महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.५२॥ ☆

 

ब्रह्मावर्तं जनपदम अथ च्चायया गाहमानः

क्षेत्रं क्षत्रप्रधनपिशुनं कौरवं तद भजेथाः

राजन्यानां शितशरशतैर यत्र गाण्डीवधन्वा

धारापातैस त्वम इव कमलान्य अभ्यवर्षन मुखानि॥१.५२॥

फिर छांहतन ! जा वहां पार्थ ने की

जहाँ वाण वर्षा कुरुक्षेत्र रण में

नृपति मुख विवर में कि ज्यों हो तुम्हारी

सघन धार वर्षा कमल पुष्प वन में

© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’   

A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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