श्री आर के रस्तोगी

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☆ पराक्रम दिवस विशेष – आजाद हिन्द फ़ौज के सिपाही ☆ श्री आर के रस्तोगी☆ 

तुम मुझको दो खून अपना ,

मै तुमको दे दूंगा आजादी |

यही सुनकर देश वासियों ने,

अपनी जान की बाजी लगा दी ||

 

यही सुभाष का नारा था ,

जिसने धूम मच दी थी |

इसी विश्वास के कारण ही

आजाद हिन्द फ़ौज बना दी थी ||

 

याद करो 23 जनवरी 1897 को

जब सुभाष कटक में जन्मे थे |

स्वर इन्कलाब के नारों से वे ,

भारत के जन जन में जन्मे थे ||

 

वे अमर अभी तक विश्व में,

जिन को मृत्यु ने पाला था |

आजाद हिन्द फ़ौज के सिपाही थे ,

सच्चा हिन्दुस्तानी वाला था ||

 

कहना उनका था वे आगे आये ,

जिसमे स्वदेश का खून बहता हो |

वही आगे आये जो अपने को ,

भारतवासी कहने का हक रखता हो ||

 

वह आगे आये जो इस पर ,

अपने खून से हस्ताक्षर करता हो |

मै कफ़न बढाता हूँ वह आये आगे,

जो इसको हंसकर आगे लेता हो ||

 

फिर उस रक्त की स्याही में ,

वे अपनी कलम डुबाते थे |

आजादी के इस परवाने पर ,

अपने हस्ताक्षर करते जाते थे ||

 

© श्री आर के रस्तोगी

गुरुग्राम

 ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय  ≈

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