श्री एस के कपूर “श्री हंस”

 

☆ “श्री हंस” साहित्य # 162 ☆

☆ गीत – ।। बुला रहा है सबेरा कि सब साथ-साथ चलो ।। ☆ श्री एस के कपूर “श्री हंस” ☆

बुला   रहा   है   सबेरा   कि   सब   साथ-साथ   चलो।

अब नहीं करना है तेरा मेरा कि सब साथ- साथ चलो।।

****

जला सको तो एक दीप जलाओ हम सब के लिए।

हंसा सको तो सबको हंसाओ हम सब के लिए।।

आतंक से लड़ने के लिए भी सब साथ- साथ चलो।

बुला रहा है सबेरा कि सब साथ-साथ चलो।।

***

मिल कर हम चलेंगे तो ही मंजिल की प्रीत पाएंगे।

साथ – साथ ही लड़ेंगे तो ही हम जीत पाएंगे।।

मिलकर रहे हर एक चेहरा सब साथ- साथ बढ़ो।

बुला रहा है सबेरा कि सब साथ-साथ चलो।।

****

जोश एकता सहयोग समय की आज बनी मांग है।

आज हर किसीको भूलना होगा मतभेद का स्वांग है।।

लड़ रही फौज सीमा परआप भी साथ-साथ चलो।

बुला रहा है सबेरा कि सब साथ-साथ चलो।।

****

जान लो देखने को सबेरा जागना बहुत जरूरी है।

जीत लिए कभी नहीं हिम्मत हारना बहुत जरूरी है।।

संकट का समय तो एक ही मंत्र कि साथ-साथ बढ़ो।

बुला रहा है सबेरा कि सब साथ-साथ चलो।।

© एस के कपूर “श्री हंस”

बरेलीईमेल – Skkapoor5067@ gmail.com, मोब  – 9897071046, 8218685464

≈ संपादक – श्री हेमन्त बावनकर/सम्पादक (हिन्दी) – श्री विवेक रंजन श्रीवास्तव ‘विनम्र’ ≈

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