते

और जवाब , जवाब नही मिलते

 

© केशव राजेंद्र प्रसाद शुक्ल

पुणे मो  9425592588

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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