हेमन्त बावनकर
☆ शब्द मेरे अर्थ तुम्हारे ☆ हेमन्त बावनकर☆
बिस्तर
घर पर बिस्तर
उसकी राह देखता रहा
और
उसे कभी बिस्तर ही नहीं मिला।
वेक्सिन
किसी को अवसर नहीं मिला
किसी ने अवसर समझ लिया
मुफ्त का मूल्य
कोई कुछ समझ पाता
तब तक कई दायरे के बाहर आ गए।
ऑक्सीज़न
ऑक्सीज़न तो कायनात में
कितनी करीब थी।
सब कुछ बेचकर भी
एक सांस न खरीद सके,
अब किससे क्या कहें कि-
साँसें इतनी ही नसीब थी?
कफन
किसी को कफन मिला
किसी का कफन बिक गया
उस के नसीब को क्या कहें
जो पानी में बह गया।
सीना
लोग कई इंचों के सीनों के साथ
भीड़, रैली, माल, रेस्तरां
जमीन पर और हवा में
घूमते रहे बेहिचक।
सुना है
उनमें से कई करा रहे हैं
सीनों का सी टी स्कैन.
वेंटिलेटर
वेंटिलेटर पर खोकर
अपने परिजनों को
अंत तक परिजन भी
यह समझ ही नहीं पाए
कि आखिर वेंटिलेटर पर है कौन?
© हेमन्त बावनकर, पुणे