ई-अभिव्यक्ति:  संवाद–19       

सर्वप्रथम आप सबको आप सबको भारतीय नववर्ष, गुड़ी पाडवा, चैत्र नवरात्रि एवं उगाड़ी पर्व की हार्दिक शुभकामनायें। पर्व हमारे जीवन में उल्लास तो लाते ही हैं साथ ही हमें एवं हमारी आने वाली पीढ़ी को हमारी संस्कृति से अवगत भी कराते हैं।

आज इन सभी पर्वों के साथ आप सबसे यह संदेश साझा करने में गर्व का अनुभव हो रहा है कि विगत दिनों www.e-abhivyakti.com परिवार के दो सदस्यों ने अभूतपूर्व सफलता अर्जित की जिसके लिए मैं दोनों सदस्यों को हार्दिक शुभकामनायें एवं बधाई देना चाहता हूँ।

इन पंक्तियों के लिखे जाने तक सम्माननीय साहित्यकार श्री संतोष ज्ञानेश्वर भुमकर जी की कविता “असीम बलिदान ‘पोलिस'” को विगत दो दिनों में 252 पाठकों  ने इस वेबसाइट पर पढ़ा। यह अपने आप में उनकी रचना के लिए एक कीर्तिमान है।

विगत दिवस  हमारी वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती रंजना मधुकरराव लसणे जी को मशाल न्यूज़  नेटवर्क स्पर्धा में   द्वितीय  पुरस्कार प्राप्त करने के लिए हार्दिक  अभिनंदन।

मैं आपका हृदय से आभारी हूँ। आप सभी साहित्यकार मित्रगणों  का स्नेह ही मेरी पूंजी है।  पुनः आपका सभी  साहित्यकार  मित्र गणों  का अभिनंदन एवं  लेखनी को सादर नमन।

आज बस इतना ही।

हेमन्त बावनकर

6 अप्रैल 2019

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