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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 “हिंदी साहित्य में प्रभु श्रीराम” विषय पर “महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी” द्वारा “राष्ट्रीय संगोष्ठी “का सफल आयोजन 🌹

वसंत पंचमी एवं निराला जयंती पर सम्मानित हुये सुधी साहित्यकार

महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी मुंबई एवं महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा पुणे के संयुक्त तत्वावधान में वसंत पंचमी के अवसर पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।जिसमें साहित्य में प्रभु राम, माँ सरस्वती एवं निराला जयंती  पर सुधी वक्ताओं ने अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किये।

मीरा जोगलेकर द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना एवं अतिथियों के सत्कार के उपरान्त म .रा. हि. सा .अकादमी के कार्यकारी सदस्य श्री अजय पाठक ने राम मंदिर निर्माण और एतद् विषयक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को विस्तार से समझाया।साथ ही राम कथा में कैकेयी की भूमिका को सर्वथा नूतन पार्श्व दिये।

मुख्य वक्ता हेमलता मिश्र मानवी ने रामचरितमानस, वाल्मीकि रामायण को केन्द्र में रखते हुये मैथिलीशरण गुप्तजी की पंक्तियों से वक्तव्य समाप्त किया—राम तुम्हारा नाम  स्वयं ही काव्य है।कोई कवि बन जाये सहज संभाव्य है।

ओजस्वी युवा कवयित्री श्रद्धा शौर्य ने अपनी जोशीली कविताओं से समां बाँध दिया।

मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार इन्दिरा किसलय ने कहा कि निराला को समग्रतः समझने के लिये निराला होना पड़ता है।लपट की तासीर जानने को लपट होना पड़ता है।

सूर्यकान्त मणि को रत्नराज कहा जाता है।निराला साहित्य जगत में यही स्थान रखते हैं।

विशेष अतिथि रा .तु .म. विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डाॅ मनोज पाण्डेय ने प्रभु राम एवं निरालाजी पर सारगर्भित विचार रखे।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुये महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिंदी विश्व विद्यालय  वर्धा के अधिष्ठाता प्रो .कृष्णकुमार सिंह ने मानस की सरस भावाकुल व्याख्या की।हिंदी साहित्य में प्रभु राम कई भावों में चित्रित, वर्णित एवं अलौकिक रूप में हैं।ऐसे सत् साहित्य को जन जन तक पहुँचाना चाहिए।

म. रा .हिंदी साहित्य अकादमी के सदस्य श्री जगदीश थपलियाल भी मंच को शोभित कर रहे थे।विनोद शर्मा ने”मेरी चौखट पर चलकर प्रभु श्री राम आये हैं” भजन गाकर श्रोताओं में भक्ति रस का संचार किया।

हिंदी की उत्कृष्ट सेवा हेतु”हिंदी सेवा सम्मान 2024″ से साहित्यकार सर्व– रीमा दीवान चड्ढा,सतीश लाखोटिया,तन्हा नागपुरी,अमिता शाह,माधुरी मिश्रा मधु,मीरा जोगलेकर,डाॅ राम मुळे, टीकाराम साहू आजाद,संकेत नायक,माधुरी राऊलकर,एवं विनोद शर्मा को स्मृति चिह्न शाॅल एवं सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।

संगोष्ठी का कुशल साहित्यिक/संयोजन संचालन श्री विनोद नायक तथा आभार प्रदर्शन संजय सिन्हा ने किया।

इस अवसर पर सुनील नायक,अजय पाण्डेय,कृष्णकुमार तिवारी,कमलेश चौरसिया,डाॅ शारदा रोशनखेड़े,निर्मला पाण्डेय,सुबोध शाह,नीरजा नायक, रूबी दास अरु,रीता नायक,स्नेहा शर्मा,आशु लाखोटिया,दक्षेश नायक,प्रमोद गोडे,शिवेश नायक,किशन विश्वकर्मा,चन्द्रकान्त बिल्लोरे,भाविका रामटेके,मंदा बागडे,एवं सुरेन्द्र हरडे आदि प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

साभार –  सुश्री इंदिरा किसलय 

नागपुर, महाराष्ट्र   

संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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