ई-अभिव्यक्ति -गांधी स्मृति विशेषांक -1

श्रीमती सुसंस्कृति परिहार

 

(श्रीमती सुसंस्कृति परिहार जी पूर्व प्राचार्या एवं प्रसिद्ध  साहित्यकार हैं .  आप प्रलेसं सचिव मंडला सदस्य  हैं.  आपकी रचनाएँ प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं. अपना अमूल्य समय देने के लिए आपका हार्दिक आभार. )

व्यंग्य – गांधी जिन्दा हैं और रहेंगे

 

2 अक्टूवर 2019को हम महात्मा गांधी का 150वां जन्मदिन मना रहे हैं । हेप्पी बर्थ डे गांधी जी । बहुत बहुत बधाई आपको । क्या कहा -आपने भला मरने के बाद कोई ज़िंदा रहता है! हां, पर गांधी ज़िंदा है । वे अमर हैं । अभी आपने देखा नहीं वे अमरीका के ह्यूस्टन में हाऊडी मोदी कार्यक्रम में प्रकट हो गये । जहां भी जाते गांधी जी तन के खड़े हो जाते । भयातुर हो वे जल्दी जल्दी माला पहिनाते और परे हट जाते । भला सच के सामने झूठ आंख कैसे टिका सकता है ।

बहरहाल हम सब जानते हैं उन्हें एक हिंदुत्ववादी नाथूराम गोडसे ने प्रार्थना सभा में जाते हुए गोलियों से भून दिया था । उनका देहान्त हो गया । वे धरा पर प्राप्त अपना पूरा जीवन नही जी पाए । हमारे यहां कहा जाता है कि जो हत्या या आत्महत्या से मरता है उसकी आत्मा भटकती रहती है । सचमुच गांधी की आत्मा भटक रही है ।लगता है उनका तर्पण तब तक नहीं होगा जब तक गांधी अपने देश को खुशहाल नहीं देख लेते !

इधर देश के हालात देखकर तो यह कयास लगाया जा सकता है कि वे लंबी अवधि तक टस से मस होने वाले नहीं हैं । सत्य  अहिंसा का पुजारी सत्य देख रहा है। नैतिकताओं का कहीं ओर-छोर नहीं । आदर्श तो उपहास की विषयवस्तु बन गया है । भाई-चारा की धज्जियां उड़ रहीं हैं। वैष्णव जन पराई पीर बढ़ाने में रत है । संवेदनाएं उड़न छू हो गई हैं । वर्ग भेद के क्या कहने! सफाई अभियान का नज़ारा तो इतना भयातुर कर गया कि दो दलित बच्चों पर कहर बरपा गया । जहां तक शांति का सवाल है चहुंओर दहशतज़दा शांति है, बड़ी संख्या में  सियार और कुत्तों की आवाजें सुनाई दे रही है । कई बाबा जैसे महात्मा जेल में सुकून से हैं । बलात्कार के अपराधी बेल पर हैं और बलात्कार पीड़िता जेल में हैं । मीडिया बिकाऊ है । अभिव्यक्ति पर पहरा है। लेखक पत्रकारों की कलम की ताकत को चट करने उतारू है । नन्हीं बच्चियों से लेकर वृद्ध महिला भी हवस का सामान है । बेरोजगारी  चरम पर है ।  मंहगाई और अमीर बनने की कामना ने इंसानी रिश्तों को तार तार कर रखा है । आपके रामराज्य की चूलें हिला दी गई हैं । कितना बदल गया हिंदुस्तान !अब न्यू इंडिया बन रहा है । तमाम लोकतांत्रिक संस्थाएं अपना स्वरुप बदल रही हैं ।

हरि अनन्त हरि कथा अनंता । ये शिकायत है कि हमारे हर कार्य में आप बाधक हैं । कैसे करें देश का भला । अब आप सोचिए आपसे राष्ट्र पिता का दर्जा भी छिनने की पूरी तैयारी है आपको जनता ने ख़िताब बख्शा और…. । साम-दाम दंड-भेद की नीति को सब  बख़ूबी जानते हैं । कैसे आपका सपना यहां पूरा होगा ?

होगा ज़रूर होगा । आकाश वाणी हुई । मैं समझ गई गांधी कहीं नहीं जाने वाले। उनका इस्तकबाल करें । बेशक विचार कभी नहीं मरते और जनगर्जन जब होता है तो बड़े-बड़े सूरज अस्त हो जाते हैं । गांधी ज़िंदा है और सर्वदा रहेंगे । जन्मदिन मुबारक बापू ।

 

© श्रीमती सुसंस्कृति परिहार

मंडला

image_print
0 0 votes
Article Rating

Please share your Post !

Shares
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments