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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

☆ महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, मुंबई द्वारा श्री संजय भारद्वाज को छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्रीय एकता सम्मान – अभिनंदन 

पुणे के सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार, स्तंभलेखक एवं समाजसेवी श्री संजय भारद्वाज जी को महाराष्ट्र सरकार की महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी ने वर्ष 2023-24 का छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्रीय एकता पुरस्कार देने की घोषणा की है।

उल्लेखनीय है कि श्री संजय भारद्वाज जी हिंदी आंदोलन परिवार के संस्थापक-अध्यक्ष हैं। हिंदी आंदोलन परिवार विगत तीस वर्ष से पुणे में हिंदी और भारतीय भाषाओं के विभिन्न साहित्यिक आयोजनों द्वारा राष्ट्रीय एकता के लिए अनवरत कार्य कर रहा है। हिंआंप अब तक लगभग 300 ऐसे कार्यक्रम कर चुका।

कवि, लेखक, नाटककार, समीक्षक, रंगकर्मी, संचालक, हिंदी प्रचारक, अनुवादक, संपादक के रूप में संजय भारद्वाज की विशिष्ट सेवाएँ हैं। विभिन्न विधाओं में उनकी 9 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। गत पाँच वर्ष से देश के चार समाचारपत्रों में अविराम प्रकाशित उनका साप्ताहिक स्तंभ ‘संजय उवाच’ विशेष लोकप्रिय है। ‘संजय दृष्टि’ नामक उनका दैनिक स्तंभ भी लगभग पाँच वर्ष से जारी है। ऑस्कर अवार्ड कमेटी की दो तकनीकी पुस्तकों का आपने अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया है। देश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में आपके लेख नियमित रूप से प्रकाशित होते रहते हैं। आकाशवाणी के लिए रेडियो.नाटक और रूपकों का लेखन आपने किया है। आपके बड़ी संख्या में नाटक और एकांकी लिखे हैं। 30 से अधिक डॉक्युमेंट्री फिल्में आपने लिखी हैं।

श्री संजय भारद्वाज जी सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के हिंदी मंडल, महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिति महामंडल के हिंदी विषयक कार्यसमूह, महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। डीडी सह्याद्रि के ‘साहित्य सरिता’ कार्यक्रम के अनेक अंकों के लिए अतिथि संचालन किया। आप एक वृद्धाश्रम के न्यासी भी हैं।

श्री संजय भारद्वाज जी को 50 से अधिक सम्मान मिल चुके हैं। इनमें हिन्दी साहित्य तथा रंगमंच के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत की पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभादेवी पाटील के हाथों ‘ विश्व वागीश्वरी सम्मान’, हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग’ द्वारा ज्ञानपीठ विजेता डॉ. निर्मल वर्मा के हाथों ‘सम्मेलन सम्मान’, श्रेष्ठ हिंदी साहित्य और समाज सेवा के लिए पद्मभूषण पं झाबरमल शर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार कोलकाता, हिंदी साहित्य की सेवा के लिए महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा ‘साहित्य सेवा सम्मान’, साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा साहित्य सेवा सम्मान, विभिन्न भारतीय भाषाओं के बीच सेतु का काम करने के लिए गुरुकुल प्रतिष्ठान, पुणे द्वारा ‘अंतरभारती सम्मान’, हिंदी-उर्दू के बीच पुल का काम करने के लिए ‘अमीने- अदब’ सम्मान आदि प्रमुख हैं।

श्री संजय भारद्वाज जी ने इस पुरस्कार पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह वागीश्वरी माँ सरस्वती की अनुकंपा, माँ-पिता के आशीर्वाद और परिजनों- आत्मीयजनों की स्वस्तिकामनाओं का परिणाम है। उन्होंने महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

सचिव

हिंदी आंदोलन परिवार

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से श्री संजय भारद्वाज जी को इस विशिष्ट उप्लब्धि के लिए हार्दिक बधाई 💐

≈ श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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