☆ सूचनाएँ/Information ☆

(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 साहित्य की दुनिया – श्री कमलेश भारतीय  🌹

(साहित्य की अपनी दुनिया है जिसका अपना ही जादू है । देश भर में अब कितने ही लिटरेरी फेस्टिवल आयोजित किये जाने लगे हैं । यह बहुत ही स्वागत् योग्य है । हर सप्ताह आपको इन गतिविधियों की जानकारी देने की कोशिश ही है – साहित्य की दुनिया)

राजकमल प्रकाशन की ओर से पांच दिवसीय किताब उत्सव  और साहित्यिक विचार चर्चा  – चंडीगढ़ मे राजकमल प्रकाशन की ओर से पांच दिवसीय किताब उत्सव  और साहित्यिक विचार चर्चा का आयोजन किया गया। इसमें एक दिन बहुत ही विचारोत्तेजक विचार  चर्चा की गयी जिसका विषय रहा –आजादी किस मोल पर ! इसमें प्रतिभागी रहे – तरसेम गुजराल, बलवंत कौर, गुरुदेव सिंह, सुमेल सिंह सिद्धू और कृष्ण कुमार। यह बात सामने आई कि – आजादी के समय विभिन्न हमारी मजबूरी रही लेकिन उसके बाद कितनी कीमत हमने चुकाई है या चुकानी होगी ? तब विभाजन एक था, अब विभाजन अनेक हैं और अनेक तरह के हैं, अनेक रूप हैं विभाजन के !

राजकमल प्रकाशन का यह किताब उत्सव सराहनीय प्रयास कहा जा सकता है जिसके माध्यम से शहर दर शहर पुस्तक संस्कृति से स्कूली छात्रों को भी जोड़ा जा रहा है। एक जानकारी के अनुसार किताबें भी खूब बिकीं। आखिर चंडीगढ़ की बात ही कुछ और है !

इंडिया नेटबुक्स एवं बीपीए फाउंडेशन की ओर से पुरस्कारों की घोषणा  – चित्रा मुद्गल को शिखर सम्मान

साहित्य में पुरस्कारों का मौसम आया है। इंडिया नेटबुक्स एवं बीपीए फाउंडेशन की ओर से पुरस्कारों की घोषणा की गयी है। इसमें वेदव्यास शिखर सम्मान प्रसिद्ध कथाकार चित्रा मुद्गल को दिये जाने की घोषणा की गयी है।

पुरस्कारों के चयन के लिए इस वर्ष की चयन समिति में श्रीमती ममता कालिया, सर्वश्री हरिसुमन विष्ट,  प्रेम जनमेजय, राजेश कुमार, लालित्य ललित, प्रभात शुक्ला, डा. मनोरमा आदि शामिल थे, जिसने इन पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। पुरस्कारों के संयोजक डॉ संजीव कुमार ने बताया कि इस वर्ष का शिखर सम्मान-वेद व्यास सम्मान-श्रीमती चित्रा मुद्गल को दिया जायेगा और वागीश्वरी सम्मान के लिए श्री प्रताप सहगल को नामित किया गया है। इसके अतिरिक्त विभिन्न सम्मान हैं। जिनमें साहित्य विभूषण सम्मानों के लिए

सर्वश्री फारुक अफ़रीदी, गिरीश पंकज, राहुल देव, मुकेश भारद्वाज और प्रबोध कुमार गोविल का चयन किया गया है।

ये दुख का विषय है कि समाज रत्न पुरस्कार के लिए चयनित राजूरकर राज को दिये जाने की घोषणा की गयी लेकिन वे इस दुनिया से विदा हो गये। सम्मान समारोह नोएडा में 12 मार्च को आयोजित किया जायेगा।

ग्रामोद्योग महोत्सव , हिसार – ग्रामोद्योग में गांधी ही नदारद। हरियाणा के हिसार में ग्रामोद्योग महोत्सव का आयोजन किया गया। हर तरफ खादी, कुटीर उद्योग के स्टाॅल लगे लेकिन नहीं मिले तो गांधी जिनका बीज मंत्र ही ग्रामोद्योग का आधार है। कोई गांधी साहित्य नहीं ! क्या इस तरह ग्रामोद्योग महोत्सव की कल्पना की जा सकती है ? आयोजकों के इस रवैये पर हैरानी हो रही है।

साभार – श्री कमलेश भारतीय, पूर्व उपाध्यक्ष हरियाणा ग्रंथ अकादमी

संपर्क – 1034-बी, अर्बन एस्टेट-।।, हिसार-125005 (हरियाणा) मो. 94160-47075

(आदरणीय श्री कमलेश भारतीय जी द्वारा साहित्य की दुनिया के कुछ समाचार एवं गतिविधियां आप सभी प्रबुद्ध पाठकों तक पहुँचाने का सामयिक एवं सकारात्मक प्रयास। विभिन्न नगरों / महानगरों की विशिष्ट साहित्यिक गतिविधियों को आप तक पहुँचाने के लिए ई-अभिव्यक्ति कटिबद्ध है।)  

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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