☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

 

☆ कथाकार डॉ अशोक शुक्ल का सम्मान – अभिनंदन ☆ प्रस्तुति – श्री जयप्रकाश पाण्डेय ☆

जबलपुर । ‘नंदिनी का पर्स’ और ‘छड़ी’ जैसी चर्चित कहानियां लिखने वाले कथा जगत के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर डॉ अशोक शुक्ल का ‘व्यंग्यम परिवार’ और माडेलियन 73 जबलपुर की ओर से सम्मान किया गया। अशोक शुक्ल का एक कहानी संग्रह प्रकाशित ही हुआ था कि सरकारी ड्यूटी में रहते हुए तबियत खराब हुई, 17 साल पहले मुंबई में ब्रेन सर्जरी की गई, बच तो गए पर लकवाग्रस्त होकर पिछले सोलह साल से बिस्तर में हैं, ऐसे समय ‘व्यंग्यम’ का सामाजिक दायित्व है कि ऐसे साहित्यकार को जो मुख्य धारा से अलग अकेलेपन का जीवन जी रहा हो उसकी रचनाधर्मिता को याद करते हुए उन्हें सम्मानित कर उनके जीवन में उत्साह और उमंग का संचार भरे।

डॉ अशोक शुक्ल  हिंदी के अपनी  तरह के अनूठे कथाकार हैं । वे बिजली की कौंध की तरह परिदृश्य में आये और अपनी कुछ कहानियों के मार्फत कथा जगत में अपना स्थान बनाया। उनकी एक कहानी पर चर्चित टेलीफिल्म भी बनी थी।

प्रस्तुति – श्री जय प्रकाश पाण्डेय, जबलपुर

💐 ई- अभिव्यक्ति परिवार की ओर से कथाकार डॉ अशोक शुक्ल जी को इस विशिष्ट सम्मान के लिए हार्दिक बधाई 💐

– श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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