महाकवि कालीदास कृत मेघदूतम का श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद : द्वारा प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’

☆ “मेघदूतम्” श्लोकशः हिन्दी पद्यानुवाद # मेघदूत ….पूर्वमेघः ॥१.२४॥ ☆

पाण्डुच्चायोपवनवृतयः केतकैः सूचिभिन्नैर

नीडारम्भैर गृहबलिभुजाम आकुलग्रामचैत्याः

त्वय्य आसन्ने परिणतफलश्यामजम्बूवनान्ताः

संपत्स्यन्ते कतिपयदिनस्थायिहंसा दशार्णाः॥१.२४॥

सुमन केतकी पीत शोभित सुखद कुंज

औ” आम्रतरु , काकदल नीड़वासी

लखोगे घिरे वन फलित जंबु तरु से

पहुंचते दशार्ण हंस अल्प प्रवासी

दशार्ण …  अर्थात वर्तमान मालवा मंदसौर क्षेत्र

© प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव ‘विदग्ध’   

A १, विद्युत मण्डल कालोनी, रामपुर, जबलपुर. म.प्र. भारत पिन ४८२००८

≈ ब्लॉग संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक मंडल (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’/श्री जय प्रकाश पाण्डेय ≈

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