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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

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☆ प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ को गार्गी गुप्त अनुवाद-श्री सम्मान ☆

नई दिल्ली, 28 फरवरी। भारतीय अनुवाद परिषद दिल्‍ली, प्रति वर्ष अनुवाद कार्य हेतु गार्गी गुप्त सम्मान प्रदान करती है। भारतीय  विद्या भवन सभागार, नई दिल्‍ली में प्रख्यात साहित्यकार प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ जी को 2018-2019 के लिए डॉ. गार्गी गुप्त अनुवाद-श्री पुरस्कार संस्कृत – हिंदी – संस्कृत भाषा को आजीवन अनुवाद सेवा के लिए प्रदान किया गया।

उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह सम्मान उनकी ओर से उनके सुपुत्र श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ जी ने स्वीकार किया।

उल्लेखनीय है कि प्रो. श्रीवास्तव ने संस्कृत के विश्व ग्रंथों भगवत गीता, रघुवंश , मेघदूतम के समस्त श्लोकों का हिंदी छंद बद्ध गेय काव्य अनुवाद किया है।

ये अनुवादित पुस्तकें संस्कृत मूल, हिंदी काव्य, हिंदी अर्थ के साथ प्रकाशित हुई हैं। प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि- “इससे संस्कृत नहीं जानने वाले भी इन अमर ग्रन्थों का काव्यगत आनंद उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अनुवाद कार्य से दोनों ही भाषाओं का साहित्य समृद्ध होता है।” 

गुरुवर प्रो. श्रीवास्तव जी की कई अनुवादित पुस्तकों का ई-अभिव्यक्ति में समय समय पर क्रमबद्ध प्रकाशन भी किया गया है।

💐 ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से गुरुवर प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’ जी को इस सम्मान के लिए हार्दिक शुभकमनाएं 💐

  

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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