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(साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समाचार)

🌹 ‘संजय उवाच’ लोकार्पित 🌹

पद्मश्री शेखर सेन

‘अंतर्मन के लिए एक बेहद अच्छी खुराक है संजय उवाच’ – शेखर सेन

(ई-अभिव्यक्ति के साप्ताहिक स्तम्भ ‘संजय उवाच’ में प्रकाशित 88 लघु आलेखों के संग्रह के प्रकाशन पर श्री संजय भरद्वाज जी को ई-अभिव्यक्ति परिवार की ओर से हार्दिक बधाईअभिनन्दन💐)

लेखक, कवि संजय भारद्वाज की पुस्तक ‘संजय उवाच’ का लोकार्पण रविवार 8 जनवरी 2023 को पुणे में हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध रंगकर्मी पद्मश्री शेखर सेन ने की। अपने उद्बोधन में शेखर सेन ने कहा कि संजय भारद्वाज की लेखनी में अध्यात्म की सुगंध है। इसलिए जहाँ एक ओर वह आपको कबीर की झिंझोड़ते हैं, वहीं कभी रहीम की तरह आपके घाव पर फाहा लगा देते हैं और कभी तुलसी की तरह अपने स्नेह से समृद्ध करते हैं। लेखनी की निरंतरता उनकी एक और विशेषता है। ‘संजय उवाच’ अंतर्मन के लिए एक बेहद अच्छी खुराक है। कलाकारों की धातु का विश्लेषण करते हुए उन्होंने श्रोताओं का मन जीत लिया।

‘संजय उवाच’ संजय भारद्वाज के लोकप्रिय साप्ताहिक स्तम्भ में प्रकाशित 88 लघु आलेखों का संग्रह है। ये आलेख अध्यात्म, दर्शन और मीमांसा पर आधारित हैं। इन आलेखों पर आधारित लेखक के प्रबोधनात्मक व्याख्यानों की शृंखला भी है। यह पुस्तक क्षितिज प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई है।

लोकार्पण में पुस्तक पर आधारित आलेखों का वाचन और संगीतात्मक प्रस्तुति की गई। वाचन स्वयं लेखक ने किया। इस प्रस्तुति की सूत्रधार धनश्री हेबलीकर थीं। गायन सतीश कुमार का था। तबले पर साथ संगत रितेश बुरूड ने की। की-बोर्ड पर विनय कुमार थे। इस प्रस्तुति ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह का संचालन कृशान दोशी ने किया।

संजय भारद्वाज ने अपनी एक कविता के माध्यम से आभार व्यक्त करते हुए कहा,

दो हाथोंवाला

साधारण मनुष्य था मैं मित्रो!

तुम्हारी आशा,

तुम्हारे विश्वास ने

मुझे सहस्त्रबाहु कर दिया!

समारोह में बड़ी संख्या में साहित्यकार और शहर के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रतिष्ठित जन उपस्थित थे।

 – क्षितिज ब्यूरो की रिपोर्ट

 

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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Veenu Jamuar

लोकार्पण समारोह की प्रत्यक्षदर्शी होने के नाते इतना ही कह सकती हूँ कि – उपस्थित रहकर मैं तथा मेरी छोटी बहन इस सारस्वत आयोजन की गरिमा से स्वयं समृद्ध हुए । आदरणीय अध्यक्ष महोदय, कृतिकार तथा आयोजन से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।