श्री श्याम खापर्डे
(श्री श्याम खापर्डे जी भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी हैं। आप प्रत्येक सोमवार पढ़ सकते हैं साप्ताहिक स्तम्भ – क्या बात है श्याम जी । आज प्रस्तुत है आपकी भावप्रवण कविता “प्रेम का संदेशवाहक…”।)
☆ साप्ताहिक स्तम्भ ☆ क्या बात है श्याम जी # 219 ☆
☆ # “प्रेम का संदेशवाहक…” # ☆
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झुलसाती गर्मी में
बेमौसम
वर्षा की यह फुहारें
कितनी मन को सुकून दे पाती हैं
शरीर और आत्मा
दोनों को
भीतर और बाहर से
कितनी ठंडक पहुंचाती हैं
घर हो या बाहर
सड़क पर या दफ्तर
चिलचिलाती धूप में
गर्मी का कहर
देह को पसीने से
तर-बतर कर देता है
अंदर उमस और बेचैनी
भर देता है
तब शीतल हवा का एक झोंका
पंखे से हो या कूलर से हो
या ए सी से हो
या नीम के पेड़ से
शरीर और मन को
शीतलता देता है
मन हर लेता है
ऐसी तपन में
कहीं से
एक ठंडे पानी का प्याला
मिल जाए तो लगता है
की वर्षों की प्यास बुझ गई
जीवन जीने की एक
आस जग गई
अमराई के
कच्चे आम का शरबत
नींबू का रस भरा शरबत
या गन्ने का मसाले वाला
मीठा रस
ठंडी हवा देता हुआ
खिड़की का खस
स्वर्गीय आनंद देता है
दिलों पर छा जाता है
इस मौसम में
दो प्यासे तन
दो प्यासे मन
जब एक हो जाते हैं
तब वह
प्रेम का संदेशवाहक बनकर
सारी कायनात पर
छा जाते हैं ./
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© श्याम खापर्डे
फ्लेट न – 402, मैत्री अपार्टमेंट, फेज – बी, रिसाली, दुर्ग ( छत्तीसगढ़) मो 9425592588
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